20 मिनट की बैठक के बाद पांच दिनों का अनिश्चित कालीन धरना खत्म, विवाद और बढ़ा
सिलीगुड़ी: राज्यपाल के साथ 20 मिनट की बैठक के तृणमूल कांग्रेस के द्वारा पिछले 5 दिनों से चली आ रही धरना प्रदर्शन को समाप्त हो गया है। परंतु इसको लेकर चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार शाम 6:30 बजे धरना मुझे ऐलान किया कि अगर 31 अक्टूबर के बीच मनरेगा के बकाया राशि को केंद्र सरकार द्वारा भुगतान नहीं किया जाता तो फिर एक बार पहली नवंबर से धरना प्रदर्शन शुरू होगा। इस धरना प्रदर्शन को लेकर भाजपा की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस द्वारा राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन वापस लेने के बाद भाजपा प्रदेश सचिव प्रियंका टिबरेवाल ने बेहद तीखा व्यंग्य करते हुए आरोप लगाया कि तृणमूल के धरने में कोई भी मौजूद नहीं था क्योंकि वहां पर उनका बिरयानी और शराब का बजट बढ़ गया था। भाजपा नेता टिबरेवाल ने धरना खत्म होने के बाद कहा, “ऐसा नहीं है कि अभिषेक बनर्जी ने तृणमूल का विरोध-प्रदर्शन वापस लिया, दरअसल वो वहां पर लोगों को रोक ही नहीं सके क्योंकि उनका बिरयानी और शराब का बजट पार हो गया था।”
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर ज्यादा आक्रामक तरीके से हमला करते हुए टिबरेवाल ने आगे कहा, “अभिषेक बनर्जी सेलेक्टिव विरोध करना चाहते हैं, वो तो सिर्फ 5 दिनों में ही थक गए हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में नौकरी की चाहत रखने वाले 2 साल से सड़कों पर बैठे हैं।”
उन्होंने कहा, “अभिषेक बनर्जी केंद्र सरकार से उस पैसे का भुगतान करने के लिए कह रहे हैं जो केंद्र सरकार द्वारा पहले ही भुगतान किया जा चुका है। यदि वह मनरेगा के नियमों से वो पैसों की मांग कर रहे हैं तो मनरेगा अधिनियम में यह भी लिखा है कि मनरेगा के मद में किये गये खर्च को केंद्र सरकार के सामने नहीं रखा जाता है और यदि केंद्र सरकार के सामने मनरेगा के खाते नहीं रखे जाते हैं तो वह धनराशि को रोक सकती है। मालूम हो कि इससे पहले सोमवार को तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 24 घंटे में हमारे सवालों का जवाब देने का वादा किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं की सलाह पर हम केंद्र के खिलाफ अपने विरोध को वापस ले रहे हैं। दरअसल बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत आवंटित किये गये धन को देने में देरी कर रही है और इसी के विरोध में तृमणूल कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही थी। तृणमूल नेताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि राजभवन तक पार्टी इसलिए मार्च कर रही है ताकि गवर्नर राज्य के गरीब लोगों की दुर्दशा पर गंभीरता से विचार करें।
साध्वी निरंजन ज्योति को माल कहने पर भाजपा हमलावर
पहले टीएमसी की एक सांसद ने पापी और फिर एक वरिष्ठ सांसद ने उन्हें माल कह कर नारी समाज का अपमान किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सहजाद पुणेवाला ने तृणमूल कांगेस के सांसद सौगत राय अपनी भड़ास निकाली। वे साध्वी निरंजन ज्योति को ‘माल’ कहने पर भड़के। उन्होंने सौगात राय की आलोचना करते हुए उन पर केंद्रीय मंत्री को अपमानित करने का आरोप लगाया। पूनावाला ने दावा किया कि सौगत राय ने साध्वी निरंजन ज्योति को ‘माल’ कहा था। तृणमूल कांग्रेस का मतलब अंधराष्ट्रवाद है। किसी महिला के खिलाफ ऐसी टिप्पणी शर्मनाक है। वहीं महुआ मोइत्रा ने कहा कि भारतवर्ष में अगर साध्वी ऐसी हो तो पापी की ज़रूरत नहीं है। बता दें कि साध्वी ज्योति और तृणमूल कांगेस के पीछे पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है, जिसके तहत जुबानी हमले किए जा रहे हैं।इसको लेकर भाजपा पूजा के बाद आंदोलन का रूप देंगी। रिपोर्ट अशोक झा