फर्जी पासपोर्ट मामले की जुड़ी तार , सीमा के उस पार,नक्सलबाड़ी से वरुणजीत राठौड़ भी गिरफ्तार

कोलकाता: फर्जी पासपोर्ट मामले की जड़े काफी गहरी है। इस धंधे से जुड़े लोगों का रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। इसके तार सीमा के पार से जुड़ता दिख रहा है। सिलीगुड़ी नेपाल बांग्लादेश की सीमा से घिरा है तो सिक्किम चीन, नेपाल और भूटान की सीमा से। यह सामान्य दिख रहा मामला असमान्य है। यही कारण है की सांसद राजू बिष्ट ने मांग की है की इससे जुड़े सभी आरोपियों तक सीबीआई पहुंचे। ऐसा होने से सीमा सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले पर नकेल कसेगा। शनिवार से हो रही छापा मारी में आखिरकार भारत नेपाल सीमांत नक्सलबाड़ी क्षेत्र से वरुण सिंह राठौड़ को सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया। उनकी कार के ड्राइवर तुबाई घोष को भी गिरफ्तार कर लिया गया। 15 घंटे की लगातार पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पासपोर्ट फर्जीवाड़े के आरोपों के मद्देनजर सीबीआई ने शनिवार को पूरे दिन सिक्किम और सिलीगुड़ी में छापेमारी की। वरुणजीत राठौड़ को सिलीगुड़ी के पास नक्सलबाड़ी से गिरफ्तार किया गया। उस दिन सीबीआई को उसके घर के पीछे से जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, विभिन्न ग्राम पंचायत दस्तावेज, नकली टिकटें बरामद हुईं। बताया जाता है कि ये वरुणजीत राठौड़ मूल रूप से पासपोर्ट बनाने वाले एजेंट के तौर पर काम कर रहा था। सीबीआई के हाथों उनकी गिरफ्तारी के बाद कई तरह की जानकारियां सामने आईं। दस साल पहले, वरुण स्थानीय पंचायत में एक अस्थायी कर्मचारी था। वह राशन कार्ड बनाने का काम करता था। लेकिन धोखाधड़ी के कारण वह नौकरी छूट गई। उसके बाद पासपोर्ट-बिजनेस से जुड़े और फलने फूलने लगा। मालूम हो कि उन्होंने इलाके में करीब तीन करोड़ रुपये में जमीन खरीदी और घर बनाया। वरुण जीत बिना कार के सफर नहीं करते थे। पिछले कुछ दिनों से वह केंद्रीय एजेंसी की निगरानी में थे। इसके बाद शनिवार को तलाश कर गिरफ्तारी की । इस दिन सीबीआई ने सिक्किम और बंगाल में एक साथ छापेमारी की थी। गंगटोक स्थानांतरित किए गए पासपोर्ट सेवा केंद्र के वरिष्ठ अधीक्षक गौतम साहा को सिक्किम से गिरफ्तार किया गया। गौतम सितंबर तक सिलीगुड़ी के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में कार्यरत थे। सूत्रों के मुताबिक ये वरुणजीत गौतम के करीबी हैं। शनिवार रात को सीबीआई ने वरुणजीत के कार ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया। ड्राइवर काले रंग की कार चला रहा था। सीबीआई को पता चला है कि फर्जी पासपोर्ट खरीदने वालों को उस कार में घर ले जाया जाता था. फर्जी दस्तावेज भी बनाये गये. गिरफ्तार वरुणजीत को रात में ही सीबीआई सिलीगुड़ी ले गयी। हालांकि, उनके घर की तलाशी जारी है। इस सिलसिले में गंगटोक के पासपोर्ट लघु सेवा केंद्र के एक अधिकारी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एजेंसी के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। सीबीआई के दलों ने सुबह में, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 50 स्थानों पर छापे मारे। इनमें गंगटोक, सिलिगुड़ी, दार्जीलिंग, अलीपुर और अन्य शहरों में स्थित पासपोर्ट कार्यालय और हाल में दर्ज एक प्राथमिकी में नामजद आरोपियों के परिसर भी शामिल हैं। प्रवक्ता ने बताया कि यह जांच गंगटोक स्थित पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र में वरिष्ठ अधीक्षक के रूप में पदस्थ गौतम कुमार साहा, और दीपू छेत्री नाम के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के साथ शुरू हुई। दोनों को सिलीगुड़ी के एक होटल में पकड़ा गया था, जब छेत्री एक पासपोर्ट जारी कराने के लिए साहा को कथित तौर पर 1.9 लाख रूपये की रिश्वत दे रहा था। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ”दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। तलाशी के दौरान लोक सेवक के पास से 3.08 लाख रुपये (लगभग) बरामद किये गए।
सरकारी अधिकारी, बिचौलिया और पासपोर्ट एजेंट सहित 24 लोगों को प्राथमिकी में नामजद किया गया है। इनमें साहा, छेत्री, कोलकाता स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में उप पासपोर्ट अधिकारी के रूप में पदस्थ तपन दास और 13 अन्य सरकारी अधिकारी शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि पहचान की चोरी और सरकारी कार्यालयों द्वारा जारी फर्जी यात्रा दस्तावेज गंभीर सुरक्षा मुद्दे हैं। उन्होंने बताया कि छापेमारी जारी है। प्रवक्ता ने कहा, ”यह आरोप है कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ), कोलकाता और पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र (पीएसएलके), गंगटोक के लोक सेवकों ने पासपोर्ट एजेंट, बिचौलियों सहित अन्य लोगों के साथ एक आपराधिक साजिश रची तथ भारत के गैर-निवासी व्यक्तियों/आवेदकों की ओर से जमा किये गये झूठे एवं फर्जी पहचान दस्तावेजों के आधार पर आरोपी पैसों के एवज में पासपोर्ट जारी कर रहे थे। सीबीआई के दलों ने बंगाल की राजधानी कोलकाता के अलावा साल्ट लेक और हावड़ा स्थित पासपोर्ट कार्यालयों में तलाशी ली है। संघीय एजेंसी ने शनिवार तड़के हावड़ा जिले के उलुबेरिया में पासपोर्ट कार्यालय के एक कर्मचारी के आवास पर भी छापेमारी की। अधिकारी ने बताया कि उससे करीब छह घंटे पूछताछ की गई, जिसके बाद सीबीआई अधिकारी उसे अपने साथ ले गए। उन्होंने कहा, ”यह व्यक्ति पासपोर्ट कार्यालय का एक कर्मचारी है। हमने आज सुबह उलुबेरिया में उसके आवास पर छापा मारा और उससे पूछताछ की। अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी में भारी संख्या में फर्जी दस्तावेज, ग्राम प्रधानों की मुहर और पहचान दस्तावेज बरामद किये गए। बिचौलियों और पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर यह कृत्य करने वाले डाक विभाग के कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। इसका उद्देश्य फर्जी पतों पर भेजे गए पासपोर्ट को वापस प्राप्त करने एवं उन्हें वास्तविक व्यक्ति को सौंपना है। रिपोर्ट अशोक झा

Back to top button