महाकुंभ 2025 में डुबकी लगाने उत्तर बंगाल से जाएंगे लाखों सनातनी: महामंडलेश्वर जय किशन गिरि जी महाराज
प्रयाग राज कुंभ स्नान के लिए सिलीगुड़ी में बनाए गए कई संयोजक
– इस वर्ष तीन शाही स्नान, 8 पर्व स्नान होंगे संपन्न, 51 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
अशोक झा, सिलीगुड़ी: 12 वर्ष बाद पूर्ण महाकुंभ इस बार धर्मनगरी प्रयागराज में 10 जनवरी से 26 फरवरी तक लगेगा। इस महाकुंभ में ज्यादा से ज्यादा सनातनियों को इसका लाभ मिले इसका प्रयास साधु संतों के अखाड़ा की ओर से किया जा रहा है। इसी क्रम में सिलीगुड़ी में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर 1008 स्वामी जयकिशन गिरि आए हुए थे। उन्होंने पत्रकारों से महाकुंभ को लेकर विस्तार से बातचीत किया। इस मौके पर उनके साथ सिलीगुडी के विमल डालमिया, निरंजन मित्रुका,ब्रज मोहन गोल्यान, अरुण अग्रवाल और विष्णु केडिया मौजूद थे। ये सभी कुंभ के लिए संयोजक बनाए गए है। महामंडलेश्वर 1008 स्वामी जयकिशन गिरि ने पत्रकारों को महाकुंभ के महत्वों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में श्री गणेशानंद आश्रम कैंप, वृंदावन मोरी रोड, मेला क्षेत्र प्रयागराज इलाहाबाद में लग रहा है। महाकुंभ में 14 जनवरी 25 को पहला शाही स्नान, 29 जनवरी को दूसरा, 3 फरवरी को तृतीय शाही स्नान होगा। इसके अलावा 17जनवरी को संकष्टी चौथ , 25 जनवरी को शटतिल एकादशी, 8 फरवरी जया एकादशी, 13 फरवरी माघ पूर्णिमा तथा 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पर्व स्नान होगा। कुंभ में शाही स्नान में आने वाले सनातनी के लिए निःशुल्क नर सेवा नारायण सेवा के साथ आवासीय वीआईपी सुविधा युक्त व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट तक श्रद्धालुओं के पहुंचने पर कैंप तक लाने व्यवस्था, रहने खाने की व्यवस्था की जाएगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रानी सती दादी भव्य मंगल पाठ, भजन संध्या, अमृत कथा , सुंदर कांड का पाठ का लाभ भी उठा पाएंगे। एक प्रश्न के जबाव में महामंडलेश्वर जयकिशन गिरि ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि उत्तर बंगाल से कम से कम एक लाख से अधिक लोग कुंभ स्नान में भाग लेंगे। जहां तक कुंभ स्नान की बात है सनातन हमेशा वसुदेव कुटुम्बकम् की धारणा से प्रेरित है। कुंभ मेला में गंगा स्नान के लिए किसी भी संप्रदाय के लोग आ सकते है। जहां तक मेला में दुकानें लगाने की बात है उसपर विरोध है। उत्तरप्रदेश राज्य सरकार जिस प्रकार की व्यवस्था कर रही है उसे शदियों तक याद रखा जाएगा। व्यवस्था रामराज्य को याद दिलाती है। आप कुंभ आने पर ही इसके महत्व को जान पाएंगे।