इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ममता से किया जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं का समाधान का आग्रह

अशोक झा, सिलीगुड़ी: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं का समाधान करने का गुरुवार को आग्रह किया। IMA ने कहा कि कामकाज के लिए सुरक्षित वातावरण की मांग विलासिता नहीं बल्कि एक जरूरी चीज है।
इस पत्र में आईएमए ने कहा कि पश्चिम बंगाल के युवा डॉक्टर्स लगभग एक हफ्ते से भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उनकी जायज मांगों का समर्थन करता है. उनकी मांगें शांतिपूर्ण वातावरण और सुरक्षा से संबंधित हैं. आईएमए ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में सक्षम है।सरकार से जान बचाने की अपील: आईएमए ने ममता सरकार से अपील की कि वो डॉक्टरों की मांगों को पूरा करें।उन्होंने कहा कि भारत का पूरा मेडिकल समुदाय चिंतित है और सरकार से उनकी जान बचाने की अपील कर रहा है. एसोसिएशन आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।अनशन खत्म करने का आग्रह: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने डॉक्टरों से भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया है और उन्हें अपने स्वास्थ्य को प्रभावित किए बिना अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने की सलाह दी है. बोस ने जूनियर डॉक्टरों के पिछले पांच दिनों के अनशन के कारण उनकी स्वास्थ्य की बिगड़ती स्थिति से चिंता जतायी।बोस की यह अपील कुछ डॉक्टरों द्वारा उनसे हस्तक्षेप करने के आग्रह किये जाने के बाद आयी है सूत्र ने बताया कि इसके बाद, राज्यपाल धर्मतला में भूख हड़ताल स्थल पर जूनियर डॉक्टरों से मिलने गए और उन्हें आश्वासन दिया कि वे स्थिति से निपटने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए जल्द ही एक शांति बैठक आयोजित करेंगे।
भूख हड़ताल खत्म करने की अपील: अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल शनिवार से भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारी युवा चिकित्सकों की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं। बंगाल के लोगों, भारत के नागरिक समाज की ओर से उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की। राज्यपाल ने युवा डॉक्टरों से कहा कि वे अपना विरोध प्रदर्शन अपनी स्वास्थ्य स्थिति को प्रभावित किए बिना जारी रखें। ये है डॉक्टर्स की मांग: डॉक्टर्स की मांग है कि अस्पतालों के लिए एक सेंट्रलाइज्ड रेफरल सिस्टम की स्थापना की जाये।कार्यस्थलों पर उचित सुविधाएं सुनिश्चित हो और अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाये। बेड वैकेंसी मॉनीटरिंग सिस्टम लागू किया जाये। स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती हो। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरा जाये।

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