जनजाति समुदाय में आनुवांशिक ब्लड डिसार्डर खत्म करने का अभियान शुरू : बृजेश पाठक

सिकल सेल डिजीज उन्मूलन मिशन का पीएम ने मध्य प्रदेश से किया शुभारम्भ

बहराइच : आनुवांशिक ब्लड डिसार्डर सेल रोग उन्मूलन के तहत सूबे के 16 जनजातीय बाहुल्य जिलों में पीड़ितों की जांच उपचार व रोग प्रबंधन के लिए सिकल सेल डिजीज उन्मूलन मिशन तथा राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न योजनाओं का पीएम नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से शुरूआत की। सूबे के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह मोतीपुर तहसील के कुड़वा हेल्थ वेलनेस सेंटर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से पीएम से जुड़े। आदिवासी समुदाय के लोगों में यह बीमारी गंभीर चिंता का विषय है। इसी के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। डिप्टी सीएम ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार देश व प्रदेश के नागरिकों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्प है। इसी कड़ी में आज देश के पीएम ने सिकल सेल एनिमिया के खात्मे के लिए इस कार्यक्रम को शुरू किया है। वर्ष 2047 तक इस बीमारी के खात्मे के साथ आगामी तीन वर्षों में लगभग तीन लाख लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आहवान किया कि एक वर्ष से 40 वर्ष तक आयु के सभी लक्षित व्यक्तियों की जांच कर डाटा एकत्र कर लें ताकि इस जानलेवा बीमारी का खात्मा किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान जिले के थारू बाहुल्य गांवों में संचालित किये गये अभियान के दौरान पाजीटिव पाये गये 27 लोगों धनीराम, सौम्या, सुलाजी, संजय, कलरानी, विकास, मनीष, गुंजन, अलीशा, संगम, रहीना, गौरव, नरेश, राम वकील, पंचराम, साहिल, राज कुमार, मीना देवी, अनुराग, चिचिया, कालीदेवी, रसनी, तारा, लईनी, रोहित, सुधीर व रीता को सिकल सेल एनीमिया कार्ड सौंपा गया। कार्यक्रम में सांसद अक्षयवर लाल गोंड, विधायक सुभाष त्रिपाठी, सुरेश्वर सिंह, सरोज सोनकर एमएलसी डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष श्यामकरन टेकड़ीवाल समेत अन्य मौजूद रहे।

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