नोएडा में फर्जी दस्तावेज पर फर्जी कम्पनियॉ बनाकर विभिन्न बैंकों से करोड़ों की ठगी में आठ गिरफ्तार
नोएडा में फर्जी दस्तावेज पर फर्जी कम्पनियॉ बनाकर विभिन्न बैंकों से करोड़ों की ठगी में आठ गिरफ्तार
नोएडा। यूपी एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेज पर फर्जी कम्पनियॉ बनाकर विभिन्न बैंकों से करोड़ों की ठगी में आठ को गिरफ्तार किया है। यह ठग फर्जी कम्पनियॉ बनाकर बैंकों से ठगी करके विभिन्न प्रकार के लोन (कार लोन, होम
लोन इत्यादि) प्राप्त कर गायब हो जाते थे। इस गैंग में पकड़े गए लोग निम्न हैं।
1- मोहसिन खान निवासी ऊसरी पोस्ट झालू, थाना कोतवाली देहात बिजनौर हाल पता जैतपुर
एफ-683 गली नं0 4 खड्डा कालोनी व फ्लैट नं0 103 दा अरनिया सोसायटी सेक्टर 119 नोएडा
2- अनुराग चटकारा उर्फ अनुराग अरोडा पुत्र कृश्ण कुमार निवासी म0नं0 12 गली नम्बर 4, वेस्ट
चन्दन नगर, दिल्ली- 51
3- अमन षर्मा पुत्र रघुनाथ षर्मा निवासी म0नं0 66 गली नं0 3 राज कम्पाउण्ड लाल कॅुआ,
गाजियाबाद।
4- दानिष छिब्बर पुत्र सुरेन्द्र कुमार छिब्बर निवासी बी-703 अपेक्स ओरा अपार्टमेन्ट सेक्टर-1, ग्रेटर
नोएडा मूल निवासी एफ-59 सेक्टर 20 नोएडा
5- वसीम अहमद पुत्र षरीफ हुसैन निवासी सी-2, 203 प्रथम तल न्यू अषोक नगर दिल्ली मूल
निवासी ग्राम तखटपुत्र अल्ला उर्फ नानकारा, थाना मैनाठैर, मुरादाबाद।
6- जीतू उर्फ जितेन्द्र पुत्र राम प्यारे निवासी ग्राम बढावर थाना महाराजगंज जनपद आजमगढ हाल
पता- एफ- 64 खटटर कालोनी जैतपुर, दिल्ली ।
7- रवि कान्त मिश्रा पुत्र चतुर्भुज मिश्रा निवासी रामनोली थाना छिबरामउ, कन्नौज
8- तनुज षर्मा पुत्र स्व0 अषोक षर्मा निवासी एन-54, डेल्टा-3, ग्रेटर नोएडा मूल निवासी ग्राम पथेना
थाना मूसावर, जिला भरतपुर, राजस्थान ।
इनके पास यह हुई बरामदगी:
1- 518 अदद चैकबुक (विभिन्न बैंकों की)
2- 327 ए0टी0एम0 कार्ड
3- 278 पैन कार्ड
4- 361 अदद एक्टिवेटिव सिम कार्ड
5- 187 मोबाइल
6- 01 हुण्डई ओरा कार नम्बर यूपी-16-डीडी-4351 (रंग सफेद)
7- 01 हुण्डई आई-10 छप्व्ै कार नं0 यूपी-16-सीएक्स-0948
8- 01 ज्ञप्। ैम्स्ज्व्ै कार नं0 यूपी-16-डीडी-4074
9- 01 मोटर साइकिल इन्फील्ड- 350 नम्बर – यूपी-16-डीके-5425
10- 01 इन्फील्ड हंटर मोटर साईकिल
11- 03 अदद लैपटॉप
12- 01 अदद हार्डडिस्क
13- 93 आधार कार्ड
14- 23 आई0डी0 कार्ड
15- 01 अदद नोट गिनने की मषीन
16- 01 अदद आई0कार्ड बनाने की मषीन ।
17- 103 फर्जी कागजो की छायाप्रति
18- 30 अदद विभिन्न कम्पनियों की मोहर
19- 15 ड्राईविंग लाइसेन्स
20- 1,09,100/- रूपये नकद
21- विभिन्न एकाउन्ट में लगभग 80 लाख रूपया फ्रीज
गिरफ्तारी का दिनांक/ समय/स्थान-
दिनंाकः 15-05-2023, समयः 16.15 बजे, स्थान- दा अरानिया सोसायटी सेक्टर-119 नोएडा ।
उल्लेखनीय है कि फर्जी कम्पनियॉ बनाकर कूटरचित दस्तावेज के आधार पर बैंकों से लोन प्राप्त
करके गायब हो जाने वाले गिरोह के सम्बन्ध में एक षिकायती प्रार्थना पत्र की जॉच एस0टी0एफ0 नोएडा
यूनिट द्वारा की जा रही थी। जिसके अनुक्रम में श्री राज कुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0
नोएडा के पर्यवेक्षण में निरीक्षक श्री सचिन कुमार, एस0टी0एफ0 नोएडा द्वारा जॉच की जा रही थी। जॉच
से प्राप्त संसूचनाओ के आधार पर ज्ञात हुआ कि इसी मामले में थाना फेस-1 नोएडा पर मु0अ0सं0
246/2023 धारा 420/406/467/468/471 एवं 120 बी0 भादवि का अभियोग भी पंजीकृत है। इसी
क्रम में एस0टी0एफ0 यूनिट नोएडा के निरीक्षक श्री सचिन कुमार द्वारा उक्त अभियोग के विवेचनाधिकारी
को साथ लेकर इस संगठित गैंग के उपरोक्त अभियुक्तों को दिनंाक 15-05-2023 को विभिन्न स्थानों से
हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तथा पूछताछ के उपरान्त उपरोक्त स्थल से गिरफ्तार किया गया,
जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई ।
गिरफ्तार अभियुक्त मोहसिन खान निवासी उमरी पोस्ट झालू, थाना कोतवाली देहात, बिजनौर हाल
पता जैतपुर एफ-683 गली नं0 4 खड्डा कालोनी व फ्लैट नं0 103 दा अरनिया सोसायटी सेक्टर 119
नोएडा ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 35 साल है और वह कक्षा 9वीं फेल है। बताया
कि वर्श-2007-2008 में फरीदाबाद हरियाणा में निकिल पालिष का काम करता था तथा उसका पड़ोसी
नन्दू, जिसका बाद में देहान्त हो गया था, के पास वर्श 2009 से एक दूसरे का आना जाना हो गया था।
बताया कि नन्दू बैंक के फर्जी क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंकों के साथ ठगी करने का धंधा करता था और
उसी से उसने भी कूटरचित डी0एल0, पैन कार्ड, फर्जी कम्पनी बनाना आदि का काम सीखा था तथा
वर्श-2012 से ही उसने (मोहसिन खान) कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कम्पनियॉ बनाना प्रारम्भ
कर दिया था और जो कम्पनी आर0ओ0सी0 में रजिस्टर्ड होती थी, ऐसी फर्जी कम्पनियों में बडी संख्या
में पे-रोल पर फर्जी कर्मचारी रखकर कम्पनी एवं कर्मचारी के बैंक एकाउन्ट, जिनकी संख्या सैकडों मे
होती थी, के विभिन्न बैंक में खाते खोलते थे, उसके बाद कम्पनी के एकाउन्ट में पैसा डालकर इन फर्जी
कर्मचारियोें के एकाउन्ट में सैेलरी के पैसे भेजे जाते थे जिस पैसे को बाद में ए0टी0एम0 से कैष विड्रॉल
करके पुनः ऐसी फर्जी कम्पनियोें में पैसा डाल देते थे। इस प्रकार से जब कम्पनी और कम्पनी का सिविल
स्कोर ठीक हो जाता था तो यह फर्जी कर्मचारी विभिन्न बैंको में विभिन्न प्रकार के लोन (कार लोन, होम
लोन इत्यादि) ले लेते थे और 2-3 ई0एम0आई0 पेय करके कम्पनी व उसके कर्मचारी गायब हो जाते
थे।
अमन षर्मा हाल निवासी म0नं0 66 गली नं0 03 राज कंपाउण्ड गाजियाबाद ने बताया कि उसकी
उम्र लगभग 29 साल है बताया कि उसने एम0बी0ए0 किया हुआ है और वर्श 2016 से लेकर अब तक
विभिन्न बैंकों में एकाउन्ट खोलने से सम्बन्धित सैल्स डिपॉटमेंन्ट में काम करता था। उसकी मुलाकात
वर्श-2019 में मोहसिन, उपरोक्त से उस समय हुई थी जब मोहसिन ए0वी0 बैंक में खाता खोलने के लिए
प्रयासरत था।
अभियुक्त तनुज षर्मा ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र 30 साल है और वह कक्षा 10 पास
है। बताया कि लगभग 04 साल आई0सी0आई0सी0आई0बैंक के एक थर्ड पार्टी वैन्डर, जिसका लोन
रिक्वरी से सम्बन्धित काम होता था, में काम कर चुका था और उसी दौरान उसकी मुलाकात मोहसिन
से और फिर गैंग के अन्य सदस्यों से हुई थी।
अभियुक्त वसीम अहमद ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र 20 साल है और वह बी0कॉम पास
है। बताया कि वह वर्श-2014 से 2017 तक एक्सिस बैंक सेक्टर 51 नोएडा व स्टेण्डर्ड चार्टेड आई0टी0ओ0
दिल्ली में सेल्स में एकाउन्ट ओपनिंग करने का काम कर चुका है, यही से उसकी मुलाकात अमन षर्मा
से हुई थी। एक्सिस बैंक में इन फर्जी कम्पनियों के खाते खुलवाने में वसीम अहमद की अह्म भूमिका
रहती थी।
अभियुक्त अनुराग चटकारा उर्फ अनुराग अरोडा ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र 31 साल
है और वह 10वीं पास है। बताया कि मुख्य रूप से मोबाइल सेक्टर में विभिन्न कम्पनियोें जैसे मोबाइल
स्टोर, मयूर विहार फेस-2 दिल्ली, सोनी मोबाइल, साउथ एक्सटेन्षन दिल्ली, मैन पॉवर, सैमसंग आदि
में सेल्स प्रमोषन में काम किया है, इसके अतिरिक्त आईडिया कम्पनी में सेल्स प्रमोषन के पद पर भी
02 साल तक काम कर चुका है। मोबाइल खरीदने के लिए कई बार मोहसिन, उपरोक्त आता था जहॉ
से उसकी मोहसिन से जान पहचान हुई थी ।
अभियुक्त जितेन्द्र उर्फ जीतू ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र 30 साल है और वह दसवी
फेल है। बताया कि जैतपुर दिल्ली में वैल्डिंग का काम करता था वही पडौस में मोहसिन रहता था और
वही से उसकी मोहसिन से जान पहचान हो गई थी, उसका मुख्य काम ए0टी0एम0 से पैसा निकाल कर
मोहसिन व तनुज षर्मा को देना होता था ।
अभियुक्त रविकान्त मिश्रा ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र 45 साल है और वह बी0ए0 पास
है। बताया कि बिहार निवासी विकास के माध्यम से तनुज षर्मा से मिला था और इन तीनों ने मिलकर
बेंको से फर्जी फाइनेन्स का काम करने लगे थे बाद में विकास के जेल जाने के उपरान्त तनुज षर्मा के
माध्यम से मोहसिन के गैंग के साथ मिलकर अपराध करने लगे। मुख्य रूप से जो आर0ओ0सी0 में
कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कम्पनियॉ बनाई जाती थी उसमें फर्जी नामों से वह डायरेक्टर
बनता था। अभियुक्तों से की गई संयुक्त पूछताछ पर यह तथ्य प्रकाष में आया कि बैकों के साथ धोखाधडी
करने का इनका एक संगठित गिरोह है जिसमें इनका काम आपस में बंटा रहता है। विषेशतया मोहसिन,
तनुज षर्मा तथा कपूर दहिया का काम कूटरचित दस्तावेजों के आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बनवाकर
फर्जी कम्पनियॉ बनवाने तथा इसके बाद बैंक के लोगों से लाइजन बनाकर इन्हीं फर्जी कम्पनियोें के पे
रोल पर रखे गये फर्जी कर्मचारी के खाते खुलवाने का होता था। अभियुक्त अमन षर्मा व वसीम, जो पूर्व
में कई बैकों में काम कर चुके हैं, भी खाता खुलवाने के काम में मदद करते थे। अभियुक्त दानिष छिब्बर
व रविकान्त, गरीब व्यक्तियों को बहला फुसलाकर उनका बॉयोमेट्रिक प्रयोग करके कूटरचित आधार कार्ड,
पैन कार्ड आदि बनाकर फर्जी कम्पनियॉ बनाते थे। अभियुक्त जितेन्द्र उर्फ जीतू का काम बैकों के
ए0टी0एम0 से पैसा निकालने का होता था। अभियुक्त अनुराग फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड का प्रयोग
करके एक्टिवेटिव सिम मार्केट से लाने में मदद करता तथा मोबाइल फोन भी भारी मात्रा में खरीदता था।
मुख्य रूप से गरीब लोगों को पैसा देकर आधार सेन्टर पर लाकर आधार कार्ड में कूटरचित दस्तावेजों
के आधार पर जारी कराये गये सिम व मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड करवाकर उनका पता भी बदलवा देते
थे कई बैकों में आधार कार्ड के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर भेजे गये ओ0टी0पी0 नम्बर से ही खाता
खुल जाता था परन्तु कुछ बैकों में बॉयोमेट्रिक वैरिफाई होता है इसके लिए इस गैंग ने व्यक्ति के हाथ
की 08 ऊंगलियों के जगह पैर की ऊंगलियॉ लेते हैं तथा बॉये पैर का अंगूठा तथा दाहिने हाथ का
अंगूठा वैरिफाई कर देते हैं तथा ऑखों पर लेन्स लगाकर रेटिना को भी वैरिफाई कर देते हैं ऐसेे लोगों
का दाहिने हाथ के अंगूठे से ही आधार वैरिफाई हो जाता है और रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर के आधार पर
खाता खुल जाता है। पूछताछ से इस संगठित गिरोह के द्वारा अब तक 13 फर्जी कम्पनियॉ जो कूटरचित
दस्तावेजों पर रजिस्टर्ड की गयी हैं व विभिन्न बैंको के बैंक एकाउन्ट खुलवाने का काम किया है। जिनके
नाम निम्न है-
1- GHCL TECHNOLOGY INDIA LTD
2- SENSNOVA SISTEM, PVT LTD
3- ABRA ATTIRE PVT LTD
4- AUGMAN TECHONOGY SERVICES
5- SELECTRONIOC EQUPMENTS PVT LTD
6- ESELON TECHNOLOGY INDIA LTD
7- BYTESCOMODITY PVT LTD
8- DEVDOC SYSTEM PVT LTD
9- MIRACLE FOR MULATIONS INDIA PVT LTD
10- RASHI CONSTRUCTION PVT LTD
11- CHIPLEY INFO PVT LTD
12- BALA JI TRADING PVT LTD