अमीरों की तरह गरीब भी फूलों के गुलदस्ते से शादी की सालगिरह पर अपने परिवार को देंगे शुभकामनाएं

ग्रेटर नोएडा में हेलमेट मैन की अनूठी पहल


नोएडा।अमीरों की तरह गरीब भी फूलों के गुलदस्ते से शादी की सालगिरह पर अपने परिवार को देंगे शुभकामनाएं. आज सुबह ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारी आईएएस आनंद वर्धन ने इस नई पहल की फीता काटकर शुभारंभ किया. हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेन्द्र कुमार के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हों ने कहा हेलमेट मैन बच्चों का भविष्य बचाने का कार्य कर रहे हैं.
कोई भी व्यक्ति इस सुविधा का लाभ सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक ले सकता है. इसकी शुरुआत ओमेगा सेक्टर यमुना प्राधिकरण ऑफिस के सामने AWHO मोड़ पर की गई है. कोई भी परिवार बिना पैसे दिए निशुल्क बुके ले जा सकता है और अपनी शादी की सालगिरह पर खुशियां मना सकता है इसके लिए अपने बच्चे को हेलमेट पहनाकर और साथ में खुद हेलमेट पहनकर आना है. इसका मुख्य उद्देश्य भारत के सामान्य परिवार तक सड़क सुरक्षा का संदेश एवं चार साल से ऊपर छोटे बच्चों को हेलमेट पहना कर बचपन से जागरूकता बढ़ाना है. बिना हेलमेट के सड़को पर अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते है, इन गलतियों की वजह से आए दिन सड़कों पर हो रहे हादसे में बच्चों के साथ माता पिता को भी अपनी जान गंवानी पड़ रही है. अगर बच्चों को बचपन से ही हेलमेट देकर उसका महत्व समझा दिया जाए. भविष्य में बच्चे बड़े होकर अपने माता पिता की तरह गलतियां नहीं करेंगे और बच्चों द्वारा समझाई गई बात उनके माता-पिता भी नहीं टाल सकते. इसीलिए सड़क सुरक्षा के नियमो की जागरूकता आज भारत में बड़ो के साथ छोटे बच्चों को बचपन से देना आवश्यक हो चूका है. अपने दोस्त की मौत के बाद 56 हजार फ्री हेलमेट बाट कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेन्द्र कुमार के निर्देश पर वर्ष 2019 में बच्चों के लिए कानून बन गया था. लेकिन सड़कों पर टू व्हीलर चलाने वालों को आज भी अपने बच्चों के सुरक्षा के प्रति इस कानून की जानकारी प्राप्त नहीं है. हेलमेट मैन का प्रयास है भारत के सभी प्राइवेट स्कूल में बच्चों को एक हेलमेट देने का नियम लागू कर देना चाहिए जहां स्कूल से ही झोले बैग ड्रेस लेना अनिवार्य है. फिलहाल भारत द्वारा बनाए गए सभी सड़क सुरक्षा के नियम एवं कानून जानकारियां लोगो तक पहुंचाने के लिए सभी सड़कों पर लगे हुए प्रचारक होर्डिंग पर उनमें से कुछ छोटा स्पेस 10% जगह मे सड़क सुरक्षा का संदेश सरकार को अनिवार्य कर देना चाहिए. इससे लोगों में काफी जागरूकता बढ़ेगी हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने को लेकर. इस नियम को लागू करने के लिए सभी विभाग को पत्र एवं ईमेल द्वारा संदेश भेज रहे हैं.

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