हिंदू बटेगा तो घटेगा और घटेगा तो देश कटेगा: विहिप के महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा
पूरे विश्व में लगातार हिंदुओं पर हो रहे हैं इस्लामी हमले, हिंदू कट्टर नहीं हो सकता, लेकिन आप को आत्मरक्षक का अधिकार
– हम हिन्दू है, हिन्दूत्ववादी कट्टरता के साथ हमें एकसूत्र में बंधकर रहना चाहिए
– हिन्दू हमेशा से ही अपनी आंतरिक कमजोरियों से हारा, धर्मांतरण गंभीर समस्या
अशोक झा, सिलीगुड़ी: धर्मनगरी सिलीगुड़ी में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक का आज समापन हो गया। इसको लेकर आज पत्रकार वार्ता की गई। इसमें केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा, क्षेत्रीय मंत्री अमियो सरकार, केंद्रीय सदस्य गुरु जी, प्रदेश मंत्री लक्षण बंसल, प्रवक्ता सुशील रामपुरिया आदि मौजूद थे। पत्रकारों को संबोधित करते हुए विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने कहा कि देश ही नहीं पूरे विश्व में हिंदुओं और उनकी धार्मिक यात्रा उत्सव पर हमले हो रहे है। पिछले दिनों गणपति उत्सव समेत अन्य हिंदू शोभायात्राओं पर पथराव तथा हिंदुओं के विरुद्ध लक्षित हिंसा की घटनाओं पर विरोध जताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी हिंसक जिहादी मानसिकता के विरुद्ध कठोर कार्रवाई अनिवार्य है तथा शोभायात्रा के रास्तों पर ड्रोन से निगरानी की जानी चाहिए। धर्मांतरण और घुसपैठ की बढ़ती संख्या इसका बड़ा कारण है। कब वह जनसंख्या में क्रॉस कर जाएंगे पता नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि भारत की मौलिक पहचान खतरे में है। यूनान, मिश्र, रोम, मेसोपोटेमियां, मलयेशिया और इंडोनेशिया जैसी समृद्ध संस्कृतियां जनसंख्या असंतुलन के कारण ही समाप्त हुई हैं। कश्मीर घाटी, असम के नौ जिले, बिहार-बंगाल के तीन जिले, केरल और हरियाणा के एक-एक जिले में मुसलिम समाज बहुसंख्यक है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन स्थानों पर प्रशासन पंगु बन गया है। बंगाल पर इस असंतुलन का काफी भीषण प्रभाव पड़ा है। यहां मुस्लिम समाज की आबादी 25 फीसदी से बढ़ कर 27 फीसदी हो गयी है। तीन जिले मुसलिम बहुल बन गये हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि यहां हिंदुओं का जीवन कठिन हो गया है। समूचे राज्य ही मुस्लिम वोटों के इर्द-गिर्द घूम रहा है। बंगाल एक ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठा है। तथाकथित सेक्यूलर दल इस आग को भड़का रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद सभी राजनीतिक दलों से अपील करती है, कि वे अपना स्वार्थ छोड़ कर ‘सोनार बांग्ला’ बनायें। एक करोड़ से अधिक घुसपैठिये बंगाल में हो गये हैं। उन्हें बाहर निकालना होगा। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म से विमुख हुए लोगों का परावर्तन (घर वापसी), सामाजिक समरसता और परिवारों में धार्मिकता व संस्कार जगाने हेतु कुटुम्ब प्रबोधन जैसे विषयों पर विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंगलाल बांगड़ा ने कहा कि पूज्य सन्तों के समक्ष परिषद का प्रस्ताव रखा गया और इसे लेकर सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए मार्गदर्शन चाहा। बांगड़ा ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद पूर्व से ही यह कार्य कर रहा है कि हिन्दू समाज बंटना नही चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दू बटेगा तो घटेगा और घटेगा तो देश कटेगा। हिन्दू हमेशा से ही अपनी आंतरिक कमजोरियों से हारा है। वेद व शास्त्रों के विरुद्ध छुआ-छूत, जातिभेद और उंच नीच जैसी जो परिपाटी चल रही है, इन कुरुतियों का हमें विनाश करना होगा। हिन्दू एक ही मां की संतान है तो उंचनीच, छुआछूत कैसे संभव है। हम सब-सबको जाने और सब-सबको माने यही समरसता है। उन्होंने कहा कि हम हिन्दू है, हिन्दूत्ववादी कट्टरता के साथ हमें एकसूत्र में बंधकर रहना चाहिए। विहिप एक ऐसा संगठन है जो समाज में समरसता का भाव लाने व हिन्दुओं को जगाने का कार्य कर रहा है। लगातार हिंदुओं पर इस्लामी हमले हो रहे हैं। कनाडा और बांग्लादेश की घटनाएं हमारे सामने है। जिस प्रकार से हिंदू समाज का उत्पीड़न हो रहा है। हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, भारत सरकार के आग्रह के बावजूद प्रशासन प्रभाव नहीं दिख रहा है। प्रतिदिन हिंदू समाज की घटनाएं हो रही है। हिंदुओं को लेकर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की है। बीते 6 साल में कनाडा में हिंदू मंदिरों पर आक्रमण हो रहे हैं। भारत विरोधी हिंदू विरोधी के नारे लिखे गए हैं। निरंतर 10-15 दिन में कोई ना कोई घटना हो रही है। कनाडा सरकार इन पर कार्यवाही नहीं कर रही है। अमेरिका विश्व हिंदू परिषद और कनाडा विश्व हिंदू परिषद के बताया कि हिंदू सुरक्षित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया है हिंदुओं के मामलों को लेकर उन्हें कदम उठाए। विहिप के महामंत्री ने कहा कि भारत में पिछले दो वर्षों में 2023 और 24 में 300 से अधिक घटनाएं हुई है, जिनकी पूरी सूची जारी की है। जिसमें इस्लामी जिहादी तत्वों ने भारतीय हिंदुओं के उसे सभाओं पर शोभायात्राओं पर धार्मिक यात्राओं पर हमले किए हैं। दो-तीन वर्षों में यह प्रवृत्ति बढ़ती हुई दिखती है। इस्लामी जिहादी तत्व जो है वह लगातार आगे बढ़ रहे हैं। बंगाल से लेकर महाराष्ट्र मध्य प्रदेश से लेकर पूरे देश में ऐसे कृत्य सामने आए हैं। इस्लामिक तत्वों का मनोबल बढ़ा हुआ है। अनेक राजनीतिक दल ऐसे लोगों के विरुद्ध में आवाज नहीं उठाते। मुस्लिम धर्मगुरु मौलवी भी कभी भी कोई फतवा जारी नहीं करते, चुप रहते है..जो ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देता है। हिंदू कट्टर नहीं हो सकता, लेकिन आप आत्मरक्षक का अधिकार हिंदू का है। सहनशीलता एक हिंदू की भी है। इसकी भी सीमा है, हमें अपनी हाथ में रक्षा के सभी स्तर पर उपयोग करना होगा। हमारा इतिहास में कभी हिंदू आक्रामक नहीं रहा। हमने कभी आक्रमण नहीं किया। हिंदू कट्टर नहीं है.. लेकिन जो कुछ हमें आप करना पड़ा वह हम करेंगे, लेकिन यह कट्टरता नहीं है। हम आत्महत्या नहीं कर सकते, हम आत्मरक्षा कर सकते हैं। जनसंख्या का असंतुलन जो हो रहा है..वह हिंदू समाज की खुद की है। देरी से विवाह करना.. बच्चों की संख्या परिवार में सीमित रखना, तलाक होना, जैसा भी हिंदी संस्कृत के अनुकूल व्यवहार नहीं है। पिछले 30 वर्ष के आंकड़े बताते है कि मुस्लिम और ईसाई से सबसे ज्यादा कम हिंदू वृद्धि दर है। धर्मांतरण और घुसपैठ की बढ़ती संख्या इसका बड़ा कारण है। कब वह जनसंख्या में क्रॉस कर जाएंगे पता नहीं लगेगा। 30 से 40 साल बाद हिंदू अल्पसंख्यक हो सकता है। जरूरी है कि इसे देखना चाहिए। इस संबंध में सरकार को विचार करना चाहिए। किसी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बात नहीं की। तुष्टीकरण रोकने को आवश्यक बताते हुए कहा कि आज देश के 10 राज्यों में मतांतरण विरुद्ध कानून है तथा विश्व हिंदू परिषद् के अनुसार इस विषय पर केंद्रीय कानून होना चाहिए। वक्फ संशोधन पर प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वक्फ की तुलना मंदिरों से असंभव है। विश्व हिंदू परिषद् राष्ट्रहित में लाए जा रहे ऐसे सभी संशोधनों का समर्थन करती है।