काशी में कैदियों के लिए चेंज मेकर बना रजत सिनर्जी फाउंडेशन
अर्थ दण्ड के बदले सजा काट रहे निर्धन कैदियों का रजत सिनर्जी फाउंडेशन ने भरा था अर्थ दण्ड

वाराणसी। अग्रणी सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षिक संस्था रजत सिनर्जी फाउंडेशन ने चेंज मेकर बनकर वर्ष 2020 में उन कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल की, जो न्यायालय द्वारा लगाये गये महज चंद रूपये के अर्थ दण्ड के बदले जेल की दीवारों में कैद रहने को मजबूर थे। कारण कि उनकी व उनके परिजनों की आर्थिक हालात इतने खराब थी कि वो महज हजार रूपये अर्थदंड जमा करने में असमर्थ थे। माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अर्थ दण्ड की मार झेल रहे निर्धन कैदियों और उनके परिजनों के दर्द को महसूस ही नही किया वरन केन्द्र सरकार के माध्यम से बजट में जमानत राशि के भुगतान के लिए प्रावधान करते हुए रजत सिनर्जी फाउंडेशन के इस मुहिम को बल प्रदान किया।
सूच्य हो कि विगत 2020 में जिला कारागार में अर्थ दण्ड के बदले सजा काट रहे छः कैदियों ओम प्रकाश राजभर, श्रीकांत पांडेय, अमन कुमार, हसन रजा खां, बेचू प्रजापति व धर्मेन्द्र के हालात की जानकारी होते ही रजत सिनर्जी फाउंडेशन के रजत मोहन पाठक ने की उनकी रिहाई की पहल शुरू की, कैदियों के इस आश्वासन के साथ कि वो ईमानदारी और मेहनत के साथ अपनी नई पहचान बनाएगें। रजत सिनर्जी फाउंडेशन के लीगल एडवाइजर अंशुमान त्रिपाठी (एडवोकेट) के माध्यम से फाउंडेशन ने न्यायालय से कैदियों की ओर से अर्थ दण्ड जमा करने की अनुमति मांगी और जिसके लिए न्यायालय ने अनुमति प्रदान कर दिया। तत्काल ही फाउंडेशन द्वारा दो कैदियों के अर्थ दंड जमा करा दिये गये। जिसके बाद न्यायालय ने उनकी रिहायी के लिए आदेश जारी कर दिया और इसी के साथ फाउंडेशन ने अर्थ दण्ड से पीड़ित कैदियों की रिहाई के लिए मुहिम की शुरूवात की। ताकि वो अपनों के साथ मिलकर मेहनत से अपने जीवन की नई शुरूवात करें और गर्व के साथ समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
रजत सिनर्जी फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती भारती पाठक ने बताया जब किसी कुनबे का सदस्य खासकर जिस पर पूरा परिवार आश्रित हो और वो परिजनों से दूर हो जाए तो परिवार भूखमरी के हालात में आ जाता है, आवेश व उत्साह में आकर की गई एक गलती के कारण कुनबे के हर सदस्य को एक जून की रोटी के लिये संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में इन निर्धन कैदियों को अर्थ दण्ड जमा करना नामुनकिन हो जाता है और वो महज चंद रूपये के अर्थ दण्ड के बदले जेल की दीवारों में कैद रहने को मजबूर जाते है। उन्होंने माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री एवं वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार की यह पहल रजत सिनर्जी फाउंडेशन के अन्त्योदय सेवा की मुहिम को बल प्रदान करता है, जिसके लिए फाउंडेशन परिवार उनका आभार प्रकट करता है। साथ ही सिनर्जी परिवार अन्त्योदय सेवा के लिए संकल्पित है, ताकि पंक्ति के अन्तिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचा सके। राष्ट्रीय नेतृत्व ने समाज के निचले व मजबूर तबके जिनकी ओर किसी का ध्यान ही नही जाता की पीड़ा पर मरहम लगाया, उनके दर्द को महसूस किया। जो सरकार की मंशा ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ के साथ अन्त्योदय के लाभ को प्रकट करता है।