तुलसी विवाह आज, इसमें होता है वहां मां लक्ष्मी और भगवान का वास

  • हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय स्थान दिया गया है और अधिकतर घरों में माता तुलसी का नियमानुसार पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां मां लक्ष्मी और भगवान का वास होता है। इस वर्ष तुलसी विवाह आज यानि 24 नवंबर को है। इस दिन को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने घरों में तुलसी और शालिग्राम की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनका विधि-विधान से पूजन करते हैं। इस दिन तुलसी के पौधे को विशेष रूप से सजाया जाता है और उसे श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है। तुलसी विवाह का त्योहार सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करते हैं। इस बार भी लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं. लोग अपने घरों में तुलसी और शालिग्राम की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं और उनका पूजन करने के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप अपने घर में तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हैं, तो तुलसी के पौधे को आप दुल्‍हन की तरह कैसे सजा सकते हैं। तुलसी की पत्‍ते छाटें: तुलसी की जो पत्तियां सूख गई हैं या काली पड़ गई हैं, उन्हें छांट लें। तुलसी के पौधे में लगी मिट्टी को साफ कर लें। यदि उसमें पुराने फूल या फिर प्रसाद चढ़ा है तो उसे हटा लें। तुलसी विवाह का त्योहार सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करते हैं। इस बार भी लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। लोग अपने घरों में तुलसी और शालिग्राम की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं और उनका पूजन करने के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप अपने घर में तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हैं, तो आपको अपने घर में कैसे तैयारी करनी हैं, कैसे आपको घर में विवाह संपन्न करवाना है और आपको किन चीजों की जरूरत होगी।तुलसी विवाह पर कैसे करें घर पर तैयारी, जानें इसकी सरल विधि
    तुलसी विवाह के दिन नहा धोकर सुबह-सवेरे स्वच्छ कपड़े पहन लें और विवाह की तैयारी शुरू कर दें। इस दिन तुलसी के पौधे को घर के बीच में या आंगन में एक चौकी पर स्थापित करें, तुलसी के गमले को गेरु औ चुनरी से दुल्हन की तरह सजाएं। तुलसी के पौधे की चौकी के साथ भगवान शालिग्राम की मूर्ति स्थापित करें। तुलसी माता को शालिग्राम भगवान के दांए तरफ रखें।इसके साथ ही अष्टदल कमल बनाएं और उसपर पानी का कलश रखें. कलश पर स्वास्तिक बनाएं, उसपर नारियल रखें। गन्ने का मंडप तैयार करें, इसके तुलसी के गलमले में लगाएं. तुलसी के समझ घी का दीपक जलाएं, शालिग्राम भगवान को हल्दी लगाएं, गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप लगाएं। इसके बाद शालिग्राम भगवान को चौकी समेत हाथ में लेकर तुलसी की सात बार परिक्रमा करें। शालिग्राम भगवान की चौकी कोई पुरुष ही उठाएं. इस दौरान आप मंगल गीत जरुर गाएं।अंत में तुलसी माता और शालिग्राम भगवान दोनों की आरती करें. इसी के साथ विवाह संपन्न की घोषणा करें , भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद लोगों में बांटे. इस दिन खीर और पूड़ी के प्रसाद का भोग लगाया जाता है।
    तुलसी को जल चढ़ाएं: तुलसी विवाह के दिन आपको को केवल तुलसी को जल ही नहीं चढ़ाना है, बल्कि आपको तुलसी के पौधे के हर पत्ते को जल से साफ करना है और किसी एक पत्ते पर हल्दी और तेल भी चढ़ाना है।
    तुलसी को वस्त्र पहनाएं: तुलसी के पौधे को इस दिन नए वस्त्र पहनाएं. वैसे तो बहुत से घरों में मिट्टी और गेरू के इस्तेमाल से तुलसी के पौधे का मुंह, हाथ और पैर भी बनाए जाते हैं. वैसे तो तुलसी को लाल रंग नहीं पहनाया जाता है, इसलिए आप गुलाबी रंग के वस्‍त्र तुलसी को अर्पित करें. आप लहंगा और चोली भी तुलसी को पहना सकती हैं और वस्‍त्रों के साथ-साथ आपको उन्‍हें पूरे गहने भी पहनाने चाहिए।
    तुलसी को पर चढ़ाएं ये सामान: तुलसी के पौधे पर कांची चूड़ी, आलता, मेहंदी, मोगरे का गजरा और कमल का पुष्प भी इस दिन जरूर अर्पित करें. इतना ही नहीं, आपको तुलसी के श्रृंगार में पक्‍के सिंदूर का प्रयोग भी करना चाहिए. इसके अलावा पीले रंग का एक कपड़ा गठबंधन के लिए जरूर रखें. वहीं शालिग्राम को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
    इन बातों का रखें ध्‍यान: इस दिन तुलसी के पौधे से एक भी पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए।
    तुलसी को कभी भी लाल रंग का सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए।
    तुलसी को गुलाब का फूल अर्पित न करें।
    तुलसी पर तिल और केले का प्रसाद भी आप अर्पित कर सकते हैं। यह दोनों श्री विष्णु को अति प्रिय होता है। रिपोर्ट अशोक झा

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