यूपी में हड़ताली बिजली कर्मचारियों का भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने किया समर्थन

लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव मंडल ने बिजली कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रदेश के उर्जा मंत्री के आंदोलनकारी बिजली कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा और रासुका जैसे दमनकारी उपबंधों (कानूनों) में कार्यवाही किये जाने की धमकी दिये जाने का विरोध किया है। पार्टी के राज्य सचिव मण्डल ने कहा है कि बिजली कर्मचारियों की मांगे आम जनता के हितों से जुड़ी हैं। बिजली कर्मी निजीकरण और 23 प्रतिशत की मूल्यवृद्धि का भी विरोध कर रहे हैं। निजीकरण सुधार का विकल्प नहीं है। जहां जहां निजीकरण हुआ है वहां से उत्तर प्रदेश सरकार को अनुभव लेना चाहिए। अभी मूल्यवृद्धि के 23 प्रतिशत के नियामक आयोग के समर्थन का परिणाम आम जनता को महंगी बिजली खरीदनके लिए विवश करने वाला ही होगा। संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, समान काम के लिए समान वेतन जैसे बुनियादी मांगे, जिस पर दिसम्बर में सरकार सहमत भी हो गयी थी, अब किसके दबाव में कदम पीछे खींच रही है। सरकार का रवैया दमनात्मक है। राज्य सचिव मण्डल इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है।

 

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