क्रिसमस पर लाइटों से सजे चर्च और शहर तो तुलसी पूजन से दीपों से घर आंगन होगा जगमग
सैकड़ों तुलसी पौधों का हुआ वितरण तुलसी पूजन पर केक नहीं बनाए जा रहे है स्वाजिष्ट व्यंजन
अशोक झा, सिलीगुड़ी: आज 25 दिसंबर को एक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में मना रहे हैं। क्रिसमस से पहले ही लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगा रखे है और इसे अलग-अलग ऑर्नामेंट्स से सजाया गया है। वही दूसरी ओर सनातन को मानने वाले तुलसी दिवस मनाने के लिए तुलसी के पौध वितरण और पूजा के महत्व को बता रहे है। सनातन धर्म ध्वज वाहक के रूप में निरंतर काम कर रहे सीताराम डालमिया, राकेश अग्रवाल तथा सुशील रामपुरिया ने बताया कि इस वर्ष जागरूकता के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घर द्वार को दीप से जगाने में लगे है। अक्सर देखा जाता था कि क्रिसमस के नाम पर नहीं जानते हुए भी लोग केक काटकर यह उत्सव मनाते थे। जब से आज के दिन तुलसी दिवस का प्रचार प्रसार प्रारंभ हुआ है तो लोग अब केक नहीं घर में स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में व्यस्त हो गए है। एक प्रश्न के जबाव में कहा कि हम सनातनी किसी धर्म का विरोध नहीं करते है बल्कि अपने धर्म और संस्कृति की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे है।वहीं आज क्रिसमस पर कई जगहों पर 25 दिसंबर यानी क्रिसमस के खास अवसर पर पार्टियों का आयोजन भी किया जा रहा है।आज के दिन सुबह से ही लोग प्रभु यीशु की प्रार्थना करने के लिए अलग अलग चर्चों में जाते है। भारत में क्रिसमस के मौके पर कई राज्यों के गिरजाघरों को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया है। शहर में हर तरफ लोगों की भारी भीड़ देखी गई। साथ ही बंगाल में भी लोगों में खास उत्साह देखा गया। चर्च को क्रिसमस के खास अवसर पर बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। वही दूसरी ओर तुलसी पूजन दिवस की तैयारी जोर शोर से की जा रही है। बताया गया कि
सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से तुलसी माता की पूजा और उनकी उपासना के लिए समर्पित है।मान्यताओं के अनुसार, मां तुलसी की पूजा-अर्चना करने पर घर से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती है। साथ ही घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। देवी-देवताओं का आगमन होता है, जिससे घर में सुख और समृद्धि आती है। आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों को सर्व रोग निवारिणी कहा गया है। यह कई बीमारियों के लिए घरेलू नुस्खा भी होता है। हिंदू धर्म में तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है, और यह विश्वास है कि तुलसी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। तुलसी पूजन का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत अधिक है, लेकिन इसका सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भी गहरा प्रभाव है। तुलसी का पौधा घरों में विशेष रूप से पूजा स्थानों पर लगाया जाता है और इसकी देखभाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसे “जीवित देवी” के रूप में पूजा जाता है, और मान्यता है कि इसकी पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे व्यक्ति का जीवन अधिक फलदायी और समृद्ध होता है।तुलसी के पौधे के पास दीपक लगाना – शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक लगाना और उसकी पूजा करना। तुलसी पत्र चढ़ाना – तुलसी के पत्ते देवी विष्णु को समर्पित करना। गंगाजल छिड़कना – तुलसी के पौधे पर गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करना। मन की शुद्धि और समृद्धि के लिए प्रार्थना – इस दिन विशेष रूप से समृद्धि, सुख, और परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है।
तुलसी पूजन के लाभ: तुलसी पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।तुलसी का पौधा घर में सौभाग्य और शांति का प्रतीक माना जाता है।तुलसी के सेवन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। इस दिन, समाज में तुलसी के महत्व को याद करने और उसे सम्मान देने का अवसर मिलता है, जिससे हम अपने जीवन को और अधिक समृद्ध और सफल बना सकते हैं।