नियुक्तियों के साथ भर्ती प्रक्रिया में आ रहीं बाधाओं को भी दूर कर रही योगी सरकार

नियुक्तियों के साथ भर्ती प्रक्रिया में आ रहीं बाधाओं को भी दूर कर रही योगी सरकार

*- कार्मिक विभाग ने भर्ती प्रक्रिया में अर्हता को लेकर आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए जारी किया आदेश*

*-तकनीकी पदों पर भर्ती के साथ ही सामान्य स्नातक और उसके समकक्ष अर्हता को लेकर दी स्पष्टता*

*- तकनीकी शिक्षा से संबंधित डिग्री की मान्यता तय करने का अधिकार संबंधित विभाग को*

*लखनऊ, 25 जुलाई।* योगी सरकार न सिर्फ युवाओं को रोजगार से जोड़ रही है, बल्कि इस राह में आने वाली बाधाओं को भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में सरकार ने सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों की अर्हता के साथ समकक्ष अर्हता को लेकर आ रही समस्याओं का निवारण करते हुए इस संदर्भ में आदेश जारी किया है। आदेश में तकनीकी प्रकृति के पदों पर भर्ती के लिए स्नातक या समकक्ष अर्हता के साथ ही सामान्य स्नातक और उसके समकक्ष अर्हता को लेकर पूरी स्पष्टता प्रदान की गई है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम चला रही है। 6 वर्ष मे 6 लाख से अधिक युवाओं को नौकरियां प्रदान की गई हैं, जबकि लाखों लोगों को अन्य रोजगार से जोड़ा गया है। अब तक स्वयं सीएम योगी ने 21 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रमों में युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए हैं।

*तकनीकी पदों के लिए समकक्ष अर्हता का निर्धारण करेंगे संबंधित विभाग*
अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी द्वारा इस संबंध में प्रदेश सरकार के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव,सचिव, विभागाध्यक्षों, समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को भारत में विधि द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय की स्नातक उपाधि के समकक्ष अर्हता के संबंध में सरकार के निर्णय से अवगत कराया गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे प्रकरणों में जहां तकनीकी प्रकृति के पद किसी विभाग की सेवा नियमावली में विद्यमान है तथा उनके लिए सामान्य स्नातक की अर्हता के स्थान पर कोई विशिष्ट अर्हता एवं उसके समकक्ष अर्हता अथवा किसी विशिष्ट शाखा व उपशाखा में स्नातक एवं उसके समकक्ष संगत नियमावली में निर्धारित की गई है, वहां विहित अर्हता के समकक्ष अर्हता का निर्धारण संबंधित विभाग द्वारा किया जाएगा।

*सामान्य अर्हता के लिए भी सुनिश्चित की गई कार्यवाही*
ऐसे प्रकरणों को छोडकर जिस किसी विभाग की नियमावली में अर्हता सामान्य स्नातक और उसके समकक्ष अर्हता निर्धारित की गई है, उसके लिए आदेश के अंतर्गत ये कार्यवाही सुनिश्चित की गई है…

– केंद्र या किसी राज्य सरकार द्वारा विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय अथवा संस्थान द्वारा अध्ययन की किसी भी शाखा में यदि स्नातक की उपाधि प्रदान की गई है तो इस तरह की समस्त उपाधियां स्नातक के रूप में मान्य होगी।

– मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय), भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विभिन्न व्यवसायिक निकाय, संस्थानों द्वारा संचालित तकनीकी पाठयक्रमों में प्रदान की गई स्नातक स्तर की उपाधियां मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय) तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देशों के अधीन स्नातक के समकक्ष मान्य किए जाएंगे।

– किसी प्रकार के असमंजस की स्थिति में केंद्र सरकार, संबंधित राज्य सरकार, विनियामक निकायों से संबंधित आयोगों से जानकारी ली जा सकती है।

– यह समतुल्यता केवल उत्तर प्रदेश राज्य में लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा आयोग एवं अन्य भर्ती संस्थाओं द्वारा सेवा नियमावलियों में विहित स्नातक एवं समकक्ष अर्हता के लिए मान्य होगा।

*रिक्त पदों पर बिना देरी हो सकेगी भर्ती*
उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर 2021 को उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेश के अनुसार, जहां कहीं भी भर्ती के नियमों में विहित अर्हता के साथ-साथ समकक्ष अर्हता का उल्लेख हो वहां चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही समकक्ष अर्हता स्पष्ट रूप से निर्धारित की जाए। इसके बाद ही चयन के लिए अधियाचन चयनकर्ता अधिकरणों को भेजा जाए। चयनकर्ता अधिकरणों जैसे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लखनऊ तथा विभिन्न बोर्ड आदि भी पद विज्ञापित करने से पहले समकक्ष अर्हता का निर्धारण कराते हुए विज्ञापन में उसका स्पष्ट उल्लेख सुनिश्चित करें। उच्च न्यायालय के इस आदेश के प्राविधानों को लागू करने के बाद कुछ विभागों द्वारा यह अवगत कराया गया है कि नियमावली में विहित समकक्ष अर्हता के आधार पर प्रेषित अधियाचनों को लोक सेवा आयोग द्वारा समकक्ष अर्हता को स्पष्ट किए जाने के अनुरोध के साथ वापस कर दिया जा रहा है। इससे रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने में विलंब हो रहा है। इसी समस्या के निवारण के लिए सरकार की ओर से गंभीरता से विचार किए जाने के बाद निर्णय लिया गया है।

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