प्रयागराज में सिटी बसें बंद शासन प्रशासन भी मूक दर्शक बना

छात्र-छात्राएं कर रहे परेशानियों का सामना

उप्र प्रयागराज में डीजल से चलने वाली सिटी बसों का संचालन लगभग 15 दिन से पूरी तरह से ठप हो गया है। जिसके कारण लोगो की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ‌शासन और प्रशासन ऑखे मूदे है। आटो और ई रिक्सा चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन इसका सुध लेने वाला कोई नही है।

दरअसल, फिटनेस न होने की वजह से इन बसों के संचालन पर परिवहन विभाग की ओर से रोक लगा दी गई है। यह बसें शहर के अलग अलग रूटों पर संचालित हो रही थीं। इससे नैनी, झूंसी और फाफामऊ की ओर जाने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। कोई टेंपो का सहारा लेता देखा तो अन्य साधनों से  सबसे ज्यादा पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को हो रही है। पहले 10-20 रूपये में काम चल जाता था। अब उसी के लिए 50-60 रूपया खर्च करना पड़ रहा है। पैसे न होने घंटो पदैल चल कर जा रहे है।

बताते हैं कि 120 डीजल बसों का संचालन शहर में हो रहा था। 2022 में 27 बसें खराब हो गई थीं और 20 बसें कई वर्षों में आगजनी से खराब हो गई थीं। इसी तरह इस माह 62 बसों का संचालन इस लिए रोक दिया गया क्योंकि इनकी फिटनेस नहीं हुई। जिसके कारण वर्कशॉप में सिटी बसें खड़ी हो गई हैं । केवल ई बसें चल रही है। घंटो इंतजार करने के बाद आती है जो भरी रहती है।वहीं, इन बसों के संचालन बंद होने से रोडवेज के संविदाकर्मी झूंसी स्थित रोडवेज वर्कशॉप परिसर में भूख हड़ताल पर बैठ है।

प्रयागराज सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सेवा प्रबंधक मुकेश कुमार कहते हैं कि जिन बसों के फिटनेस नहीं हो पाए हैं उनकी प्रक्रिया चल रही है।

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