जहरीली शराब ने फिर बिहार में 26 लोगों को बनाया अपना शिकार

भ्रष्टाचार के पाइप से बिहार में होता है नकली शराब सप्लाई, बंगाल से है कनेक्शन


अशोक झा, पटना: बिहार में भले ही शराबबंदी लागू हो। लेकिन ऐसा नहीं है कि लोग पी नहीं रहे हैं। बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब कांड का मामला प्रकाश में आया है, जहां 26 लोगों की मौत हो गई। नकली और जहरीली शराब का कनेक्शन बंगाल बिहार सीमांचल से जुड़ा हुआ है। बिहार के हर क्षेत्र में बंगाल से ही जाता है। यह सप्लाई भ्रष्टाचार के पाइप से प्रतिबंध के बाद भी घर घर में बह रही है। बिहार के सीवान और छपरा जिले में जहरीली शराब से लोगों की मौत की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। मृतक लोगों के परिजनों के मुताबिक, उनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। इन सभी ने घटना से दो दिन पहले शराब पी थी। 12 से ज्यादा लोग बीमार पड़े हैं। उनका इलाज अलग अलग अस्पतालों में चल रहा है. इनमे दो लोगों की आंख की रोशनी चली गई है। सीवान एसपी ने जिले में अवैध शराब पीने से 26 लोगों की मौत की पुष्टि की है। घटना से हड़कंप मचा हुआ है।
सीवान और सारण में शराब पीने से हुई मौतों ने तांडव मचा दिया है। कई गांवों में मातम पसरा हुआ है। मृतकों के परिजन मौत की वजह जहरीली शराब बता रहे हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से इसको लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है।कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। उनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। बिहार में 2016 से शराबबंदी है, इसके बाद भी जहरीली शराब से मौतों के मामले सामने आते रहते हैं।पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज : मंगलवार-बुधवार को हुई घटना के बाद सीवान एसपी ने एक थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया है, वहीं 2 चौकी इंचार्ज सस्पेंड किए गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया। छापेमारी की जा रही है। 9 लोगों की गिरफ्तारी की खबर है। सिवान पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों से जानकारी देने की अपील की है। स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट रखा गया है। जो लोग बीमार हुए हैं उनका इलाज जारी है। मंगलवार-बुधवार को हुईं मौतें: लोगों की संदिग्ध मौतों का मामला मंगलवार-बुधवार को सामने आया। सीवान के सीमावर्ती सारण जिले के मशरक थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में दो लोगों की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई और एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर शाम तक जिले में कई मौतों के मामले सामने आए। इसके साथ ही सिवान जिले में भी ऐसी घटना से हड़कंप मच गया। पुलिस प्रशासन को खबर मिलने पर अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचे। उन्होंने वहां घटना की जानकारी ली। मछली पार्टी में जमकर छलकाए गए थे जाम: बीते मंगलवार को सिवान जिले में सात जबकि सारण जिले में एक व्यक्ति की मौत की खबर थी। घटना जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र की बतायी जा रही है। घटना के बाद महाराजगंज के एसडीपीओ मौके पर कैंप किए हुए हैं। वहीं सारण जिले के मशरख में एक व्यक्ति की मौत की खबर है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि एक दिन पहले ही इलाके में मछली पार्टी का आयोजन किया गया था। जिसमें शराब का भी सेवन किया गया। शराब के पीने के बाद से ही इसे पीने वाले लोगों की तबियत खराब होने लगी। जिसके बाद सबको अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अवैध शराब होती है जानलेवा: ज्यादातर लोगों को यह भ्रम होता है कि देशी शराब या कंट्री मेड लिकर पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह और यही कभी-कभी जहरीली हो जाती है, जिससे इसके सेवन से जान चली जाती है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. कानूनी तरीके से देशी शराब बनाने के लिए सरकार बाकायदा लाइसेंस देती है। इसे देशी शराब के ठेकों पर बेचा जाता है। वहीं, जो शराब जहरीली हो जाती है उसे अवैध तरीके के बनाया जाता है। सामान्य भाषा में इसे कच्ची शराब भी कहते हैं। इसे उन इलाकों में चोरी छुपे बेचा जाता है, जहां श्रमिक वर्ग या छोटा-मोटा काम करने वाले लोग रहते हैं। क्योंकि ये देशी शराब के मुकाबले सस्ती पड़ती है, इसलिए कम आय वर्ग के लोग इसका सेवन करते हैं और जान गंवा देते हैं।
कैसे बनती है अवैध शराब: जाहिर है कि ये गैरकानूनी तरीके से बनाई जाती है। नकली शराब के जहरीली होने की वजह है इसको बनाने की प्रक्रिया।क्योंकि इसे बनाने में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है, इसलिए यह जानलेवा हो जाती है।क्योंकि उन्हें इसके आसवन या बनाने की सही प्रक्रिया का ना तो ज्ञान होता है और ना ही वो इसकी परवाह करते हैं। इसके आसवन यानी डिस्टिल करने की प्रक्रिया मुश्किल होती है, इसे एक एक्सपर्ट ही ठीक तरीके से कर सकता है। इसको बनाने की प्रक्रिया में पहले मिथाइल निकलता है और उसके बाद इथाइल निकलता है। ये पता होना जरूरी है कि कैसे इथाइल को अलग किया जाएगा। अगर मिथाइल को ठीक तरीके से अलग नहीं किया गया तो पूरी शराब ही जहरीली हो जाती है।
किन चीजों से बनती है अवैध शराब: आमतौर पर गुड़, पानी, यूरिया आदि के जरिए कच्ची या नकली शराब बनाई जाती है। इसमें कई ऐसे केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होते हैं। लंबे समय तक इसे रखने से इसमें कई बार कीड़े भी चले जाते हैं, जो शराब जहरीली होने का कारण बनते हैं. इन्हें सड़ाने के लिए ऑक्सीटॉक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें नौसादर, बेसरमबेल की पत्ती और यूरिया भी मिलाया जाता है. ये शरीर के लिए काफी खतरनाक होते हैं. जब इसमें जब यूरिया, ऑक्सीटॉक्सिन, बेसरमबेल की पत्ती वगैरह मिलाकर फर्मेंटेशन यानी किण्वन कराया जाता है, तो इन रसायनों के मिलने से मिथाइल एल्कोहॉल बन जाता है, जो बहुत खतरनाक साबित होता है।अवैध शराब क्यों होती है जानलेवा: ये शरीर में जाकर फार्मेल्डिहाइड या फार्मिक एसिड नामक जहर बनती है. ये जहर दिमाग पर सीधा असर करता है. मिथाइल अल्कोहल शरीर में जाते ही तेज केमिकल रिएक्शन करता है. शरीर के अंगों पर असर करता है और वो काम करना बंद कर देते हैं. मिथाइल अल्कोहल से निकलने वाला फार्मिक एसिड शरीर के नर्वस सिस्टम को ब्रेक डाउन करता है। कई बार शराब को अधिक नशीला बनाने के चक्कर में इसमें यूरिया और ऑक्सिटोसिन मिला देते हैं, जो मौत की वजह बढ़ा देती है।क्या असर करता है फार्मिक एसिड: जहरीली शराब में फार्मिक एसिड काफी अधिक होता है। तमाम दिक्कतें भी उसी वजह से आती हैं। चींटी जब काटती है तो शरीर में बेहद कम मात्रा में फार्मिक एसिड छोड़ती है लेकिन हम उसे सहन नहीं कर पाते हैं। शराब में मौजूद फार्मिक एसिड उससे लाखों या करोड़ों गुना ज्यादा असर दिखाता है।
शरीर पर और क्या असर होता है: डॉक्टरों के अनुसार जहरीले पदार्थ के सेवन से मरीज कार्डियोमायोपैथी और आप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाते है़ं. कार्डियोमापैथी में मरीज के हार्ट का साइज बड़ा हो जाता है़। जिससे हार्ट खून की सप्लाई बेहतर तरीके से नहीं करता है. इससे मरीज को हार्ट अटैक हो जाता है़।आप्टिक न्यूरोपैथी में आंख की नस सूख जाती है। जिससे मरीज को दिखना बंद हो जाता है। वह अंधा हो सकता है।

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