उत्तर प्रदेश के मंत्री बेटे के नाम पर ठगी का पैसा कोलकोता, सिलीगुड़ी और बरेली के बैंक में हुआ जमा
अपराधियों का पनाहगार बनता जा रहा है पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी
अशोक झा, सिलीगुड़ी: पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी इन दिनों अपराधियों और अंतरराष्ट्रीय तस्करों का पनाहगार बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के बेटे की व्हाट्सएप पर तस्वीर लगाकर 2.08 करोड़ रुपये ठगी के मामले में साइबर पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा है। पता चला है कि साइबर ठगों ने बरेली, कोलकाता , बरेली और सिलीगुड़ी स्थित बैंक में रकम को जमा कराया है। जांच में पता चला है कि इन-इन के नाम से ट्रांसफर हुआ पैसा: 68 लाख रुपये गैलेक्सी इलेक्ट्रॉनिक्स (एक्सिस बैंक) कोलकाता, 65 लाख रुपये ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईसीआईसीआई बैंक) बरेली
75 लाख रुपये पीआर ग्लोबलाइजेशन ट्रेडिंग ओपीसी प्रा. लि. (यूको बैंक) सिलीगुड़ी में जमा कराए गए है। पुलिस अब इन तीनों ही खातों का रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है। जांच में यह भी पता चला है कि बरेली के आईसीआईसीआई बैंक, कोलकाता के एक्सिस बैंक और सिलीगुड़ी के यूको में पैसा जमा होने के बाद ठगों ने इन खातों से करीब 60 अन्य बैंक खातों में ठगी की रकम को ट्रांसफर कर दिया है। यह पैसे कोलकाता के अलावा कई अलग-अलग राज्यों में भेजे गए हैं। किसी खाते में 20 हजार तो किसी में लाखों रुपये भेजे गए हैं। पुलिस इन सभी बैंक खातों को फ्रीज करा दिया है। साथ ही खाताधारकों का रिकॉर्ड खंगाल ठगों की पहचान करने में जुट गई है। अफसरों का यह भी कहना है कि पुलिस को गुमराह करने के लिए साइबर ठग इस तरह का काम करते हैं। ताकि साइबर पुलिस उन तक न पहुंच पाए। बहरहाल, किन-किन खातों में पैसा गया है पुलिस सभी की लिस्ट बना चुकी है।बिजनेस डील तय होने की बात कहकर मांगे थे रुपये:कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के बेटे अभिषेक गुप्ता की इकावो एग्रो डेली प्रा. लि. नाम से कंपनी है। एफआईआर में कंपनी में बतौर अकाउंटेंट कार्यरत रितेश श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज आया। इसमें कंपनी के डायरेक्टर अभिषेक की प्रोफाइल फोटो लगी थी। कंपनी के अकाउंट व आवश्यक मीटिंग से संबंधित जानकारी मांगने पर डिटेल भेज दी गई। बिजनेस डील फाइनल होने की बात कहकर बैंक खाता नंबर भेजा और क्लाइंट को पैसा भेजने को कहा था।फर्जी दस्तावेज पर खाता खुलने की आशंका:शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि इन सभी राशियों के ट्रांजक्शन के बाद ठग को यूटीआर नंबर भेज दिया। शाम को जब अभिषेक से बात हुई तो उन्होंने मैसेज भेजने से इन्कार किया।जांच में पता चला है कि इन खातों को फर्जी दस्तावेजों से खोला गया है। बताया गया कि साइबर पुलिस की एक टीम जल्द ही इन ब्रांचों में आएगी। ताकि, इन खातों के बारे में पूरी असलियत सामने आ सके।