बस्ती जिले में अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खंड प्रथम कार्यालय में जांच पूरी कर्मचारियो से हुई एक करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी

बस्ती जिले में अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खंड प्रथम कार्यालय में जांच पूरी कर्मचारियो से हुई एक करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी

उप्र बस्ती जिले में अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खंड प्रथम कार्यालय में वेतन के नाम पर करीब 1.23 करोड़ रुपये के गोलमाल की विभागीय जांच पूरी हो चुकी है। वेतन से अधिक भुगतान की गई रकम की भी विभागीय अधिकारियों ने रिकवरी कर ली है। अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार ने बताया कि अतिरिक्त वेतन रिकवरी करने के साथ ही चार सदस्यीय जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कोतवाली में तहरीर दी जा चुकी है। पुलिस विभाग के अधिकारियों को जांच रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई जा रही है। कोतवाल विजय कुमार दुबे का कहना है कि विभागीय जांच रिपोर्ट मिलते ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।
करीब तीन साल से इस विभाग में चल रहे खेल का खुलासा होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था। अभिलेखों की जांच में पता चला कि खंड में कार्यरत कुल पांच कर्मियों के खाते में वेतन के अतिरिक्त 1.23 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इस रकम में से 1.13 करोड़ रुपये तो सिर्फ दो कर्मचारियों के खाते में भेजा गया था। इन पांचों कर्मियों के साथ वेतन लिपिक को भी निलंबित कर दिया गया। विभागीय जांच में सामने आया कि कार्यालय के अभिलेख में आरोपी कर्मियों का वेतन सही दर्ज किया गया है, जबकि ऑनलाइन फंड ट्रांसफर में ही यह खेल किया गया। जिसकी वजह से यह गोलमाल पकड़ में नहीं आ सका। आरोपी दो कर्मचारियों ने निलंबन से पूर्व ही खाते में आए अधिक वेतन को राजकोष में जमा करा दिया था। इसके बाद से विभाग का फोकस शेष तीन कर्मियों से रिकवरी पर हो गया था। कर्मचारियों ने अतिरिक्त वेतन की रकम को लगभग चुका भी दिया है। इससे विभाग की राजस्व क्षति की रिकवरी हो गई। लेकिन आर्थिक अपराध से जुड़े से इस प्रकरण में विभागीय जांच रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिलने के कारण अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है।
पूरा मामला वेतन से अधिक 1.23 करोड़ रुपये के भुगतान का खुलासा होने के बाद अधिशासी अभियंता स्तर से गत 28 जून को पांच कर्मियों को नोटिस जारी किया था। वेतन मद में ली गई अधिक धनराशि का कारण स्पष्ट करते हुए तत्काल राजकीय कोष में जमा करने को कहा गया। प्रकरण में आरोपी टिण्डैल महेन्द्र कुमार ने तीन लाख 28 हजार 736 और मेट घनश्याम ने दो लाख 66 हजार 268 रुपये वेतन से अधिक ली गई धनराशि को चालान के माध्यम से राजकीय कोष में जमा करा दिया। लेकिन वरिष्ठ सहायक अरविन्द कुमार ने 55 लाख 22 हजार 40 रुपया, कनिष्ठ सहायक ओमनरायन पाठक ने तीन लाख पांच हजार 299 रुपया और सींच पर्यवेक्षक हरिश्चंद्र ने 61 लाख 19 हजार 644 रुपया जमा नहीं कराया था। प्रकरण में अधीक्षण अभियंता स्तर से वरिष्ठ सहायक अरविन्द कुमार, कनिष्ठ सहायक ओमनरायन पाठक, सींच पर्यवेक्षक हरिश्चंद्र व वेतन लिपिक रमेश चंद्र को निलंबित कर दिया गया। वहीं अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार ने टिण्डैल महेन्द्र कुमार और मेट घनश्याम को निलंबित कर दिया था। विभाग की मानें तो सभी निलंबित कर्मचारियों ने वेतन मद में ली गई अधिक धनराशि को जमा करा दिया है

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