उप्र बस्ती जिले के विकास खंड दुबौलिया की ग्राम पंचायत बरदियालोहर के प्रधान विरुद्ध अनियमितता की शिकायत की जांच में दोषी पाए जाने पर डीएम ने ग्राम प्रधान के अधिकारों को सीज किया है। ग्राम निधि के खातों के संचालन पर भी रोक लगाई है। शिकायत पर डीएम ने तीन अधिकारियों की टीम से जांच कराया था। पांच आरोपों के सिद्ध पाए जाने की रिपोर्ट पर डीएम ने कार्रवाई की। ग्राम पंचायत के विकास को संचालित करने के लिए तीन सदस्यीय टीम को गठिन करने का निर्देश दिया है। डीएम ने सचिव को निलंबित करने के लिए डीडीओ को निर्देशित किया गया है।
ग्राम पंचायत बरदियालोहर के राजस्व गांव रमना तौफीर निवासी सूरज सिंह ने शपथ-पत्र के साथ डीएम को शिकायती पत्र में प्रधान और सचिव के अनियमितता की शिकायती की। यह शिकायत लोकायुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ से भी गई। शिकायत पर पीडी डीआरडीए, उपायुक्त मनरेगा और उपायुक्त वाणिज्य कर की तीन सदस्यीय टीम का गठन हुआ। टीम ने 26 अक्तूबर 2024 को जांच आख्या उपलब्ध कराया। जांच आख्या में प्रधान अंजली और विनय कुमार शुक्ल पर संयुक्त रूप से नियम विरूद्ध प्रधान के नजदीकी रिश्तेदार अर्थात प्रधान के जेठ के नाम से पंजीकृत फर्म पर 33 लाख 62 हजार का भुगतान करने, जीएसटी अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार टैक्स नहीं जमा करने, श्रमिकों के मजदूरी की धनराशि नौ लाख 93 हजार का भुगतान श्रमिकों के खाते में नहीं करके प्रधान के व्यक्तिगत खाते में भुगतान करने के प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए। आरोपों के सापेक्ष नवंबर 2024 में प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
ग्राम सचिव से भी स्पष्टीकरण मांगा गया। स्पष्टीकरण व कारण बताओ नोटिस के सापेक्ष दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं रहा। सचिव और प्रधान ने जीएसटी नहीं काटने के दोषी पाए गए, जबकि लाखों रुपये का भुगतान किया। इतना ही नहीं प्रधान ने शासनादेश के विपरीत 27 बिल बाऊचर्ससापेक्ष नौ लाख 93 हजार रुपये का भुगतान व्यक्तिगत अपने खाते में प्राप्त कर लिया। प्रधान व सचिव ने व्यक्तिगत खाते में मजदूरी की धनराशि लेने का तर्क ग्रामीण बैंक से समयानुारपीएफएमएस नहीं हो पा रहा था, इसलिए व्यक्तिगत खाते में लेकर भुगतान कर दिया गया। इस सफाई को शासनादेश के विपरीत होने के कारण स्वीकार नहीं किया गया।
सभी आरोपों पुष्टि होने पर डीएम ने ग्राम प्रधान अंजली ग्राम पंचायत बरदिया लोहार विकास खंड दुबौलिया के विरूद्ध पंचायतीराज अधिनियम की धारा-95 की उप धारा एक के खंड छह के तहत कार्रवाई प्रस्तावित करते हुए प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार को प्रतिबंधित कर दिया। प्रधान के कार्यों का संपादन करने के लिए ग्राम पंचायत सदस्यों में से तीन सदस्यीय समिति का गठन करने का निर्देश दिया। प्रकरण की अंतिम जांच के लिए जिला विकास अधिकारी को नामित किया गया। डीएम ने डीडीओ को यह भी निर्देश दिया है कि ग्राम विकास अधिकारी विनय कुमार शुक्ल को निलंबित करते हुए सूचित करें।