सनातन है तो भारत का संविधान है, विश्व में घटित घटना ज्वलंत उदाहरण

12 जनवरी को सिलीगुड़ी में होंगे गौतम खट्टर, जो बताएंगे सनातन की चुनौतियां और भारत का भविष्य

 

– इंट्री पास के लिए महिलाओं और युवाओं में देखा जा रहा है ज्यादा क्रेज
अशोक झा, सिलीगुड़ी: सनातन धर्म के विरुद्ध विपक्षी नेताओं के बयानों की गाली-गलौज भरी बौछारें देखकर पुरानी हिन्दी फिल्म का चर्चित गीत ‘अच्छों को बुरा साबित करना दुनिया की पुरानी आदत है’ याद आता है। दुनिया की यह आदत रही होगी किन्तु भारतवर्ष की सनातन संस्कृति में उसकी मूलभूत विशेषता सहिष्णुता के कारण यह आदत कभी नहीं रही। सनातन है तो संविधान है इस बात को सभी को जानना जरूरी है।भारत के प्राचीन इतिहास को दबाकर रखा गया, इसके दर्शन की उपेक्षा की गई, विवेक, विद्वता और विवेचन से पूर्ण रचनाओं, वेद, उपनिषद, महाभारत आदि को अध्यात्म की श्रेणी में रखकर पीढ़ियों को उससे दूर रख दिया गया। इसलिए विरासत पर बल देने की जरूरत महसूस होना स्वाभाविक ही है। लेकिन यह बौद्धिक आलस्य का कारण भी बन गया। हमारी लेखनी और भाषणों में प्राचीन घटनाएं, साहित्य और नायक आसानी से उद्धृत होते हैं। पर यहीं विराम लग जाना बौद्धिक चोरी वैसे ही है जैसे परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए विद्यार्थी कुंजी से काम चलाता है। इन सभी विषयों पर चर्चा करने 12 जनवरी को विश्व युवा संत स्वामी विवेकानंद जन्म जयंती के अवसर पर सर्व हिन्दी विकास मंच द्वारा ” सनातन की चुनौतियां और भारत का भविष्य” हम जागेगें, देश जागेगा को अपनी धार देने आ रहे है मुख्य वक्ता गौतम खट्टर (संस्थापक – सनातन महासंघ ) प्रबल सनातन संस्कृति संवाहक एवं प्रखर वक्ता सिलीगुड़ी आ रहे है। यह कार्यक्रम सेवक रोड स्थित उत्तरबंग मारवाड़ी सेवा पैलेस में शाम को आयोजित होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष करण सिंह जैन, संयोजक सीताराम डालमिया, सह संयोजक अतुल शर्मा, स्वागताध्यक्ष: निशीथ अग्रवाल, कार्यवाहक सचिव कल्याण साह , जनसंपर्क प्रमुख विनोद अग्रवाल (विन्नू) और बाबू लाल नेमानी सक्रिय है। कार्यक्रम के संयोजक सीताराम डालमिया ने बताया कि कार्यक्रम के लिए इंट्री पास की व्यवस्था की गई है। देखा जा रहा है कि महिलाएं और युवाओं में इसको लेकर ज्यादा क्रेज ही। डालमिया ने बताया कि लैंड जिहाद, लव जिहाद पर समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सज्जन शक्ति का प्रयास रहे की बालिकाओं को सनातनी संस्कारों से शिक्षित किया जाए ताकि कोई भी विधर्मी उनके धर्मांतरण का प्रयास करें तो वह उसका समुचित उत्तर दे सकें।सनातनियों ने हमेशा सम्पूर्ण विश्व को अपने परिवार की तरह माना, जबकि बाकी दुनिया ने व्यापार की तरह देखा। सनातनी हमेशा सभी प्राणियों के कल्याण की भावना करते हैं, जबकि इस्लाम में कुरान की आयतें काफिरों को समाप्त करने या धर्मांतरण पर बल देती हैं। उन्होंने बाइबल को उद्धृत करते हुए कहा कि सेक्शन 34, 35, 36 में तीन जगह पर लिखा गया है कि बाइबल विश्व मे शांति के लिए नहीं है। परिवार की एकरूपता को विखंडित कर परिजनों के बिखराव की जननी है।आने वाली पीढ़ियों की रक्षा हेतु धर्म जागरण अभियान चला रहें हैं आप भी उनके साथ मिलकर समाज के लिए लड़ो।लड़ नहीं सकते तो लिखो। लिख नहीं सकते तो बोलो।बोल नहीं सकते तो साथ दो।साथ भी नहीं दे सकते तो जो लिख बोल और लड़ रहे है उनका तन मन धन से सहयोग करो। ये भी ना कर सको तो उनका मनोबल ना गिराये क्योकि वो आपके हिस्से की लड़ाई लड़ रहे है।मनु को गाली देने वालों पहले मनुस्मृति पढ़ो फिर उसको गाली देना ! संविधान तब तक है जब तक मनुवादी जिंदा हैं जिस दिन मनु स्मृति सच में जल गाएगी उस दिन शरिया लागू होगा और संविधान कुछ कट्टरपंथियों द्वारा सबसे पहले फाड़ा जाएगा !आज के नेता, अभिनेता, लेखक, बुद्धिजीवी, पत्रकार, कलमकार, कवि, कथावाचक, आचार्य, मंडलेश्वर, शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, जगतगुरु और सामाजिक धार्मिक संगठन चलाने वाले 20 वर्ष बाद आपके परिवार को बचाने नहीं आएंगे बल्कि अपना परिवार लेकर ख़ुद ही भाग जायेंगे। यदि समान शिक्षा, समान नागरिक संहिता, समान धर्मस्थल संहिता, समान जनसंख्या संहिता, समान दंड संहिता, समान पुलिस संहिता, समान न्याय संहिता, समान प्रशासनिक संहिता और समान कर संहिता तत्काल लागू नहीं किया।तो 20 वर्ष बाद भगवान विष्णु, शंकर, राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर और गुरु गोविंद सिंह जी की मूर्ति तोड़कर अपना खतना करवाना होगा अन्यथा राज कपूर, राजेंद्र कुमार, विनोद खन्ना, प्रेम चोपड़ा, यश चोपड़ा, रोशन साहब, शेखर कपूर, गुलजार, सुनील दत्त, लाला अमरनाथ, मिल्खा सिंह, खुशवंत सिंह, मनमोहन सिंह, इंद्र कुमार गुजराल, राम जेठमलानी और आडवाणी जी की तरह अपना मकान-दुकान, खेत-खलिहान, उद्योग व्यापार छोड़कर भागना पड़ेगा। प्रश्न यह कि अफ़गानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश और मालदीव से भागकर तो भारत आए लेकिन भारत से भागकर कहां जायेंगे घटेंगे तो कटेंगे: जब जब घटे-तब तब कटे ,जहां-जहां घटे, वहां-वहां कटे। लव जिहाद, ड्रग जिहाद, घुसपैठ जिहाद, धर्मांतरण जिहाद और जनसंख्या जिहाद के कारण भारत के 9 राज्यों, 200 जिलों और 1500 तहसीलों में खत्म हो चुके हैं

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