सीएम ममता के साथ बैठक के लिए रवाना हुई जूनियर डाक्टरों की टीम

अशोक झा, कोलकोता: पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को एक और दौर की बातचीत के लिए बुधवार (18 सितंबर) को साढ़े छह बजे आमंत्रित किया है। अभी अभी जूनियर डाक्टरों की टीम नवान्न रवाना हुए है। बैठक में क्या हल निकलता है यह देखा जायेगा। मुख्य सचिव मनोज पंत ने दोहराया कि सरकार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर काम पर लौटने की अपील को दोहराती है. उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है और बड़ा इलाका जलमग्न हो गया है।प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच 48 घंटे के भीतर यह दूसरे दौर की बातचीत होगी. पहले दौर की बातचीत सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में हुई थी. पंत ने एक ई-मेल में कहा, ‘आप जानते हैं कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है और बड़ा इलाका जलमग्न हो गया है. स्थिति के मद्देनजर हम फिर से अपील करते हैं कि आप व्यापक जनहित में अपने काम पर लौट आएं और आम लोगों की सेवा करें. मैं, कार्यबल के अन्य सदस्यों के साथ आपके 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से आज शाम साढ़े छह बजे नबन्ना में ऑडिटोरियम में मुलाकात करूंगा। डॉक्टरों ने की थी ये मांग: इससे पहले पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मुख्य सचिव मनोज पंत को ईमेल भेजकर अस्पतालों में सुरक्षा जैसे कुछ महत्वपूर्ण ‘‘अनसुलझे मुद्दों’’ को सुलझाने के लिए चर्चा की मांग की. ये मुद्दे धरना खत्म करने की उनकी पहले की शर्त के रूप में शामिल हैं. डॉक्टरों ने बुधवार सुबह खत्म हुई अपने शासी निकाय की बैठक के संदर्भ में ईमेल भेजा था. डॉक्टरों ने सरकारी अस्पताल परिसरों के अंदर रक्षा एवं सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए प्रस्तावित बैठक के एजेंडे में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेष कार्य बल के गठन के वादे तथा इसका विवरण शामिल किए जाने का जिक्र किया।डॉक्टरों ने ईमेल में क्या लिखा?: अपने ईमेल में डॉक्टरों ने लिखा, ‘मुख्यमंत्री के साथ हमारी पिछली बैठक के संदर्भ में हम दोहराना चाहेंगे कि हमारी पांच सूत्री मांगों के संबंध में कुछ प्रमुख बिंदु थे जिनका समाधान नहीं हो पाया. खास तौर पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के विकास, सुरक्षा, रक्षा और मौजूदा धमकी भरे माहौल की संस्कृति से संबंधित हमारे चौथे और पांचवें मुद्दे का समाधान नहीं हो पाया है.’ बता दें कि सोमवार (16 सितंबर) रात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में उनके कालीघाट स्थित आवास पर डॉक्टरों और सरकार के बीच हुई बैठक के विवरण में चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए उठाए गए कदम के तहत एक कार्य बल गठित करने की आपसी सहमति की पुष्टि की गई।

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