संदेशखाली हिंसा: अशांत क्षेत्र से लौटने के बाद बंगाल के राज्यपाल दिल्ली रवाना

कोलकाता: बंगाल में अशांत क्षेत्र बना संदेश खाली का विरोध के बीच राज्यपाल ने दौरा किया। वहां से लौटने के बाद दिल्ली रवाना हुए है। हालांकि राज्यपाल ने राष्ट्रीय राजधानी की अपनी अनिर्धारित यात्रा के बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन राजभवन के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पूरी संभावना है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे और उन्हें संदेशखाली में जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। एक सूत्र ने कहा, “संदेशखाली के लोगों, विशेषकर महिलाओं ने, राज्यपाल को जो बताया वह काफी चौंकाने वाला था। संदेशखाली में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की तैनाती की मांग की गई है, क्योंकि वहां के लोगों को फरार तृणमूल कांग्रेस नेता और 5 जनवरी को ईडी और सीएपीएफ कर्मियों हमले के मास्टरमाइंड शेख शाहजहां के हाथों उत्पीड़न से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली राज्य पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। दिल्ली रवाना होने से पहले, मीडियाकर्मियों ने राज्यपाल से सवाल किया कि क्या वह संदेशखाली में जमीनी हकीकत पर केंद्र सरकार को कोई रिपोर्ट देंगे, जिस पर बोस ने कहा कि वह जब भी और जहां भी आवश्यक होगा, विवरण के बारे में अपडेट करेंगे। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा प्रभाव क्षेत्र में पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की है और कहा कि यहां होने वाली घटनाएं दिल को दहलाने वाली हैं।महिलाओं ने उनसे तृणमूल नेता शेख शाहजहां और अन्य नेताओं की ओर से कई सालों से लगातार यौन उत्पीड़न और गुंडागर्दी की दर्दनाक शिकायत की जिसे लेकर राज्यपाल ने कहा कि ये घटनाएं दिल को दहलाने वाली हैं। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली सताई हुई महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी।बोस ने कहा कि मैंने जो देखा वो भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था। मैंने वो कुछ देखा जो कभी नहीं देखना चाहिए था। मैंने कई चीजें सुनी जो कभी नहीं सुननी चाहिए थीं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि पर यह सब हुआ। राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के प्रावधानों के तहत कानून के अनुसार इससे लड़ेंगे। उन्होंने स्थानीय महिलाओं से कहा कि चिंता मत कीजिए। आपको न्याय जरूर मिलेगा। इनमें से कई महिलाएं अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ढंककर राज्यपाल से मिलने आई थीं। महिलाओं को कहते सुना गया कि हम अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहते हैं। हम और यह प्रताड़ना नहीं झेल सकते।बोस ने महिलाओं से मिलने से पहले मौजूदा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लेकर उन्हें तत्काल कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया। बोस ने संदेशखाली के हालात पर राज्य सरकार से व्यापक रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को ही अपना केरल का दौरा छोड़कर राज्यपाल बंगाल पहुंचे और सीधे संदेशखाली के हालात का जायजा लेने के लिए गए। रास्ते में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने उनके खिलाफ नारेबाजी भी की लेकिन वह मौके पर पहुंचे। पहले से ही, केंद्र सरकार के तहत दो स्वायत्त निकाय – राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) – ने पश्चिम बंगाल सरकार से संदेशखाली की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने भी इस मामले में राज्य सरकार से अलग से रिपोर्ट मांगी है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को संदेशखाली में दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम भेजने का फैसला किया है, जिसमें राज्य मंत्री पार्थ भौमिक और पार्टी विधायक नारायण गोस्वामी शामिल होंगे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी 18 फरवरी को वहां एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने पर भी विचार कर रही है, बशर्ते तब तक वहां लगाई गई धारा 144 हटा ली जाए। रिपोर्ट अशोक झा

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