तीस्ता से हो रहे नुकसान के लिए जीटीए और राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार : सांसद राजू बिष्ट

प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय से किया है ठोस करवाई का अनुरोध

सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग कालिंगपोंग में तीस्ता उफान पर है लगातार इसके चपेट में सड़क और कई घर आ चुके है। इस नुकसान के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है तो जीटीए और राज्य सरकार। यह कहना है सांसद राजू बिष्ट का। इन्होंने कहा की तीस्ताद्वारा आगे और अधिक नुकसान को रोकने के लिए निवारक उपाय करने के बार-बार अनुरोध के बावजूद, पश्चिम बंगाल सरकार और गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन दोनों ने तीस्ता नदी के किनारे रहने वालों के सामने आने वाले खतरे के प्रति आँखें मूंद ली हैं। कान नहीं खोले हैं, तीस्ता फिर से बाढ़ में है और यह तीस्ता बाजार और आस-पास के इलाकों को अपनी चपेट में लेने की धमक दे रही है। लोप्चू-पेशोक के माध्यम से तीस्ता को दार्जिलिंग से जोड़ने वाली सड़क भी खतरे में है। यह पश्चिम बंगाल सरकार और जीटीए द्वारा ऐसी बाढ़ को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाने में विफलता के कारण हो रहा है। जबकि 4 अक्टूबर में हुई त्रासदी को आठ महीने से अधिक हो चुके हैं। अक्टूबर 2023 से, कलिम्पोंग और सिक्किम के सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाले NH-10 के खंड, जो बाढ़ में बह गए हैं, अभी तक ठीक से ठीक नहीं किए गए हैं। सड़क का यह खंड पश्चिम बंगाल पीडब्ल्यूडी के एनएच डिवीजन के अधीन है, जिसके कारण नियमित रूप से बंद हो जाता है। यह देखते हुए कि यह एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जो चीन की सीमा से सटा हुआ है। सड़कों की समय पर मरम्मत न होना न केवल स्थानीय लोगों के लिए कठिनाइयाँ प्रस्तुत करता है। यह देखते हुए कि पश्चिम बंगाल सरकार तीस्ता बाढ़ पीड़ितों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रही है। सांसद ने कहा की मैंने लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अध्यक्ष के रूप में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लोगों के सामने आने वाले गंभीर खतरे की जांच करने के लिए कृपया एक केंद्रीय टीम तैनात करें। तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लोगों के जीवन को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। रिपोर्ट अशोक झा

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