यूपी में अनुसूचित जनजाति एवं परम्परागत वन निवासियों को मिलेंगे अधिकार

22897 वन निवासियों को मिले वन अधिकार

▪️वनाधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति और परंपरागत वन निवासियों को मिल रहा अधिकार
▪️22897 वन निवासियों को मिले वन अधिकार

*बयान-* “वनाधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत निवास व आजीविका हेतु वनोत्पादों पर निर्भर प्रदेश के अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वन निवासियों को उनके अधिकार दिलाए जायेंगे, साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाकर विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा।“
–असीम अरुण, राज्य मंत्री(स्व.प्र.), समाज कल्याण, उ0प्र0।
लखनऊ।  मुख्यमंत्री द्वारा 15 नवम्बर को जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर परम्परागत वन निवासियों को भूमि अधिकार संबंधी प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही वन अधिकार के प्रस्तावों पर तेजी से कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए थे। जिसकी निरंतर समीक्षा की जा रही है एवं अभी भी क्रियान्वयन के स्तर पर आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए समाज कल्याण विभाग व वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से डॉ अरुण कुमार सक्सेना, राज्य मंत्री(स्व.प्र.) वन एवं पर्यावरण, श्री असीम अरुण, राज्य मंत्री (स्व.प्र.), समाज कल्याण व श्री संजीव कुमार गोंड, राज्य मंत्री समाज कल्याण की उपस्थिति में आज दिनांक 23 जनवरी 2023 को जनपद सोनभद्र, चंदौली व मिर्जापुर के जिलाधिकारियों के साथ निदेशालय सभाकक्ष में वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में वनाधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत वन अधिकार दिलाए जाने के संबध में निर्णय लिया गया कि वन निवासियों के प्रस्तावों पर जनपदों द्वारा प्राप्त समस्त दावों का अवलोकन कर सम्यक निर्णय किए जाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि दिनांक 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व तीन पीढ़ियों अथवा 75 वर्ष तक प्राथमिक रूप से वन, वनभूमि या वनोत्पादों पर निर्भर पात्र व्यक्तियों को उनके व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकार प्राप्त हो सकें एवं कोई भी पात्र व्यक्ति वन अधिकारों से वंचित न होने पाए।
बैठक में डॉ अरुण कुमार सक्सेना, वन एवं पर्यावरण मंत्री, श्री असीम अरुण, राज्य मंत्री ( स्व प्र) समाज कल्याण,श्री संजीव कुमार गोंड, राज्य मंत्री, समाज कल्याण, डॉ हरिओम, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण,श्री आशीष तिवारी, सचिव, वन,श्री पवन कुमार, निदेशक, व श्री आनंद, श्री देवनारायण खरवार, सदस्य, राज्य स्तरीय समिति के साथ संबंधित जनपद के जिलाधिकारी, डीएफओ, एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button