बंगाल राज्यपाल की चिट्ठी पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुरू की कारवाई
कोलकाता: अफवाह फैलाकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यालय को कथित तौर पर बदनाम करने के लिए कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ गृह मंत्रालय ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है।केद्रीय गृह मंत्रालय ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है।सूत्रों ने इस बाबत जानकारी दी है। सामने आया है कि गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा गोयल और कोलकाता पुलिस उपायुक्त इंदिरा मुखर्जी के संबंध में उस रिपोर्ट के सौंपे जाने के बाद शुरू की है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि वे ”इस तरह काम कर रहे हैं, जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है।
राज्यपाल ने केंद्र को सौंपी थी रिपोर्ट: बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यालय को बदनाम करने के आरोप में अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट मांगी है।राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपी थी और अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे को उजागर किया था कि कोलकाता पुलिस के अधिकारी ने चुनाव बाद राज्यपाल को हिंसा के पीड़ितों से मिलने की अनुमति नहीं दी थी।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की तरफ से प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस अधिकारियों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब करने को राज्य से कहा है। क्या है रिपोर्ट में?: राज्यपाल ने जून के अंतिम सप्ताह में गृह मंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे को उठाया है कि कोलकाता पुलिस के अधिकारी चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि उन्होंने इसके लिए उन्हें जरूरी अनुमति दे दी थी. अधिकारी ने मीडिया से कहा, ‘गृह मंत्रालय ने बंगाल के राज्यपाल बोस द्वारा प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है.’ उन्होंने बताया कि पत्र की प्रतियां चार जुलाई को राज्य सरकार को भेज दी गई थीं। अधिकारी ने बताया कि बंगाल के राज्यपाल ने राजभवन में तैनात अन्य पुलिस अधिकारियों पर अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए मनगढ़ंत आरोपों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। रिपोर्ट अशोक झा