भ्रष्टाचार के खिलाफ गंगाराम ने कलेक्ट्रेट पर किया आत्मदाह का प्रयास
भ्रष्टाचार के खिलाफ गंगाराम ने कलेक्ट्रेट पर किया आत्मदाह का प्रयास
उप्र बस्ती जिले मुंडेरवां थाना क्षेत्र के बेहिल गांव का एक युवक सोमवार को दिन में करीब 12.40 बजे कलेक्ट्रेट पर आत्मदाह करने पहुंच गया। इसकी जानकारी उसने 15 दिन पहले जिला प्रशासन को पत्र के माध्यम से दिया था। पुलिस की सक्रियता से फिलहाल अनहोनी टल गयी, घटना के समय कलेक्ट्रेट में कोई जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं था।
कलेक्ट्रेट के गेट पर हाथ में किरोसिन ऑयल का गैलन लेकर पहुंचे गंगाराम यादव ने अपने ऊपर किरोसिन डाल जैसे ही माचिस निकालकर आग लगाने की कोशिश की, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उससे बलपूर्वक माचिस छीन लिया और उसे पकड़कर कलेक्ट्रेट के पीछे ले गये। यहां पुलिस ने उसकी कमीज उताकर कपड़े से किरोसिन साफ किया और हिरासत में लेकर पुलिस लाइन ले गई।
गंगाराम ने बेहिल ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार मामले को लेकर ने पूर्व में डीएम से तमाम शिकायतें की लेकिन नतीजा सिफर रहा। जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती और आरोपियों को संरक्षण देने में पूरा तंत्र जुटा रहा। यहां तक कि आत्मदाह की चेतावनी देने के बाद भी प्रशासन नींद से नही जागा और युवक खौफनाक कदम उठाने का दुस्साहस कर बैठा। गंगाराम की मानें तो आत्मदाह का डेडलाइन दिये जाने के बाद मामलों की जांच करने मनरेगा लोकपाल, डीपीआरओ मौके पर पहुंचे लेकिन जांच बेनतीजा रही। डीपीआरओ भी 24 नवम्बर को जांच के लिये बेहिल गांव में पहुंची। उन्होने हैंड पंप रिबोर और मरम्मत के नाम पर रुपये निकालने की शिकायत के बारे में जांच किया।
उन्होने 8 हैंडपंपों की जांच की, 3 पर प्राइवेट नल की मुंडी लगी थी। गांव के लोगों ने कहा इन नलों का मरम्मत नही हुआ और न ये रिबोर कराये गये। मनरेगा एवं हैंडपंप मामले में किये गये फर्जीवाड़े की जांच मुख्य विकास अधिकारी ने जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी को सौंपकर 30 नवंबर तक रिपोर्ट मांगा था। समय सीमा बीत गई जांच रिपोर्ट उनके कार्यालय को नहीं मिली। गंगाराम का कहना है कि जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी को दो साल पहले भी खड़ंजा निर्माण में किये गये भ्रष्टाचार की जांच मिली थी, आज तक उनकी जांच पूरी नही हुई। उनसे क्या उम्मीद करें।
गंगाराम ने यह भी कहा जॉब कार्ड में किये गये फर्जीवाड़े की जांच में तहसीलदार ने पुरूष को महिला दिखाकर भ्रामक रिपोर्ट तैयार किया और संबंधित से फर्जी शपथ पत्र भी ले लिया। मौजूदा अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संरक्षण दे रहे हैं और जांच के नाम पर शिकायतकर्ता को हतोत्साहित कर रहे हैं। कोतवाल शशांक शेखर राय ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि गंगाराम को हिरसात में लेकर एसडीएम कोर्ट में भेजा गया है। उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
एसडीएम अतुल आनंद ने कहा कि गंगाराम को कोर्ट में पेश किया गया था। उसे समझाया गया है कि मामले की जांच सीडीओ स्तर पर चल रही है। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक वह कोई कदम न उठाए। उसे समझा बुझा कर घर भेज दिया गया है।