बांग्लादेश के रास्ते भारत में आतंक फैलाने की तैयारी में पाकिस्तान
बांग्लादेश बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के आतंकी संगठन इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी
बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की हिंसा की खबरें आपने लगातार देखीं। आज हम बताएंगे कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के आतंकी संगठन ऑपरेशन ऑक्टोपस के बारे में। जिसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। आखिर क्यों यूनुस एक संगठित आतंकी संगठन खड़ा करना चाहते हैं और इस आतंकी गुट का टारगेट क्या है। सबकुछ जानते हैं। बांग्लादेश के एक वरिष्ठ पत्रकार ने दावा किया है कि मोहम्मद यूनुस एक बड़ा आतंकी संगठन खड़ा करने का प्लान बना रहे हैं। इस संगठन को नाम दिया गया है IRA यानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी। बांग्लादेश से भारत में आतंकी घुस सकते हैं। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है। दरअसल, असम और बंगाल से पकड़े गए गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए है। गिरफ्तार कश्मीरी आतंकी जावेद अहमद मुंशी (58) अबतक सात बार पाकिस्तान के कराची जा चुका है। इस दौरान उसकी कई बार आतंकी संगठन के आकाओं से मुलाकात हो चुकी है। जांच अधिकारियों का दावा है कि नदी मार्ग का यूज करके बांग्लादेश से बंगाल में आनेवाले आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने की राह आसान करने जावेद कश्मीर से कैनिंग पहुंचा था।बंगाल से गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में जांच अधिकारियों को कई तरह की जानकारी मिली है। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में पता चला है कि सीमा पर बीएसएफ की सख्ती के कारण इन दिनों सड़क मार्ग से भारतीय सीमा में प्रवेश करने का रास्ता काफी कठिन हो गया है। इस कारण वह नदी मार्ग से बंगाल की सीमा में बांग्लादेशी आतंकियों के प्रवेश का मार्ग बनाने की कोशिश में था। इसके बाद वह भविष्य में सीमा पार से आनेवाले आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाला था। बांग्लादेश में इस प्लान को यूनुस का ऑपरेशन ऑक्टोपस कहा जा रहा है। आखिर क्यों यूनुस एक संगठित आतंकी संगठन खड़ा करना चाहते हैं और इस आतंकी गुट का टारगेट क्या है। चलिए जानते हैं। हूती और हिज्बुल्ला. गाजा में हमास के खिलाफ इजरायली सैन्य कार्रवाई के दौरान ये दोनों नाम पूरी दुनिया ने सुने। लोगों को पता चला कि ईरान के प्यादे माने जाने वाले ये आतंकी संगठन कितने खतरनाक हैं…और अब इसी मॉडल पर चल रहा है मोहम्मद यूनुस ऑपरेशन ऑक्टोपस। मोहम्मद यूनुस ने जिस IRGC की तर्ज पर इस टेरर गुट को खड़ा करने की साजिश रची है. वो ऑक्टोपस की तरह ही काम करता है। यानी I RGC सिर है और अलग अलग आतंकी संगठन उसकी भुजाएं हैं. IRGC ने लेबनान में हिज्बुल्ला को खड़ा किया। यमन में हूती आतंकियों को हथियारबंद किया।सीरिया में फतेह मियोन और जैन ए बियोन ब्रिगेड को खड़ा किया और इराक में कतैब हिज्बुल्ला को पावरफुल बनाया। इन गुटों के नाम और देश अलग अलग थे, लेकिन टारगेट एक ही था- ईरान का दुश्मन इजरायल।
IRGC का क्या है मॉडल?: IRGC के इसी मॉडल को यूनुस अपनाना चाहते हैं। यानी आतंकवादियों का एक ऐसा नेटवर्क तैयार करना जो बांग्लादेश और उसके साथी देशों के मकसदों को पूरा करे. पाकिस्तान में पहले से ही लश्कर ए तोएबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी गुट सक्रिय हैं. बांग्लादेश में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी को यूनुस खड़ा करना चाहते हैं. इंडोनेशिया में जेम्मा इस्लामिया मौजूद है. फिलीपींस में अबू सय्याफ लगातार आतंकी हमले करता आया है। हथियार पाकिस्तान से बांग्लादेश पहुंचाए गए थे और इन हथियारों की सप्लाई के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है।दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान से आए आतंकी कॉक्स बाजार में रोहिंग्या आतंकी संगठन के लिए नए रंगरूटों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। छोटी खेप में ये हथियार रोजाना चटगांव से कॉक्स बाजार सप्लाई किए जा रहे हैं। रोहिंग्या आतंकियों के नए लश्कर के जरिए मोहम्मद यूनुस एक तीर से दो शिकार करना चाहते हैं। कौन हैं मोहम्मद यूनुस के दो टारगेट और क्या वाकई ये रोहिंग्या आतंकी यूनुस के प्लान को कामयाब कर पाएंगे? बांग्लादेश बॉर्डर पर अराकान आर्मी: अराकान आर्मी… म्यांमार की वो मिलिशिया, जो बांग्लादेश के बॉर्डर पर दस्तक दे रही है. यूनुस के इस प्लान से पर्दा उठाया है बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाऊद्दीन शोएब चौधरी ने, जिन्होंने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, ‘रोहिंग्या मुस्लिमों के आतंकी संगठन ARSA को ISI से हथियार मिल गए हैं. ये हथियार रोहिंग्या कैंप्स में बांटे गए हैं और नए हथियार मिलने के बाद रोहिंग्या आतंकियों ने म्यांमार-बांग्लादेश बॉर्डर पर एक गांव पर हमला भी किया है।दरअसल, बांग्लादेश बॉर्डर पर अराकान आर्मी के आने के बाद से बांग्लादेश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है. अराकान आर्मी ने अब तक हमला नहीं किया है, लेकिन चेतावनी दी है अगर रोहिंग्या आतंकियों को बांग्लादेशी फौज से मदद और शरण जारी रही तो बांग्लादेश बॉर्डर पर वो कार्रवाई के लिए मजबूर हो जाएंगे।इस धमकी के बाद यूनुस सरकार ने रोहिंग्या आतंकियों की मदद से इंकार किया था, लेकिन सच्चाई का खुलासा खुद रोहिंग्या आतंकियों के सरगना अबू अम्मार जुनूनी ने कर दिया, जब उसने एक बयान जारी कर बांग्लादेशी फौज को मदद के लिए शुक्रिया कहा. अबू अम्मार जुनूनी ने कहा, ‘यूनुस को पता है कि अराकान आर्मी के गुरिल्ला वॉरफेयर से बांग्लादेशी फौज को नुकसान होगा. इसी वजह से वो रोहिंग्या आतंकियों को हथियारबंद कर रहे हैं, ताकि जो काम बांग्लादेशी फौज को करना है, वो रोहिंग्या आतंकी करें।क्या है यूनुस की दूसरी साजिश?: ये तो यूनुस का पहला निशाना था, अब समझिए रोहिंग्या आतंकियों के जरिए यूनुस और पाकिस्तान कौन सी दूसरी साजिश को रच रहे हैं. दरअसल, यूनुस पाकिस्तान की तर्ज पर बांग्लादेश में भी Non State Actors पैदा करना चाहते हैं। जिस तरह लश्कर ए तोएबा और जैश ए मोहम्मद के जरिए पाकिस्तान ने भारत में आतंक फैलाया, उसी तरह रोहिंग्या आतंकियों को यूनुस भारत के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते हैं.भारत के लिए चिंता की बात: भारत और बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ करने के लिए कई इलाके पहले से मौजूद हैं. साथ ही साथ भारत में रोहिंग्या घुसपैठिए भी मौजूद हैं. अधिकारिक तौर पर भारत में 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान हैं, लेकिन आशंका जताई जाती है कि ये तादाद लाखों में हो सकती है. ऐसे में घुसपैठ और स्थानीय समर्थन का पूरा ईको सिस्टम पहले से मौजूद है, जिसका इस्तेमाल कर यूनुस रोहिंग्या आतंकियों के जरिए छद्म युद्ध छेड़ने की फिराक में हैं। भारत सरकार को भी यूनुस और पाकिस्तान के इस प्लान की भनक है. यही वजह है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही भारत में घुसपैठियों के खिलाफ अभियान चल रहे हैं। ताकि रोहिंग्या आतंकियों को हमले करने के लिए सपोर्ट सिस्टम ना मिले।