मणिपुर में ताजा हिंसा में एक की मौत, 16 गंभीर घायल

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: मणिपुर कुकी और मैतेई बहुल इलाकों में करीब 2 साल बाद यातायात की मुक्त आवाजाही शुरू होते ही हिंसा भड़क उठी है। शनिवार को जैसे ही इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर बसें चलनी शुरू हुईं, कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन को रोकने के लिए सड़कों पर पत्थर बिछा दिए। सड़कों पर पेड़ काटकर गिरा दिए गए। कई जगहों पर वाहन खड़े करके सड़कें जाम कर दी गईं। बसों और कारों में आग लगा दी गई। हिंसा कर रहे लोगों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया।1 की मौत 16 गंभीर रूप से घायल: अब तक की आई जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 1 व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि 16 गंभीर रूप से घायल हैं। सुरक्षा बलों द्वारा पेलेट गन के इस्तेमाल की भी खबरें हैं। कुछ तस्वीरों और वीडियो में घायलों के शरीर पर पेलेट गन के छर्रे के निशान दिखाई दे रहे हैं। इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
हर जगह सुरक्षा बलों की तैनाती: इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति इलाकों में जाने वाली सरकारी बसों को सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में चलाया जा रहा है। इसके साथ ही रेड जोन इलाकों में हर जगह सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।बता दें कि मणिपुर करीब डेढ़ साल से हिंसा की आग में जल रहा है। एक बार शुरू हुई हिंसा सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी नहीं खत्म हो पाई थी। यह हिंसा 27 मार्च 2023 को मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले से शुरू हुई थी, जिसमें राज्य सरकार को मैतेई समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की बात पर जल्दी विचार करने को कहा गया था।