बीएचयू के मालवीय भवन में महामना के आराध्य की 77 साल बाद हुई फिर स्थापना
बीएचयू के मालवीय भवन में महामना के आराध्य की 77 साल बाद हुई फिर स्थापना
77 वर्षों बाद पुन: मालवीय भवन में आये राधा-कृष्ण
वाराणसी। देव उठनी एकादशी के दिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय जी के आराध्य राधा-कृष्ण के विग्रह की पुन: मालवीय भवन में विधि-विधान के साथ स्थापना की गयी| महामना जी इसी विग्रह का नित्य प्रति पूजन अर्चन किया करते थे| मालवीय जी के देहावसान के बाद परिवार जनों के साथ भगवान् के ये विग्रह भी उनके पैतृक आवास प्रयागराज में चले गए थे| आज लगभग 77 सालों बाद उनके परिवार जनों ने इस विग्रह को मालवीय भवन को सौंपने का निर्णय किया जिसे माननीय कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हुए विग्रह के स्थापना और स्थान आदि के चयन हेतु मालवीय भवन के निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल जी को निर्देश दिए| प्रो. शुक्ल जी ने मालवीय भवन के वास्तु के अनुसार विद्वानों से परामर्श से मालवीय भवन के ईशान कोण के प्रकोष्ठ को एक मंदिर का स्वरूप प्रदान कर वहां दोनों विग्रह की स्थापना की व्यवस्था की गयी| बताते चले कि इसी प्रकोष्ठ के बगल में ही मालवीय जी की पाकशाला और शयनशाला भी जिसे आज भी संरक्षित रखा जा है|
प्रयागराज से राधा-कृष्ण के विग्रह को लाने के लिए कुलपति जी के निर्देश पर मालवीय भवन के सह-मानित निदेशक और वैदिक दर्शन विभाग के अध्यक्ष प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी गए थे| माननीय कुलाधिपति और महामना के पौत्र जस्टिस गिरिधर मालवीय के निर्देश पर विग्रह को सौपने के लिए साथ में मालवीय जी पांचवी पीढी की पुत्री श्रीमती अंजलि मालवीय और उनके परिवार के लोग भी आये| आज प्रात: काल ११:३३ बजे से निदेशक प्रो. शुक्ल जी के नेतृत्व व प्रो.त्रिपाठी जी के संयोजन में माननीय कुलपति जी ने विधि-विधान के साथ पूजन करके स्थापना की| संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के वैदिक विद्वानों ने पूजन व स्थापना का कार्य संपन्न कराया|
उक्त अवसर पर हर्ष व्यक्त करते हुए कुलपति जी ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है जो आज देव उठानी एकादशी के दिन महामना के पूज्य विग्रह के दर्शन, पूजन और स्थापना का सौभाग्य मिला, यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है| साथ ही कुलपति जी ने यह भी कहा कि हम इसी तरह से देश-विदेश से महामना से जुडी हुयी स्मृतियों को विश्वविद्यालय में लाने का प्रयास करते रहेंगे| निदेशक शुक्ला जी ने भगवान् के नित्य-प्रति पूजन, आरती व भोग की भी व्यवस्था सुनिश्चित की| मालवीय जी के अराध्य भगवान् के दर्शन के लिए अध्यापकों, छात्रों तथा कर्मचरियों की भीड़ रही और सभी ने इस कार्य की सराहना करते हुए हर्ष प्रकट किया| उक्त अवसर संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख प्रो. कमलेश झा, प्रो. धनंजय पाण्डेय. डॉ. शशिकांत द्विवेदी, प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी, डॉ. सरोज कुमार पाढ़ी प्रो वशिष्ठ अनूप आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे|