गंगा किनारे नमो घाट पर सुनी मन की बात 

सकारात्मकता का प्रकाश स्तम्भ है - मन की बात

वाराणसी। भारत के प्रत्येक व्यक्ति के हृदय को छूने और आलोकित करने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मन की बात की सौवीं कड़ी को नमामि गंगे ने गंगा किनारे भव्य नमो घाट पर नागरिकों के साथ सुना । विदित हो कि मन की बात कार्यक्रम जनता के साथ संवाद का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस कार्यक्रम का देश के लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनने के लिए नमो घाट पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए । सभी समुदाय एवं वर्ग के लोगों ने पीएम मोदी की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि मन की बात” ने भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपरा में सामान्य लोगों की रुचि को पुनर्जीवित किया है । मन की बात के सौवें संस्करण में भी प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने संस्कृति, परंपरा, लोक कला, वोकल फॉर लोकल, आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण में रुचि को पुनर्जीवित करते हुए लोगों के दैनिक विषयों पर चर्चा की । भारत की समृद्धिशाली विरासत के उत्थान हेतु लोगों को जागरुक किया । जमीनी स्तर पर लोगों को पहचान दिलाती ‘ मन की बात ‘ की सौवीं कड़ी से पीएम मोदी ने समस्त देशवासियों से एक बार फिर से आवाह्न किया कि वह देश की विकास यात्रा में शामिल हों । नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की भावनाएं समझते हैं और उन्होंने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से आम नागरिकों की उपलब्धियों को उजागर किया है। कहा कि यही कारण है कि प्रधानमंत्री विश्व के सर्वाधिक प्रमुख नेताओं में एक हैं। आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, प्रीति जायसवाल, कोमल सेठ, राजेंद्र सेठ, मनीष श्रीवास्तव, श्वेता श्रीवास्तव, आशुतोष तिवारी एवं बड़ी संख्या में सभी वर्गों के नागरिकगण उपस्थित रहे ।

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