एटीएस द्वारा गिरफ्तार आतंकी सद्दाम शेख गोण्डा का मूल निवासी नहीं, आखिर कंहा से आया खुफिया एजेंसियां सक्रिय

पत्नी को पता नही कहा का रहने वाला था सद्दाम शेख गांव के कल्लन खा ने कराई थी शादी गाड़ी चलाने की बात बतायी थी 

एटीएस द्वारा गिरफ्तार आतंकी सद्दाम शेख गोण्डा का मूल निवासी नहीं, आखिर कंहा से आया खुफिया एजेंसियां सक्रिय

पत्नी को पता नही कहा का रहने वाला था सद्दाम शेख गांव के कल्लन खा ने कराई थी शादी गाड़ी चलाने की बात बतायी थी

एक विद्यालय से आठ पास की फर्जी मार्कशीट लगा आरटीओ गोण्डा कार्यालय से जारी हुआ था ड्राइविंग लाइसेंस

 

 

गोण्डा।आतंकी सद्दाम शेख की एटीएस की गिरफ्तारी के बाद गोण्डा का पठान पुरवा एक एका चर्चा मे आने के बाद गांव मे सन्नाटा पसरा है।एटीएस के बाद गोण्डा पुलिस भी यह जानने मे जुटी है की आतंकी शेख ने अपना कार्य क्षेत्र गोण्डा को ही क्यो चुना था।

गोण्डा देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव करनपुर के पठानपुरवा निवासी सद्दाम शेख पुत्र मुशीमिया को शनिवार यूपी एटीएस ने लखनऊ से आतंकी संगठन के जुडे होने के चलते गिरफ्तार कर लिया तो गिरफ्तारी के बाद एका-एक गोण्डा का पठान पुरवा चर्चा मे आ गया।एटीएस के जांच पड़ताल मे आईएसआई  से प्रेरित आतंकी सद्दाम शेख की नेटवर्किंग फेसबुक एकाउंट से पुष्टि हुई।कई बार सद्दाम ने आईडी बनायी और आंतकी गतिविधियों की सूचना भेजने पर ब्लाक कर दी गयी। अलबद्र , लश्कर ऐ तैयबा से जैसे आतंकी संगठनो की फोटो लगी मिली है। वह पाकिस्तानी कश्मीरी मिलिटेंट के संपर्क में रहा।

देहात कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करनपुर का पठानपुरवा सद्दाम शेख कैसे पहुँचा  गांव वाले बताते है उनके अनुसार राकेश भुजवा पुत्र मोती भुजवा ने सूरत में साथ  काम करने के दौरान दोस्ती हो गई थी।2005 मे राकेश  सद्दाम को गोण्डा जिला अपने गांव लेकर चला आया। धीरे धीरे वह पठान पुरवा गांव में जाकर नमाज पढ़ने लगा था। मुस्लिम समुदाय में उसने अपनी पकड़ बना लिया। बाद में वह गांव के  कल्लन प्रधान नामक व्यक्ति के सम्पर्क में आया और गहरा सम्बंध बना लिया।उस समय यह पचास- साठ लाख रूपए लाया था। कल्लन प्रधान ने गांव के चौराहे पर जमीन खरीदवा दी। इतना ही नही इसकी शादी भी 2010 मे गांव की रुबीना से करा दी।

पत्नी रूबीना ने बताया कि  गांव की मस्जिद में सद्दाम शेख नमाज पढ़ता था अपने आप को गुजरात में गाड़ी चलाने तथा बैंगलोर में एक कंपनी चलाने की बात करता था। हमारे ससुर का नाम मुंशी मियां बचपन में मां बाप मर गए कभी नहीं बताया कि हमारा घर मकान कहां है।

प्रधान कल्लन खां ने सद्दाम शेख से शादी करवाई थी 3 लड़के हैं हमें नहीं पता था कि इनका संबंध आतंकवादियों से है जब हमारे यहां पुलिस आई तो हमें जानकारी मिली कि लखनऊ में गिरफ्तार किए गए जेल भेजे गए हैं पुलिस जानकारी करने घर पर आई थी।

गांव के प्रधान गुड्डू सिंह कहते है कि पूर्व प्रधान कल्लन खां उसे गांव मे लाकर बसाया था। जमीन भी उन्होने खरीदवाई थी लोग बताते है सद्दाम शेख जब आया था तो उसके पास पैसे बहुत थे।

गांव मे कभी कभार आता था।जब आता था तो उस बीच गांव मे इसके घर अंजान किस्म के लोगो का आना जाना रहता था कहा के लोग थे यह नही मालूम हो पाता लेकिन आसपास के लोग नही होते थे।पत्नी रूबीना के अनुसार सद्दाम हर माह खाते मे आठ हजार रूपए भेजता था।

एटीएस के द्वारा सद्दाम शेख के गिरफ्तारी के बाद पुलिस की गतिविधिया गांव तेज हो गयी है। पुलिस भी सद्दाम की कुंडली खगालने मे जुटी है कि सद्दाम शेख कहा का रहने वाला था यहा इसके कहा कहा सम्बंध थे ।

सद्दाम शेख का गोंडा आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस बना था आठवीं की मार्कशीट स्थानीय इंटर कॉलेज स्कूल से 20/ 10 /2011 में बनवाया था इसी आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किया था। पुलिस जांच कर रही है की बिना विद्यालय गये कैसे प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। आज भी सद्दाम शेख के स्थाई निवास को लेकर संशय बना हुआ है कुछ लोग बंग्लादेश का भी बता रहे है। वही पत्नी इतना जानती है कि सद्दाम शेख गाड़ी चलाता था।वैसे गांव मे सन्नाटा पसरा है कोई खुलकर कुछ बात करने से डर रहा है।

 

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