ED ने कोर्ट के समक्ष 28 पन्नों की रिपोर्ट ,बताया गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों जरूरी

नई दिल्ली: शराब नीति घोटाला मामलें में गिरफ्तार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर शुक्रवार को अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट के समक्ष 28 पन्नों की एक रिपोर्ट पेश की जिसमें बताया गया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों जरूरी थी।
इस पूरे घोटाले में एक नाम सबसे पहले लिया जाता है, वो है विजय नायर का। तो जानते हैं आखिर विजय नायर कौन है और कैसे विजय नायर की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के एक-एक कर कद्दावर नेता सलाखों के पीछे जाते चले गए। विजय नायर कभी आम आदमी पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्ता हुआ करता था और आज दिल्ली के शराब घोटाला कांड में एक अहम किरदार है। साल 2021 में सीबीआई ने नायर को गिरफ्तार किया था. तरक्की की बात करें तो विजय नायर ने पार्टी में काफी अहम मुकाम हासिल किया। गिरफ्तारी के वक्त नायर आम आदमी पार्टी में सोशल मीडिया प्रभारी के पद पर था।
सीबीआई की पहली FIR में था विजय नायर का नाम
विजय नायर का नाम पहली बार उस एफआईआर में आया, जिसमें 15 लोगों को नामजद किया गया था। इसी एफआईआर में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को भी आरोपी बनाया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि नायर ने घोटाले में एक शराब कंपनी के मालिक से रिश्वत ली थी। इस दौरान AAP की ओर से एक बयान सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि नायर पार्टी के संचार प्रभारी हैं और इससे पहले वे पंजाब और गुजरात में इसी क्षेत्र में काम करते रहे हैं। आप ने उस वक्त ये भी आरोप लगाया था कि पार्टी के अभियानों को कुचलने के लिए ये विपक्ष की चाल है। साल 2014 में विजय नायर आम आदमी पार्टी से जुड़े। करीब पांच वर्षों तक उन्होंने सोशल मीडिया, इवेंट कम्यूनिकेशन के साथ-साथ पार्टी के अन्य कार्यक्रमों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई. पार्टी के एक नेता ने मीडिया को बताया था कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में नायर का कद उस वक्त बढ़ा जब उन्होंने केजरीवाल के लिए कैंपेन और मैनेजमेंट किया। ऐसे में AAP में जमी विजय नायर की धाक: नायर के साथ काम कर चुके एक पूर्व AAP सदस्य ने द प्रिंट को बताया था कि नायर पार्टी के लिए पैसे जुटाने के टास्क पर भी काम करते थे. साल 2019 में नायर ने आम आदमी पार्टी के लिए मार्केटिंग और कम्यूनिकेशन के लिए पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया. पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने AAP को राजनीति, चुनावी घोषणापत्र और नीतिगत मामलों में भी सलाह देना शुरू कर दिया। यह भी कहा गया है कि नायर ने पार्टी के लिए ज्यादातर पर्दे के पीछे रहकर काम किया है। उस वक्त आप विधायक आतिशी मार्लेना ने भी उन्हें एक सामान्य कार्यकर्ता बताया था. साल 2020 में जैसे ही अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने, वैसे ही नायर ने अपनी सक्रियता को आगे बढ़ाया और पर्दे के सामने रहकर अपना काम शुरू किया. हालांकि नायर पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य नहीं थे। AAP से पहले नायर का क्या था करियर?: आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले विजय नायर मुंबई की ओनली मच लाउडर (ओएमएल) कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) थे. ये कंपनी देश में लाइव म्यूजिक शो समेत कई तरह के इवेंट आयोजित कराती है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2014 में नायर कुल 10 मिलियन डॉलर का बिजनेस किया था। नायर को फॉर्च्यून इंडिया 40 अंडर 40 लिस्ट में शामिल किया गया था, जो हर साल प्रभावशाली युवा नेताओं की पहचान करती है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में नायर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का भी केस सामने आया था। इसमें दावा किया गया था ओएमएल में उन्होंने महिलाओं के लिए एक असुरक्षित माहौल बनाया। आरोप है कि उन्होंने अपनी एक महिला कर्मचारी को अपने साथ बाथटब में आने के लिए कहा। इसके अलावा नायर पर और भी कई आरोप लगाए गए।शराब घोटाले में कब हुई नायर की गिरफ्तारी: दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने साल 2021 में विजय नायर को गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शराब घोटाले में नायर की अहम भूमिका रही है। दावा ये भी किया जा रहा है कि विजय नायर ने ही पूरे शराब घोटाले की पटकथा तैयार की थी। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में विजय नायर ने सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम लिया था, जिसके बाद ये मामला पूरे तरह से आम आदमी पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं की ओर मुड़ गया. फिलहाल विजय नायर जेल में बंद है. उनके अलावा दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और के कविता भी जेल में है। रिपोर्ट अशोक झा

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