नोएडा में बिजली दरों में इजाफा के खिलाफ जनसुनवाई रहीं हंगामेदार

नोएडा। बिजली दर बढ़ोतरी पर नोएडा में अंतिम सुनवाई में उपभोक्ता परिषद के साथ किसानों ने खोला मोर्चा कहां नहीं बढ़नी चाहिए बिजली दर । दरों में होनी चाहिए कमी अडानी की वितरण लाइसेंस पर उपभोक्ता परिषद किसान एक साथ कहां नोएडा में नहीं मिलना चाहिए लाइसेंस सुनवाई रही हंगामेदार।
उपभोक्ता परिषद ने पश्चिमांचल में इन टेलीस्मार्ट को स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर ऊंची दरों पर दिए जाने का मुद्दा उठाया कहां हो इसकी सीबीआई जांच इस मुद्दे पर किसान भी आये एक साथ कहा स्मार्ट मीटर लगना ही हो बंद। और खरीद की हो जांच।
विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन का भरोसा कहां उपभोक्ताओं पर कोशिश की जाएगी ना पड़े कोई भार आयोग करेगा उपभोक्ताओं को राहत देने पर विचार। फिर एक बार दोहराया कहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर का खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं।

प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों मे 18 से 23% बढ़ोतरी के खिलाफ आज लखनऊ बनारस आगरा के बाद अंतिम सुनवाई पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम व नोएडा पावर कंपनी की ग्रेटर नोएडा में विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह की अध्यक्षता में व सदस्य श्री बीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में गौतम बुध यूनिवर्सिटी सभागार में प्रातः 11 बजे से 2 बजे तक हंगामेदार रही जहां उपभोक्ता परिषद सहित सभी विद्युत उपभोक्ताओं ने एक सुर में बिजली दरों में बढ़ोतरी को नकारते हुए बिजली दरों में कमी की मांग उठाई। सर्वप्रथम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम वार्ड नोएडा पावर कंपनी के तरफ से बिजली दरों में प्रस्तुतीकरण किया गया। विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन ने सभी की बातों को सुनने के बाद दिया भरोसा कहा आयोग कोशिश करेगा उपभोक्ताओं को मिले राहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर का खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा यह बात पहले ही की जा चुकी है स्पष्ट।

प्रस्तुतीकरण के बाद लखनऊ से पहुंचे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने मोर्चा संभाला और बिजली कंपनियों को आड़े हाथों लेते हुए उनकी पोल खोल दी जहां पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारी चुप्पी साधे रहे वहीं नोएडा पावर कंपनी की भी बोलती बंद हो गई। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने जहां बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा जब उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर रुपया 25133 करोड़ सर प्लस निकल रहा है तो बिजली दरों में बढ़ोतरी कैसे? हिसाब बराबर करने के लिए अगले 5 वर्षों तक 7 प्रतिसत कमी होनी चाहिए। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने आज भी 50 करोड़ से ज्यादा की चोरी हर महीने होती है और पश्चिमांचल के अंतर्गत टैरिफ का ज्ञान ना होने की वजह से बड़े पैमाने पर ऑटोमोबाइल शोरूम सर्विस सेंटर कमर्शियल के बजाय इंडस्ट्रियल में चल रहे हैं। फरवरी 2022 में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम को 1676 करोड़ राजस्व वसूलना था लेकिन केवल 1230 करोड़ वसूल पाई यानी कि 446 करोड़ कम ऐसे में दरों में बढ़ोतरी का क्या मतलब?
वहीं उपभोक्ता परिषद ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में इंटेली इस्मार्ट को स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर को 36 से 40 प्रतिसत ऊंची दर पर दिए जाने को बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा इसकी सीबीआई जांच होना चाहिए इसमें बहुत बड़ा मामला सामने आएगा बहुत ही चालाकी से केंद्रीय सरकार के दबाव में 6000 ऐस्टीमेटेड कॉस्ट वाले वाले प्रीपेड मीटर को रुपया 8415 वह 3 फेस रुपया 10000 के ऊपर दिया गया जिसकी कुल लागत लगभग 7500 करोड़ है जब विद्युत नियामक आयोग कह चुका है कि इसका भार उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा तो बिजली कंपनियों के पास कौन सी नोट छापने वाली मशीन है जो इसकी भरपाई करेंगे जिसमें बड़े पैमाने पर उच्चाधिकारी सम्मिलित है इनकी जांच होना जरूरी वहीं उपभोक्ता परिषद ने नोएडा पावर कंपनी की धरती पर कहा कि जिस प्रकार से अदानी ग्रुप द्वारा गाजियाबाद और नोएडा के लिए बिजली वितरण का समानांतर लाइसेंस मांगा गया है वह पूरी तरह असंवैधानिक है उसकी याचिका खारिज होना चाहिए और अडानी जैसे ग्रुप को बिजली के क्षेत्र में रोका जाना चाहिए क्योंकि वह केवल अपना फायदा कमाना चाहते हैं उपभोक्ता परिषद ने नोएडा पावर कंपनी पर करारा हमला बोलते हुए कहा नोएडा पावर कंपनी के ऊपर क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं का 2000 करोड़ से ज्यादा सर प्लस निकल रहा है ऐसे में वहां की बिजली दरें अगले 1 वर्षों तक जीरो की जाएं और यदि 0 नहीं करना चाहता आयोग तो अगले 5 वर्षों तक 10 प्रतिसत बिजली दरों में कमी के लिए जो रिबेट चालू है उसे आगे बढ़ाया जाए नोएडा पावर कंपनी पर करारा हमला बोलते हुए कहा एनपीसीएल बिल्डरों के साथ गठजोड़ करके उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करती है इस के दफ्तर में गरीब आदमी पहुंच नही सकता डूब क्षेत्र में उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने का भी मुद्दा सुनवाई में गूँजता रहा उपभोक्ता परिषद ने कहा जब पूरे उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 के सापेक्ष वर्ष 2022 में विद्युत आपूर्ति के घंटों में कमी की गई है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र की बिजली दरों में बढ़ोतरी क्यों की जा रही है जब बिजली आपूर्ति कम हो रही है तो बिजली दरों में कमी क्यों नहीं उपभोक्ता परिषद ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा उनकी बिजली अभिलंब फ्री की जानी चाहिए जैसा कि राज्य सरकार ने कहा था आगे उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों पर करारा हमला बोलते हुए कहा बिजली कंपनियों में कुछ बड़े अवसर जैसे ही कमान संभालते हैं उनके घरों पर लाखों रुपया खर्च करके रंग रंग रोगन किया जाता है यदि उन्हें कोठी में रहने का इतना शौक है तो वह अपने खर्चे पर कोठी में रहे उसका भुगतान उपभोक्ताओं पर ना डालें। उपभोक्ता परिषाद ने कहा वर्तमान में पूरे प्रदेश में किसानों की बिजली आती है लेकिन नोएडा पावर कंपनी के अंतर्गत किसानों की बिजली आधी नहीं है यह कैसा कानून है जब राज्य सरकार कोई लाभ पूरे प्रदेश के किसानों को दे रहा है तो केवल नोएडा में ही क्यों नहीं लागू है।
बड़ी संख्या में सुनवाई में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के साथी व किसानों ने उपभोक्ता परिषद की बात का समर्थन करते हुए कहा बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं कमी की जानी चाहिए और साथ ही अदानी को किसी भी हालत में नोएडा क्षेत्र में वितरण का लाइसेंस नहीं मिलना चाहिए क्योंकि वह नोएडा क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं का भला नहीं कर सकता है उसका पूर्व का इतिहास रहा है वह केवल अपने फायदे में काम करता। किसानों ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले पर भी आवाज उठाते हुए कहा इस्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना बंद होना चाहिए इसमें बड़ा भ्रष्टाचार है।
नोएडा इंटर प्रेनोवार एसोसिएशन व इंडस्ट्री एसोसिएशन ने बिजली दर में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा दूसरे राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी उद्योगों की बिजली में कमी की जानी चाहिए मेट्रो रेल कारपोरेशन ने भी अपनी बिजली दरों में कमी की बात उठाई।
बड़ी संख्या में सुनवाई में पहुंचे उपभोक्ताओं ने सिंगलप्वाइंट कनेक्शन में आ रही दिक्कतों का उठाया मुद्दा कहां पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम व नोएडा पावर कंपनी उपभोक्ताओं की समस्याओं पर नहीं करा पा रही है समाधान आयोग करें इस पर हस्तक्षेप ।

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