30 साल बाद चित्रा नक्षत्र, बुधादित्य और योग में इस बार नवरात्र का होगा शुभारंभ

कोलकाता:
15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो जाएंगे. खास बात यह है कि 30 साल बाद चित्रा नक्षत्र, बुधादित्य और योग में इस बार नवरात्र का शुभारंभ होगा। माता के भक्तों को खुशी है कि पिछले साल की तरह मां दुर्गा इस बार भी हाथी (गज) पर सवार होकर आ रही हैं। इस संबंध में बाबा नगरी के पंडित अभय झा ने बताया कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर को रात 11:24 बजे शुरू होगी और 16 अक्तूबर को प्रात: 12:03 बजे समाप्त होगी. शारदीय नवरात्रि में इस बार घटस्थापना के लिए 15 अक्तूबर को सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक शुभ मुहूर्त है. कलश स्थापना के लिए 46 मिनट का शुभ समय रहेगा. इस दिन चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है.
इस बार विजया दशमी को पश्चिम की यात्रा होगी शुभ
हाथी से आगमन का मतलब सुख-समृद्धि बनी रहेगी
मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी घोड़ा है, जो कि शुभ संकेत नहीं है.
प्रस्थान की सवारी घोड़ा, नहीं हैं शुभ संकेत
पंडित जी ने बताया कि शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आयेंगी। सोमवार के दिन नवरात्रि की शुरुआत हो, तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है।इस वर्ष माता के आगमन को अति शुभ माना गया है। खेती के लिए इसे अच्छा माना जाता है।हाथी से आगमन का मतलब सुख-समृद्धि बनी रहेगी। वहीं नवरात्र का व्रत करने वाले को समृद्धि प्राप्त होगी।वहीं मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी घोड़ा है, जो कि शुभ संकेत नहीं है। दुर्गा सप्तशती के वर्णन के अनुसार, देवी दुर्गा की विदाई का वाहन घोड़ा प्राकृतिक आपदाओं का प्रतीक हैं। जानकारों के अनुसार, इसका अर्थ है कि हम भविष्य के संकटों के प्रति वर्तमान से ही सचेत हो जायें. माता की कृपा से सभी तरह के संकट दूर होंगे. माता अपने भक्तों के हर संकट को हरने वाली हैं।
नवरात्रि 2023 तिथि
कलश स्थापन का है शुभ मुहूर्त: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त व प्रतिपदा तिथि में होता है. पंडित जी के अनुसार, 15 अक्तूबर को 12 बजकर 24 मिनट में वैधृत योग शुरू हो रहा है, इसलिए शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए मात्र 46 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है. 15 अक्टूबर को सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक शुभ मुहूर्त है।पूरे नौ दिनों तक मां आदिशक्ति जगदम्बा का पूजन किया जाता है। बताया कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ रविवार 15 अक्टूबर 2023 से हो रहा है। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। मां दुर्गा की उपासना का पर्व साल में चार बार आता है। जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती है। शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। नवरात्रि की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर 2023 से होगी। 23 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि समाप्त होगी। वहीं 24 अक्टूबर विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।

शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना शुभ मुहूर्त : पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:44 मिनट से दोपहर 12:30 तक है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 46 मिनट ही रहेगा।
घटस्थापना तिथि: रविवार 15 अक्टूबर 2023
घटस्थापना मुहूर्त: प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08:47 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:44 मिनट से दोपहर 12:30 मिनट तक (अभिजित मुहूर्त में देवी की स्थापना सबसे शुभ मानी जाती है)
नवरात्रि के 9 दिन का महत्व: अश्विन माह में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें मां दुर्गा की प्रतिमाएं विराजित की जाती है। साथ ही कई स्थानों पर गरबा और रामलीलाओं का आयोजन किया जाता है। इस 9 दिन के महापर्व के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा भी की जाती है। अखंड ज्योति जलाई जाती है। हर स्वरूप की अलग महिमा होती है। आदिशक्ति जगदम्बा के हर स्वरूप से अलग-अलग मनोरथ पूर्ण होते हैं. यह पर्व नारी शक्ति की आराधना का पर्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में व्रत भी रखा जाता है। पूरे नियमों के साथ मां दुर्गा की आराधना की जाती है।

नवरात्रि में मां दुर्गा के आगमन की सवारी है शुभ: देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि महालया के दिन जब पितृगण धरती से लौटते हैं तब मां दुर्गा अपने परिवार और गणों के साथ पृथ्वी पर आती हैं। जिस दिन नवरात्र का आरंभ होता है उस दिन के हिसाब से माता हर बार अलग-अलग वाहनों से आती हैं। माता का अलग-अलग वाहनों से आना भविष्य के लिए संकेत भी होता है जिससे पता चलता है कि आने वाला साल कैसा रहेगा। इस साल माता का वाहन हाथी होगा क्योंकि नवरात्रि का आरंभ रविवार से हो रहा है। इस विषय में देवी भागवत पुराण में इस प्रकार लिखा गया है कि रविवार और सोमवार को नवरात्रि आरंभ होने पर माता हाथी पर चढकर आती हैं जिससे खूब अच्छी वर्षा होती है। खेती अच्छी होगी। देश में अन्न धन का भंडार बढ़ेगा।

मां दुर्गा के वाहन और उनका महत्व : बताया कि यूं तो मां दुर्गा का वाहन सिंह को माना जाता है, लेकिन हर साल नवरात्रि के समय तिथि के अनुसार माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं, यानी माता सिंह की बजाय दूसरी सवारी पर सवार होकर भी पृथ्वी पर आती हैं. माता दुर्गा आती भी वाहन से हैं और जाती भी वाहन से हैं. नवरात्रि का विशेष नक्षत्रों और योगों के साथ आना मनुष्य जीवन पर खास प्रभाव डालता है। ठीक इसी प्रकार कलश स्थापन के दिन देवी किस वाहन पर विराजित होकर पृथ्वी लोक की तरफ आ रही हैं इसका भी मानव जीवन पर विशेष असर होता है।
देवीभाग्वत पुराण में जिक्र किया गया है कि शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता. इस श्लोक में सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी के आगमन का अलग-अलग वाहन बताया गया है। अगर नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो इसका मतलब है कि माता हाथी पर आएंगी।
शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं.
गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं। बुधवार के दिन नवरात्रि पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं।
देश पर पड़ेगा यह असर: बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है। हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है. इससे देश में आर्थिक समृद्धि आयेगी। साथ ही ज्ञान की वृद्धि होगी। हाथी को शुभ का प्रतीक माना गया है. ऐसे में आने वाला यह साल बहुत ही शुभ कार्य होगा, लोगों के बिगड़े काम बनेंगे. माता रानी की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी।
शारदीय नवरात्रि: 15 अक्टूबर 2023 – मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
16 अक्टूबर 2023 – मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि
17 अक्टूबर 2023 – मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
18 अक्टूबर 2023 – मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
19 अक्टूबर 2023 – मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
20 अक्टूबर 2023 – मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
21 अक्टूबर 2023 – मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
22 अक्टूबर 2023 – मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी
23 अक्टूबर 2023 – महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
24 अक्टूबर 2023 – मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)। @रिपोर्ट अशोक झा

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