शिक्षक घोटाला में ईडी की छापामारी, कई ठिकानों पर आरोपियों की तलाश
कोलकाता: बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और जेल में बंद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता पार्थ चटर्जी के करीबी सहयोगियों पर कोलकाता में छापेमारी कर रही है। सूत्रों ने बताया कि शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में कोलकाता में कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी के टीम के साथ सुरक्षाबल भी मौजूद हैं।सूत्रों के मुताबिक, ‘प्रवर्तन निदेशालय कोलकाता में पूर्व शिक्षा मंत्री और जेल में बंद टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी के करीबी सहयोगियों पर छापेमारी कर रहा है। कोलकाता में कई स्थानों पर शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में छापेमारी चल रही है।’प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को एक बिल्डर के आवास और कार्यालय पर छापेमारी शुरू की, जिसे पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का करीबी माना जाता है। एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बलों के साथ ईडी की टीमों ने व्यवसायी के एक कार्यालय और तीन फ्लैटों पर छापा मारा, जिनमें से एक कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में नकटला में चटर्जी के घर के सामने है। ईडी के अनुसार, इस घोटाले में बिल्डर की अहम भूमिका रही है। अधिकारी ने बताया कि ऐसा लगता है कि उस व्यक्ति ने घोटाले से प्राप्त धन को विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने में गिरफ्तार मंत्री की मदद की है। पार्थ चटर्जी को केंद्रीय एजेंसी ने सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने कथित घोटाले के संबंध में पहले बिल्डर से दो बार पूछताछ की थी। अधिकारी ने कहा कि उस व्यक्ति के कब्जे से जब्त किए गए कई दस्तावेजों और बैंक विवरणों से साबित हुआ है कि पार्थ चटर्जी ने प्राथमिक विद्यालय घोटाले से प्राप्त धन को निवेश करने के लिए उसकी मदद ली है। बता दें कि इससे पहले राशन घोटाला मामले में बीते दिनों ईडी का एक्शन देखने को मिला था। इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को दावा किया था कि पश्चिम बंगाल सरकार की नौकरियों की बिक्री का गठजोड़ बहुत सक्रिय है, क्योंकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कथित अपराध की एक ऑडियो क्लिप साझा की थी। बता दें, साल 2022 में टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के कोलकाता आवास से 21 करोड़ रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण बरामद होने के बाद हुई थी। रिपोर्ट अशोक झा