नक्सलबाड़ी में नारायण के हाथों गरीब बच्चों और जरूरतमंद के चेहरे पर मुस्कान

सिलीगुड़ी:भारत-नेपाल सीमांत नक्सलबाड़ी। यह किसी नाम का मोहताज नहीं है। यहां राठखोला शिवाजी क्लब द्वारा आयोजित सार्वजनिक दुर्गापूजा के लिए तैयार भव्य पंडाल को श्रद्धालुओं के लिए विधिवत खोला गया। उद्घाटन में क्षेत्र के समाजसेवी और गरीबों के उद्धारक माने जाने वाले नारायण अग्रवाल पदाधिकारियों के साथ मौजूद थे। पूजा पंडाल के मुख्य प्रवेशद्वार पर भव्य गणपति की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। दुर्गापूजा के मौके पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी नारायण अग्रवाल ने 70 बच्चों व जरूरतमंदों के बीच वस्त्र का वितरण किया। इस दौरान बच्चों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। उन्होंने बताया कि नक्सलबाड़ी बाजार में अग्निकांड की दुःखद घटना को छोड़ दे तो दुर्गा पूजा को लेकर चारों ओर खुशी का माहौल है। ऐसे में नक्सलबाड़ी, इस्लामपुर समेत सिलीगुड़ी के बस्ती इलाके के
गरीब परिवार के चेहरे पर भी मुस्कान लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि वे लोगों से आह्वान करते है की अपने-अपने क्षेत्र में जरूरतमंदों की सेवा करें, जिससे वे भी उत्साह के साथ पूजा का आनंद उठा सकें। बहुत गर्व की बात है कि हम पर जन्म से ही हमारी सबसे समृद्ध संस्कृति का प्रभाव पड़ा और वह प्रभाव हमें एक दयालु हृदय बनने और दूसरों की मदद करने में भी मदद करता है। ये सामाजिक त्यौहार या समारोह एक ऐसा माहौल बनाते हैं जिसे हर कोई अपनाता है और इन दिनों के दौरान वे अपनी सभी प्रतिकूलताओं को भूल जाते हैं। “दुर्गा पूजा से काली पूजा तक” हमारे देश का सबसे लंबा राष्ट्रीय उत्सव है और हम सभी इसे पूरे दिल से मनाते हैं। हम इन उत्सवों को सामाजिक सुधार और जागरूकता की गतिविधि के रूप में मानते हैं जो हर हाथ से जुड़ती है। हमारे पास कई लोग और घर हैं जो इन सामाजिक गतिविधियों और समारोहों में भाग ले रहे हैं जो हर चेहरे पर मुस्कान लाते हैं। वे इन दिनों को यादगार बनाने के लिए उदारतापूर्वक योगदान दे रहे हैं और हम सभी भारतीयों की ओर से हमेशा उनके आभारी हैं। एक बार फिर से मौसम आगे बढ़ रहा है और हम आपके सामने अपना विनम्र अनुरोध रख रहे हैं कि आप हमारे साथ जुड़ें और भारतीय संस्कृति के इतिहास को अक्षुण्ण रखें। हमें उम्मीद है कि नीचे दिए गए हमारे सभी नियमित “पूजा” विवरणों को व्यवस्थित करने के लिए हमें आपका पूरा समर्थन मिलेगा। हम अपने सभी “पूजा पंडालों” से गरीब और जरूरतमंद लोगों को बड़े कपड़े वितरित करते हैं, हमारी हर पूजा में असीमित लोग आते हैं और “भोग” के साथ-साथ अपने और अपने परिवार के लिए “देवी” का आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं। @रिपोर्ट अशोक झा

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