आम बजट : लघु और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देगा ‘प्रधानमंत्री धनधान्य योजना’

 

अशोक झा, नई दिल्ली: आम बजट में कृषि – ‘प्रधानमंत्री धनधान्य योजना’ का एलान का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने बजट में किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना का एलान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़कर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
– दलहन में आत्मनिर्भरता: इसके लिए खाद्य तेलों के उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा। सरकार छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी ताकि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी। इन एजेंसियों में पंजीकृत किसानों से ये दालें खरीदी जाएंगी। सब्जी, फल और पोषण: श्रीअन्न और फलों की मांग बढ़ती जा रही है। इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर एक योजना शुरू की जाएगी। इसमें कृषि उपज संगठनों बिहार में मखाना बोर्ड: बिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें। मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा।बिहार में नया संस्थान: बिहार में राष्ट्रीय फूड टेक्नोलॉजी संस्थान शुरू किया जाएगा। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों ( एमएसएमई) के लिए घोषणा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों ( एमएसएमई) के लिए घोषणा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों ( एमएसएमई) की संख्या एक करोड़ है और इनसे 5.7 करोड़ लोग जुड़े हैं। यह भारत को दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मददगार है। ये MSME 45 फीसदी निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं। एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा। एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। वर्गीकरण के लए टर्नओवर सीमा दो गुना की जाएगी। कस्टमाइज्ड क्रेडिट: सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी होंगे, जिनकी सीमा पांच लाख रुपये होगी। पहले वर्ष ऐसे 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।टर्म लोन: पहली बार उद्यमी बनने वालों को दो करोड़ रुपये का टर्म लोन दिया जाएगा। इसके दायरे में पांच लाख महिलाएं और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के दायरे में आएंगे।
इन पांच बिंदुओं पर आधारित है बजट 2025-26
विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए,समग्र विकास करने के लिए
निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए,घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने के लिए,मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए, फुटवियर और लेदर के क्षेत्रों के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम शुरू की जाएगी
फुटवियर और चमड़ा उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। भारत को खिलौनों का ग्लोबल हब बनाने के लिए योजना पर अमल किया जाएगा। राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की शुरुआत की जाएगी। इसमें क्लीन टेक विनिर्माण पर जोर दिया जाएगा। नॉन लेदर क्वालिटी के फुटवियर के उत्पादन की मशीनरी, डिजाइन क्षमता, मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाली चीजों को समर्थन प्रदान करने के लिए, लेदर फुटवियर और लेदर उत्पादों को भी समर्थन। महिलाओं के लिए दो करोड़ रुपये का टर्म लोन, एससी, एसटी महिला उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी, जिसमें अगले पांच वर्षों में दो करोड़ रुपये तक का टर्म लोन होगा। अगले पांच वर्षों में दो करोड़ रुपये तक के टर्म लोन के साथ पहली बार उद्यमी बनने वाली एससी, एसटी महिलाओं के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।अटल टिंकरिंग लैब: सरकारी स्कूलों में नवाचार को बढ़ाने के लिए ऐसी 50 हजार लैब स्थापित की जाएंगी। भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू की जाएगी ताकि भारतीय भाषाओं में शिक्षण को बढ़ावा दिया जा सके। स्किलिंग के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्थान
ऐसे पांच संस्थानों की स्थापना होगी। यह मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के उद्देश्य के तहत होगा।आईआईटी में क्षमता विकास, आईआईटी पटना को फायदा, पिछले 10 वर्ष में आईआईटी में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 65 हजार से बढ़कर 1.3 लाख हो गई है। 6500 और छात्रों को प्रवेश देने और उनके छात्रावास बनाने के लिए मदद दी जाएगी। आईआईटी पटना में बुनियादी ढांचे को विस्तार दिया जाएगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शिक्षा के लिए उत्कृष्ट संस्थान की संस्थापना की जाएगी। मेडिकल कॉलेजों में 10 हजार अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी। सभी जिला अस्पतालों में डे केयर केंसर सेंटर बनाए जाएंगे। 2025-26 में ऐसे 200 सेंटर बनाए जाएंगे।ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए भी योजना: सरकार उनके परिचय पत्र बनाने में मदद करेगी और उन्हें ई-श्रम कार्ड मुहैया कराएगी। इससे 1 करोड़ गिग वर्कर्स को फायदा मिलेगा।स्टार्टअप्स के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की फंड ऑफ फंड्स योजना का एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को उभरते उद्यमियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स योजना के एक और राउंड की घोषणा की। यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार स्टार्टअप्स के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने अब तक 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी है। स्टार्टअप इंडिया के लिए एक कार्य योजना 16 जनवरी, 2016 को शुरू की गई थी। उसी वर्ष स्टार्टअप्स की फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) योजना शुरू की गई थी।120 गंतव्यों को जोड़ने के लिए संशोधित ‘उड़ान योजना’ शुरू की जाएगी
केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार अगले 10 वर्षों में 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों की मदद करने के लिए 120 गंतव्यों को जोड़ने के लिए संशोधित उड़ान योजना शुरू करेगी। सीतारमण ने कहा कि सरकार बिहार में भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा भी प्रदान करेगी। इसके अलावा पश्चिमी कोसी नहर के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर भूमि को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सरकार सर्वोत्तम प्रथाओं और राज्य खनन संस्थानों के माध्यम से लघु खनिजों को भी प्रोत्साहित करेगी। सीतारमण ने यह भी कहा कि भारत के ऊर्जा परिवर्तन के लिए 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा आवश्यक है।
अर्बन चैलेंज फंड का ऐलान: 2025-26 के लिए अर्बन चैलेंज फंड के तहत 10,000 करोड़ रुपये आवंटित करेगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार बैंक योग्य परियोजनाओं के 25 प्रतिशत तक के वित्तपोषण के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड स्थापित करेगी और 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। उन्होंने कहा कि इस कोष का उपयोग विकास केंद्रों के रूप में शहरों के प्रस्तावों को लागू करने और रचनात्मक पुनर्विकास के लिए किया जाएगा।12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब आयकर नहीं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में कर छूट के साथ आयकर स्लैब में बदलावों की शनिवार को घोषणा की। वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए उन्होंने 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किए जाने की घोषणा की। इससे 80 हजार रुपये की बचत होगी। वहीं 18 लाख रुपये सालाना आय पर 70 हजार रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स कटौती की लिमिट को बढ़ाकर सीधे दोगुनी करने का एलान किया है। इसके बाद इनके लिए टैक्स छूट की लिमिट 1 लाख रुपये कर दी जाएगी, जो पहले 50,000 रुपये था।नई कर व्यवस्था के तहत संशोधित स्लैब इस प्रकार है:आयकर स्लैब कर दर
4,00,000 रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं
4,00,001 से 8,00,000 रुपये 5%
8,00,001 से 12,00,000 रुपये 10%
12,00,001 से 16,00,000 रुपये 15%
16,00,001 से 20,00,000 रुपये 20%
20,00,001 से 24,00,000 रुपये 25%
24,00,001 से अधिक आय पर 30%
नई व्यवस्था के तहत पुराना कर स्लैब-
आयकर स्लैब कर दर: 3,00,000 रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं, 3,00,001 से 6,00,000 रुपये 5%
6,00,001 से 9,00,000 रुपये 10%,9,00,001 से 12,00,000 रुपये 15%,12,00,001 से 15,00,000 रुपये 20%15,00,001 रुपये से अधिक आय पर 30%अगले सप्ताह संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी सरकार
सरकार ‘पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो’ की अवधारणा को आगे बढ़ाने के लिए अगले सप्ताह संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी। उम्मीद है कि इस विधेयक से वर्तमान आयकर (आई-टी) कानून सरल हो जाएगा तथा इसे समझना आसान हो जाएगा। आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा के लिए सीतारमण द्वारा बजट घोषणा के अनुसरण में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने समीक्षा की देखरेख करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट व समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था। इससे विवाद, मुकदमेबाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी। इसके अलावा, आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां स्थापित की गई हैं।

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