प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग वाली अपील को खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि क्या वह ठीक हैं, जो प्रधानमंत्री, गृह मंत्री पर उन्हें किडनैप करने और पूर्व सीजेआई पर भी मनगढुत आरोप लगा रहे हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिका में लगाए गए आरोप केवल याचिकाकर्ता की कल्पनाओं की उपज है और उनमें कोई दम नहीं है। हाई कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता पर नजर रखे और देखे कि वह मानसिक रूप से ठीक है या नहीं, जरूरत पड़े तो तुरंत कार्रवाई करे।
एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए अपनी सिंगल बेंच के मई में पारित आदेश को सही ठहराया। जस्टिस सचिन दत्ता ने दीपक कुमार नाम के पायलट द्वारा याचिका को ‘दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया था। कुमार ने इसमें दावा किया था कि मोदी ने झूठी शपथ ली है कि वह भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे। याचिका में कहा गया कि 2024 के आम चुनावों के लिए वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने की झूठी शपथ ली। आरोप लगाया कि मोदी साजिश रच रहे हैं और आतंकवादी गतिविधि में शामिल हैं। उन्होंने कहा था कि मोदी ने उस विमान को दुर्घटनाग्रस्त करके याचिकाकर्ता को मारने की कोशिश की, जिसकी कमान उनके पास थी। याचिका के शब्दों में “मोदी और उनके सहयोगियों पर आपराधिक साजिश की जांच करने का आरोप है, जहां उम्मीदवार मोदी के आरोपी सहयोगियों ने 08.07.2018 की उड़ान एआई 459 की घातक दुर्घटना की योजना बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने की कोशिश की थी।“ कुमार की मांग थी कि मोदी की झूठी शपथ की प्रभावी और समयबद्ध तरीके से जांच की जानी चाहिए और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो उन्हें किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने से रोक दिया जाना चाहिए।