पुलिस मुठभेड़ में मारा गया झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू

लॉरेंस बिश्नोई का करीबी एनकाउंटर में ढेर, कौन था अमन साहू जिसका कनाडा से मलेशिया तक था कनेक्शन?

 

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर में मारा गया। घटना मंगलवार की सुबह पलामू में हुई, जब कुख्यात को रांची पुलिस की टीम रायपुर से पूछताछ के लिए रिमांड पर रांची ला रही थी।इस दौरान उसने जवान पर गोली चलाई। हमले में जवान घायल हो गया। फायरिंग के बाद एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कुख्यात गैंगस्टर को ढेर कर दिया।गैंगस्टर अमन साहू फिलहाल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जेल में था, जहां से उसे झारखंड की राजधानी रांची लाया जा रहा था। इस बीच पलामू के चैनपुर के पास उसने भागने की कोशिश की और पुलिस ने एनकाउंटर में उसे ढेर कर दिया। पलामू की एसपी रेशमा रमेशन ने एनकाउंटर की पुष्टि की है।बता दें कि अमन साहू का नाम NTPC डीजीएम मर्डर केस में भी सामने आया था। हाल ही में 8 मार्च को झारखंड के हजारीबाग जिले में एनटीपीसी के डीजीएम रैंक के अधिकारी कुमार गौरव की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने घात लगाकर इस वारदात को अंजाम दिया था और मौके से फरार हो गए थे। वारदात को उस समय अंजाम दिया गया था, जब डीजीएम कुमार गौरव सुबह एनटीपीसी के केरेडारी स्थित दफ्तर जा रहे थे। कुमार गौरव की पीठ में गोली लगी थी, उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इस हत्याकांड से अमन साहू का नाम जोड़ा जा रहा था।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग अमन का कनेक्शन: 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में आने वाला अमन साहू 30 साल का होते होते पूर्वी भारत का एक बड़ा गुंडा बन चुका था। गृह मंत्रालय के अनुसार उसने हायर सेकेंडरी तक पढ़ाई की है।कनाडा-मलेशिया से ऑपरेट होता था फेसबुक: बताया जाता है कि अमन साहू का फेसबुक अकाउंट ‘अमन सिंह’ नाम का व्यक्ति कनाडा से ऑपरेट करता है, जबकि एक अन्य अकाउंट ‘सुनील राणा’ नाम का व्यक्ति मलेशिया से देखता है, अमन खुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी बताता है। कहा जाता है कि वह बिश्नोई को गुर्गे सप्लाई करता था और बदले में हाईटेक हथियार प्राप्त करता था. अमन साहू की AK-47 के साथ तस्वीरें वायरल हुई थी. अमन को महंगे कपड़ों का भी शौक है।दिल्ली में भी दर्ज हैं 2 केस: गैंगस्टर अमन साहू के खिलाफ दिल्ली में भी 2 मामले दर्ज हैं. बिश्नोई गैंग से गठजोड़ के बाद दिल्ली के मालवीय नगर में रंगदारी के लिए धमकी भरा कॉल किया था. माना जाता है कि लॉरेंस की तरह अमन ने भी अपने शूटरों को विदेश में सेटल किया हुआ है।एनआईए कर चुकी है छापेमारी: गौरतलब है कि अमन साहू पर इसी साल जनवरी में एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में रांची और हजारीबाग जिले के तीन ठिकानों पर करीब छह घंटे तक छापेमारी की थी। इस दौरान एक एसयूवी, सीसीटीवी का डीवीआर और बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़े कागजात जब्त किए गए थे.।उस समय अमन साहू पलामू जेल में बंद था , लेकिन उसका टेरर नेटवर्क झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में बेखौफ तरीके से संचालित हो रहा था।हाल के महीनों में उसके गैंग से जुड़े कई अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ATS की जांच के दौरान ये भी ये बात सामने आ चुकी है कि उसके संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से हैं। अमन साहू रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था। उस पर झारखंड में रंगदारी, हत्या, एक्सटॉर्शन सहित 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे। वह एक समय में हार्डकोर नक्सली भी रह चुका था और करीब 2013 में उसने अपना गैंग बनाया था। कोरबा में हुए गोलीकांड के बाद रायपुर पुलिस ने उसके 4 गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया था। हाल ही में रायपुर के शंकर नगर इलाके में एक व्यापारिक साझेदार के घर के बाहर फायरिंग की घटना के बाद से रायपुर पुलिस उसे पकड़कर पूछताछ कर रही थी।अमन साहू का नाम कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी जोड़ा जाता था। सूत्रों के मुताबिक, अमन लॉरेंस को गुर्गे सप्लाई करता था और बदले में हाईटेक हथियार प्राप्त करता था। रायपुर के तेलीबांधा इलाके में बिल्डर के कार्यालय पर 13 जुलाई को हुई फायरिंग के मामले में भी अमन के गैंग का नाम सामने आया था।यह मुठभेड़ पलामू जिले के चैनपुर में हुई है। अमन पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ की रायपुर जेल में बंद था। झारखंड पुलिस ने उसे हाल में अंजाम दी गई घटनाओं के संबंध में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ उस समय हुई जब गैंगस्टर अमन साव के गिरोह के सदस्य उसे पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे।पुलिस की टीम उसे सोमवार रात रायपुर से लेकर रांची ला रही थी। बताया गया कि रायपुर से रांची के रास्ते में चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोढा नामक जगह पर अमन के गैंग ने पुलिस की गाड़ी पर बम से हमला किया। इससे पुलिस की गाड़ी असंतुलित हो गई। पुलिस का दावा है कि अमन साहू ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की और पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा।पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसने फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें अमन साहू मारा गया। पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अमन साहू की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि मुठभेड़ में एक जवान को भी गोली लगी है। मौके पर एंबुलेंस को भेजा गया है।कौन था अमन साहू? अमन साहू रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव का रहने वाला था। आपराधिक मामलों की जांच में यह बात सामने आई थी कि अमन साहू के संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से हैं। वह पहले झारखंड की सरायकेला जेल में बंद था। 14 अक्टूबर, 2024 को छत्तीसगढ़ की पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर ले गई थी। तभी से वह रायपुर जेल में बंद था। न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमन साहू दो मामलों में अदालत से सजायाफ्ता था। झारखंड के रामगढ़ के एक आपराधिक मामले में उसे छह साल और लातेहार के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। तीन दिन पहले रांची में कोल ट्रांसपोर्टर बिपिन मिश्रा पर फायरिंग की घटना की जिम्मेदारी अमन साहू के गैंग ने ली थी। अमन के सबसे खास गुर्गे मयंक सिंह ने इसे लेकर बकायदा सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था। शनिवार को हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम (डिस्पैच) कुमार गौरव हत्याकांड में भी पुलिस को अमन साहू गैंग का हाथ होने का संदेह था।इन दोनों मामलों में पुलिस उससे पूछताछ करना चाहती थी। सोमवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि अमन साहू जैसे गैंगस्टर जेल से ही आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसके लिए वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता है। राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक दिन पहले कहा था कि झारखंड में अधिकतर अपराध की साजिशें जेलों के अंदर रची जाती हैं और आपराधिक गिरोहों की मदद से उसे अंजाम दिया जाता है। उनके इस बयान के एक दिन बाद यह घटना सामने आई है।

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