राजीव प्रसाद की बुजुर्ग मां के चेहरे की झुरियां कह रही सुपरटेक ईको विलेज 2 में घर इंतजार की दर्द भरी दास्तां

ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक ईको विलेज 2 के बायर्स की पीड़ा सोशल मीडिया पर रोज बहती है

 नईदिल्ली। यूपी के शो विंडो नोएडा में एक घर की आस में हजारों की संख्या में ठगे महसूस कर रहे लोगों की पीड़ा समंदर से भी गहरी है। एक छत की आस में एक दो नहीं तीन पीढियां इंतजार कर रही है लेकिन आश्वासन, धमकी और बिल्डर के कर्मचारियों की बदसलूकी के अलावा अभी कुछ नहीं हासिल हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक बिल्डर के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आईआरपी तैनात कर दिया लेकिन सात महीने हो गए लेकिन वह भी काम नहीं शुरू करा सके। लाखों रुपए देने के बाद भी ठोकर खा रहे घर खरीदारों के अथाह दर्द को समझने के लिए मिलिए राजीव प्रसाद से। ग्रेनो के सुपर टेक बिल्डर के ईको विलेज 2 प्रोजेक्ट में वह 2014 में पीएफ से लोन लेकर 20 लाख रूपए देकर एक फ्लैट बुक किया। 2017 तक वह फ्लैट की आस में 36 लाख रुपए दे दिए लेकिन फ्लैट नही नसीब हुआ। 2018 तक इनको फ्लैट मिलना था लेकिन 2022 बीतने को है लेकिन अभी भी नसीब नही हुआ। दो बेटियों की पढ़ाई के भविष्य में शादी की चिंता से बड़ी चिंता इनको बिल्डर के हाथों ठगे जाने की है। राजीव से ज्यादा 90 साल की उनकी मां कमलिनी प्रसाद को बेटे के घर का इंतजार है। घर के इंतजार में दिल में चिंता की लकीरें संग चेहरे की झुरियां बढ़ रही हैं लेकिन इनके दर्द को कोई देखने और सुनने वाला नहीं है। बुजुर्ग महिला की आंखों पर चढ़े चश्मा के बाद भी कोई भी इनके दर्द और इंतजार को पढ़ सकता है लेकिन न सरकार इसे महसूस कर रही हैं न ही अधिकारी। बिल्डर तो लाखों लेने के बाद इनके जैसे हजारों खरीदारों के दर्द को भूल गया। आठ साल से घर का इंतजार कर रहे राजीव आज अपने बच्चों और मां के साथ 30 हजार रूपये मासिक किराए के मकान में रहते हैं। इनको घर कब मिलेगा कोई बताने को तैयार नहीं है

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