सरहद पर दुश्मनों से लड़ने के बाद सुपरटेक बिल्डर से घर के लिए लड़ रहे पूर्व सैनिक का दर्द सुनिए, दर्द बांटने का दिल करे तो खबर शेयर करें

नोएडा। यूपी के शो-विंडो में बिल्डरों के हाथों ठगे गए लाखों घर खरीदारों की पुकार, पीड़ा व दर्द को देखकर,सुनकर किसी के भी दिल गुस्सा, आक्रोश की सूनामी आ सकती है। बिल्डरों के हाथों में लाखों रुपये देने के बाद ठगे महसूस कर रहे घर खरीदारों के दर्द का आलम इससे एक लगाया जा सकता कोरोना में पति को खो चुकी एक महिला खरीदार ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगा चुकी है तो पाकिस्तान सरहद पर तैनात रहे एक सैनिक की नोएडा में घर खरीदने के लिए लाखों रुपये देने के बाद किस तरह परेशान है उसकी पीड़ा को रोमिंग एक्सप्रेस के नाम मिली उनकी पाती को पढ़कर अंदाजा लगाया जा सकता है। आशीष रावत नामक इस सैनिक की पीड़ा अकेली नहीं है उनके साथ सुपरटेक बिल्डर के हाथों परेशान तमाम घर खरीदार शामिल है।
मैं देश का एक जिम्मेदार सैनिक हूं, अपने देश से बहुत प्रेम करता हूं, चाहता हूं मेरी सामर्थ्य के अनुसार मूझसे जो बन पाए वो देश के लिए करूं लेकिन मेरा देश बस आगे तरक्की करे। सभी देशवासी खुश और स्वस्थ रहें। ईश्वर की कृपा से सब कुछ मिला, खुशियां भी मिली और दुःख भी, ये तो जीवन का नियम ही है, ईश्वर का प्रसाद है। वैसे भी इस दुनिया से कौन क्या ले कर गया है आज तक। सपने भी कोई ज्यादा नहीं रहे मेरी ज़िन्दगी में, जितना मिला ईश्वर से उसमें भी खुश था, लेकिन जब परिवार की बात आती है तब इंसान की इच्छाएं भी बढ़ जाती हैं जो कि स्वाभाविक हैं और मैंने भी ऐसा ही किया सोचा बच्चों के लिऐ एनसीआर में घर बुक करा लूं, क्योंकि सेना में हर 3- 4 साल में शहर बदलना पड़ता है तो मैं साल 2011 में श्रीनगर कश्मीर से दिल्ली पोस्टिंग आ गया था पूरा पैसा तो नहीं था READY TO MOVE फ्लैट के लिऐ , पर तभी सुपरटेक बिल्डर के द्वारा सबवेंशन पेमेंट प्लान सुझाया गया जिसमें ECOVILLAGE-4 project के नाम से जो की एक under construction project था शुरू होने वाला था और दिसंबर 2018 में compleate होना था ऐसा उनके द्वारा बताया गया था। सब्वेंशन पेमेंट प्लान के अंतर्गत सुपरटेक ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ मिलकर ये स्कीम उतारी थी जिसमें ये एग्रीमेंट किया गया कि उक्त प्लान में आपको अपने फ्लैट पर कब्ज़ा मिलने तक जो भी होम लोन की प्री ईएमआई होगी वो बिल्डर के द्वारा इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस को दी जाएगी, तो आपकी देनदारी फ्लैट पर कब्ज़ा मिलने के बाद शुरू होगी,हालाकि इस स्कीम के तहत फ्लैट की कीमत अन्य प्लानों से तो अधिक थी, लेकिन मुझे इस बात पर कि मुझे कब्जे तक केवल बुकिंग अमाउंट ही देना है और फ्लैट पूरा होने तक लोन के अमाउंट की EMI चूंकि प्लान के अनुसार आपको नहीं देनी है तो आप तब तक एक बड़ी सेविंग भी कर लेंगे, जिसके बाद पजेशन पर आप उस सेविंग अमाउंट से होमलोन का प्रिंसिपल कम कर लेंगे और उसके बाद अपनी ईएमआई भी आप आसानी से मैनेज कर लेंगे मुझे 2BHK फ्लैट के लिऐ राजी कर लिया गया, जबकि इन दोनों ने यह बात जानते हुऐ कि इस प्रकार की सबवेंशन स्कीम को RBI और NHB ने समय समय पर दिशा निर्देश देते हुऐ अवैध बताया है बायर्स को बेचा और फिर एक दिन वही हुआ, फ्लैट का कब्ज़ा का वादा इन्होंने दिसंबर 2018 तक बताया था, लेकिन ना इन्होंने समय सीमा तक फ्लैट का निर्माण किया बल्कि लोन की देय ईएमआई का भुगतान भी इनके द्वारा सितंबर 2018 के बाद बंद कर दिया गया, जिससे इंडियाबुल्स को लोन की ईएमआई न मिलने के कारण पूरी ईएमआई की देनदारी मुझ पर ही डाल दी गई, मैं काफ़ी समय से बीमार था फिर भी मैने लगभग 20 महीने तक की ईएमआई का भुगतान अपनी जेब से किया, लेकिन महीनों बाद भी जब न तो फ्लैट पर कुछ काम हुआ और न बिल्डर द्वारा ईएमआई का भुगतान किया गया,तो मैं अपने को ठगा सा महसूस करने लगा, क्योंकि मेरा सेना से रिटायरमेंट का समय भी कम रह गया था, और मेरी सेंविंग भी ईएमआई की वजह से शून्य हो गई थी, जिससे मुझे रिटायरमेंट के बाद का अपना करियर, परिवार व दोनों बच्चों और पुनर्निवास का डर सताने लगा, और इस कारण मैं लगभग साथ महीने तक डिप्रेशन में चला गया, फिर दवाई और काउसलिंग के ज़रिए किसी प्रकार उस भयानक बीमारी से मैं कैसे अपने को बाहर लेकर आया ये केवल मैं ही जानता हूं। मेरी उस हालात के जिम्मेवार कहीं न कहीं ये लोग ही थे, मैंने अपनी तरफ़ से जहां जहां तक शिकायत करनी थी वहां की, UP RERA के द्वारा भी रिफंड का ऑर्डर 2020 में मिला लेकिन तब भी उस पर इनके द्वारा कुछ नहीं किया, RERA भी जैसे इनके सामने लाचार था, उसके बाद फिर NCDRC,NCLT, पर भी केस फाइल किए, लेकिन उसमें भी समय ही निकलता गया लेकिन कोई परिणाम न मिला, फिर जब मार्च 2022 में प्रॉजेक्ट पर NCLT कोर्ट द्वारा CIRP लगाया गया लेकिन आज लगभग एक वर्ष होने को हैं और CIRP के बावजूद भी प्रोजैक्ट का रेजोल्यूशन नहीं हो पाया है, जैसा 5 साल पहले था वैसा ही है, RP साहब रेजोल्यूशन के नाम पर बस CIRP का समय बढ़ाने की ही बात करते हैं, मेरी तरह हज़ारों होमबायर्स बस इसी आस में बैठे हैं की शायद कुछ अच्छी न्यूज़ मिल जाए और जो खून पसीने की पूंजी हमने लगाई थी, उसका सही मोल हमें मिले, लेकिन अभी तक के हालातों से तो बस यही प्रतीत होता है कि एक बिल्डर के सामने सभी शासन, प्रशासन, पुलिस और न्यायालय या तो लाचार हैं या आंख मूंदे हैं, इन छोटी छोटी बातों से शायद ही इन्हें कुछ ख़ास फ़र्क पड़ता हो, सभी शुरू से लेकर चाहे बिल्डर,बैंक,प्रशासन या न्यायालय हों सभी हमारे साथ खेल ही खेल रहे हैं। सर्वोच न्यायालय से तो मैं यही कहना चाहूंगा कि जज साहब बिल्डिंग को तुड़वाने से ही केवल न्याय नहीं होता, जोड़ने से भी न्याय होता है।