एआई तकनीक में संपूर्ण शिक्षण प्रक्रिया को सरल और अधिक कुशल बनाने की क्षमता : डॉक्टर कल्याण खान


अशोक झा, सिलीगुड़ी: मेयो कॉलेज जनरल काउंसिल, अजमेर के सहयोग से सिलीगुड़ी स्थित मयूर स्कूल शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूल सेवक रोड स्थित उत्तर बंगाल मारवाड़ी पैलेस में भव्य शिक्षक सम्मेलन का आयोजन किया गया। शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भूमिका और लाभ विषय पर जमकर चर्चा की गई। चर्चा में भाग ले रहे मुख्य अतिथि अर्जुन मांतू घोष , देवकल्प घोष, जाहर दास, डॉ. कल्याण खान चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य, जलपाईगुड़ी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, परितोष महतो सहायक प्रोफेसर- बी.एड कॉलेज, सिलीगुड़ी विद्यासागर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, मेयर स्कूल से प्रतिनिधि सुश्री स्टेफी प्रसाद लाइफ कोच, अध्यक्ष एडुटेक काउंसिल पश्चिम बंगाल (डब्ल्यूआईसीसीआई) और शिक्षा नेता यूटोपिया लाइफ कोच का स्वागत किया गया। इस मौके पर स्कूल के चेयरमैन विमल डालमिया ने कहा की आज हम शिक्षक दिवस पर एकत्र हुए है। शिक्षा और शिक्षक के साथ स्कूल की बात ना हो तो यह बेमानी होगी। इन दिनों देखा गया है की देश के अच्छे स्कूल कॉलेज 100 फीसदी नंबर लाने वाले विद्यार्थियों को नामांकन देकर चमकाने में लगी है। जबकि ठीक इसके विपरित मयूर स्कूल मात्र 30 फीसदी अंक पाने वाले छात्रों को अपने यहां नामांकन देकर उसे 100 फीसदी बनाना है। मंच से बबिता डालमिया ने कहा की शिक्षक ही बच्चे को महान बना सकता है। जीवन में गुरु और शिक्षक का विशेष महत्व है। बच्चे देश का भविष्य तो शिक्षक भविष्य निर्माता। इस मंथन से जो अमृत निकाला उसके अनुसार एआई तकनीक में संपूर्ण शिक्षण प्रक्रिया को सरल और अधिक कुशल बनाने की क्षमता है। यह बात स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था। आज हमारे रोज़मर्रा के जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई उदाहरण मौजूद हैं, जैसे कि गूगल मैप्स, विभिन्न राइड-हेलिंग एप्लिकेशन, फेस डिटेक्शन सॉफ़्टवेयर, टेक्स्ट एडिटर या ऑटोकरेक्ट, सर्च रिकमेंडेशन, चैटबॉट, डिजिटल असिस्टेंट, ई-पेमेंट और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) टूल आदि। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे AI तकनीक शिक्षकों को अधिक प्रभावी ढंग से पढ़ाने में मदद कर सकती है। ऐसे कई वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म हैं जो उच्चारण, व्याकरण आदि जैसे पहलुओं पर वास्तविक समय की प्रतिक्रिया के साथ भाषा के पाठ प्रदान करते हैं। यही बात ऑनलाइन सीखने के लिए भी कही जा सकती है।शिक्षण-अधिगम विधियों को प्रभावी बनाना।बेहतर शिक्षक-छात्र संचार में सहायता करना।
वास्तविक समय पर प्रतिक्रिया प्रदान करना, लचीला शिक्षण वातावरण स्थापित करना, विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए समावेशी शिक्षण-अधिगम सामग्री तैयार करना। स्कूल को एआई को कैसे विकसित करता है? शिक्षा के साथ प्रौद्योगिकी के सम्मिश्रण की लगभग दो दशकों की विरासत के साथ यह छात्रों को अधिक ‘प्रौद्योगिकी’ संवेदनशील भी बनाता है – जो आज के कॉर्पोरेट वातावरण के लिए एक आवश्यक शर्त है। बातचीत आकर्षक, संवादात्मक और जीवंत है। शिक्षा क्षेत्र में एआई की भूमिका निरंतर विकसित हो रही है। जैसे-जैसे विज्ञान आगे बढ़ रहा है, एआई तकनीकें और अधिक परिष्कृत होती जा रही हैं। इसलिए, शैक्षणिक समुदाय के सभी हितधारकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षा के सही संचार के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साझा लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए। इससे शिक्षार्थियों को अधिक लचीलेपन के साथ आवश्यक कौशल प्राप्त करने, समझने और जोड़ने में मदद मिलेगी। इस मौके पर स्कूल के चेयमैन विमल डालमिया, आदित्य डालमिया, चित्राश डालमिया, बिमला डालमिया सहित स्कूल के प्रबंधन की ओर से आए शिक्षक शिक्षिकाओं तथा अतिथियों का स्वागत किया गया।

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