ममता बनर्जी की सरकार 3 सितंबर को एंटी रेप लॉ बिल लाएगी, बलात्कारी को तुरंत फांसी की मांग पर

इसका सिर्फ राजनीतिक लाभ छोड़ दूसरा कोई औचित्य नहीं


अशोक झा, कोलकोता: बंगाल सरकार ट्रेनी डॉक्टर मामले के गुस्सा का शांत करने के लिए एक और काम करने जा रही है।
विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर नया बिल लाएगी। सरकार ने 2 और 3 सितंबर को विधानसभा का अति विशेष सत्र बुलाया है। उसके अलावा बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता रेप मर्डर केस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों की केवल एक ही सजा है- फांसी पर लटकाना। लेकिन कानून के जानकार मानते है की अगर ऐसा कोई कानून बन भी गया तो बिना केंद्र के अनुमोदन के वह कार्यकारी नही होगा। इतना ही नहीं जिस ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या की गई है उसपर भी यह कानून लागू नही होगा। विपक्ष राज्य सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगा रहा है। इस बीच सीएम ममता बनर्जी रेप के मामलों में दोषियों को सख्त सजा दिलाने सख्त कानून लाने जा रही हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने रेप के दोषियों के लिए अलग से मृत्युदंड विधेयक लाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी ले ली है। यह विधेयक विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में पारित होगा। इसके बाद मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। बुधवार को एक जनसभा में सीएम बनर्जी ने कहा था कि दो दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र लाया जाएगा। इसका मकसद केस और फैसले की प्रक्रिया में तेजी लाना। इसमें राज्य सरकार बलात्कारियों को मृत्युदंड दिलाने के लिए बलात्कार विरोधी कानून पारित करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य केस और फैसले की प्रक्रिया में तेजी लाना है। उनकी सरकार बलात्कारियों को 10 दिन में मृत्युदंड देना चाहती है। विधेयक के मसौदे को कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। 2 और 3 सितंबर को विशेष सत्र में इसे पारित किया जाएगा। मसौदे में क्या है?: रेप या रेप और मर्डर के मामले की फास्ट ट्रैक सुनवाई प्रक्रिया। पीड़ित और आरोपी की जल्द से जल्द मेडिकल जांच। दोषी साबित होने पर तुरंत मौत की सजा।
रेप और मर्डर के मामले की सुनवाई के मामले में केंद्र भी फास्ट ट्रैक प्रक्रिया को बदले। कोलकाता हाई कोर्ट के वकील के अनुसार, राज्य सरकार के लिए राज्य के लिए मृत्युदंड पर कानून लाने का कोई प्रावधान नहीं है। यह केवल लोकसभा और राज्यसभा के जरिए किया जा सकता है। इसे फिर से सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया जा सकता है। ममता बनर्जी सिर्फ राजनीति के लिए कर रही हैं। इस विधेयक में वैधता और न्याय करने का अधिकार नहीं है। इसका राजनीतिक लाभ के अलावा कोई भविष्य नहीं है। तो राजभवन के सामने धरने पर बैठ जाएंगी: अगर बीजेपी इस बिल का समर्थन करती है तो ममता अपनी मांग को सही साबित करेंगी। अगर विरोध करती है तो ममता कहेंगी कि बीजेपी बलात्कारियों को फांसी या सजा देने के लिए तैयार नहीं है। अगर राज्यपाल बिल पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो ममता राजभवन के सामने धरने पर बैठ जाएंगी।
राजनीतिक लाभ के लिए ये नाटक कर रही हैं। इसको लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य सरकार के लिए राज्यवार मृत्युदंड पर इस तरह का कानून लाने का कोई प्रावधान नहीं है। देश के लिए कानून लाने का हक संसद के पास है। ममता बनर्जी सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए ये नाटक कर रही हैं।

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