अलविदा मनमोहन सिंह: जाने कैसा रहा पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व पीएम का बचपन से लेकर राजनीति तक का सफर, देश मे सात दिन का राष्ट्रीय शोक

नई दिल्ली। पद्म विभूषण से सम्मानित देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने 26 दिसंबर 2024 की रात एम्स दिल्ली में रात्रि 9:51 बजे अंतिम सांस ली. मनमोहन सिंह के निधन की खबर मिलते ही सभी दल के नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे है. वह देश के 2 बार के प्रधानमंत्री रहे. उनको देश में आर्थिक क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए. उनका जीवन संघर्षों से भरा था. राजनीतिक करियर बेदाग रही. उनके निधन पर देश में सात दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान हुआ है। सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। शुक्रवार सुबह पीएम करेंगे कैबिनेट बैठक।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक होगा. यह शोक पूर्व पीएम के सम्मान में घोषित होगा. शुक्रवार सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है. सरकार आधिकारिक रुप से उन्हें श्रद्धांजलि देगी. बैठक में पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार पर चर्चा हो सकती है. पूर्व पीएम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
डॉक्टर मनमोहन सिंह को एक महान अर्थशास्त्री और विचारक के रुप में जाना जाएगा. 26 सितंबर 1932 में अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में जन्में मनमोहन सिंह की शुरुआती पढ़ाई पंजाब में ही हुई. मनमोहन सिंह के मां का निधन छोटे उम्र में ही हो गई थी. उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने की थी. जन्म के 12 साल तक उनके गांव में बिजली नहीं थी, उन्होंने लालटेन की रोशनी में पढ़ाई की. 14 साल की उम्र में उनका विस्थापन पाकिस्तान से अमृतसर हुआ. वह छात्र जीवन में काफी शर्मीले रूप में पहचान थी. डॉ. सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिकुलेशन की परीक्षाएं पूरी कीं. यहां से वह कैंब्रिज यूनिवर्सिटी यूके गए और जहां उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री हासिल की. वर्ष 1962 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से डी. फिल की डिग्री भी मनमोहन सिंह ने हासिल की. उन्होंने अपने अपने कैरियर की शुरुआत प्रोफेसर के तौर पर की थी. वह वर्ष 1971 में वाणिज्य मंत्रालय के सलाहकार बने और अगले ही साल 1972 में वह मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त हुए.
मनमोहन का सियासी सफर
मनमोहन सिंह वर्ष 1991 से 1996 तक देश के वित्त मंत्री रहे. वह लगातार 5 बार राज्यसभा सांसद भी रहे. वह पहली बार 1991 में राज्यसभा सांसद बने. वर्ष 1998 से 2004 तक राज्यसभा में नेता विपक्ष भी रहे. मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 में पहली बार प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली, उन्होंने 22 मई 2009 में दूसरी बार देश के पीएम बने. वह वर्ष 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे.
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