उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद भेजा, बन गए अपराधी, बहन लेगी शव
लखनऊ।
उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद भेजा, बन गए अपराधी, बहन लेगी शव
खान मुबारक का शव उसकी बहन शबाना लेगी। शबाना शव लेने के लिए हरदोई रवाना हो गई है। शव मंगलवार सुबह शव गांव पंहुचने की संभावना है। हरसम्हार गांव निवासी चकबन्दी विभाग में तैनात लेखपाल रजी आलम ने 38 साल पहले बड़े पुत्र खान जफर उर्फ जफर सुपारी व छोटे पुत्र खान मुबारक को उच्च शिक्षा हेतु इलाहाबाद पढ़ने के लिए भेजा था, लेकिन दोनी पुत्र अपराधी बन गए।पुलिस के मुताबिक खान मुबारक ने अपने अपराध की शुरुआत वर्ष 2006 में जिला इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज से की थी और पहला मुकदमा थाना सिविल लाइन में अपराध संख्या 107/2006 धारा 386,506,120 के तहत दर्ज हुआ था। हरसम्हार गांव में खान मुबारक के मकानों को पुलिस 2021 में ध्वस्त कर चुकी है, उसके गांव हरसम्हार में परिवार का कोई सदस्य मौजूद नही है। उसका बड़ा भाई खान जफर उर्फ जफर सुपारी महाराष्ट्र के मुम्बई की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वहीं उसकी पत्नी मुमताज खान,भाभी जोया व दोनो भाइयों के बच्चे गांव में नहीं है। हालांकि बहन शबाना भाई के शव को लेने हरदोई गई है।