वायरल हो रहे वीडियो को लेकर टीएमसी बना रही दूरी से बढ़ती जा रही ज्योतिप्रिय मल्लिक की मुश्किलें
सिलीगुड़ी: पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का नाम राशन भ्रष्टाचार में शामिल है। इस बार विधाननगर नगर पालिका के वार्ड नंबर 5 की तृणमूल पार्षद नंदिनी बंद्योपाध्याय के पति जयब्रत बंद्योपाध्याय ज्योतिप्रिय के खिलाफ विस्फोटक हैं। एक वायरल वीडियो संदेश में (वीडियो की प्रामाणिकता सत्यापित नहीं की गई है) उन्होंने कहा, “मैं दिल का दौरा पड़ने के कारण बिस्तर पर हूं, मेरी पत्नी दार्जिलिंग से बालू दा के साथ है। जयब्रत बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘ज्योतिप्रिय मल्लिक का उनकी पत्नी के साथ 2017 से करीबी रिश्ता था। उन्होंने यहां तक दावा किया कि उनकी पत्नी ज्योतिप्रिया मल्लिक के साथ दार्जिलिंग गई थीं। विधाननगर उपचुनाव में टिकट मिलने के बाद नंदिनी बदल गईं। जयब्रत ने दावा किया कि बिधाननगर नगर पालिका के इस पार्षद ने उनके पति को उनसे संपर्क करने से मना किया था। 2022 में चुनाव जीतने के बाद नंदिनी बनर्जी ने एक फ्लैट खरीदा और कहीं और चली गईं। तृणमूल पार्षद के पति ने भी शिकायत की, ‘पत्नी इतनी अज्ञानी हैं कि बालुदा कह भी नहीं सकतीं। वह उसे उसके पास ले जाती थी, पकाती थी और ले जाती थी। वही पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का नाम राशन भ्रष्टाचार में शामिल है
वही दूसरी ओर इस सप्ताह राज्य विधानसभा परिसर में राज्य वन विभाग के एक कार्यक्रम के लिए मंगलवार को जारी निमंत्रण पत्र में मंत्री के रूप में मल्लिक का नाम नहीं है।।अक्टूबर में उनकी गिरफ्तारी के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में, राज्य के वन मंत्री के रूप में मल्लिक के स्थान पर किसी की नियुक्ति की घोषणा नहीं की गई और इसके बजाय यह कहा गया कि उनकी अनुपस्थिति में विभाग के मामलों का प्रबंधन राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा द्वारा किया जाएगा। इसे यह संदेश देने की कोशिश के रूप में देखा गया कि संकट की घड़ी में पार्टी मल्लिक के साथ है। हालांकि, अब वन विभाग के निमंत्रण पत्र से उनका नाम गायब होने से अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यह सत्तारूढ़ दल नेतृत्व का दागी मंत्री से दूरी बनाने का पहला संकेत है। हालांकि, राज्य वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मल्लिक का नाम निमंत्रण से हटाने का निर्णय इस मामले में किसी और विवाद से बचने के लिए लिया गया, जहां विपक्ष को राज्य सरकार पर हमला करने का मौका मिल सकता था। राज्य वन विभाग की वेबसाइट पर अभी भी राज्य के वन मंत्री के रूप में मल्लिक का नाम है। साल्ट लेक में अरण्य भवन में राज्य वन विभाग मुख्यालय में उनके कमरे के दरवाजे पर उनकी नेमप्लेट भी बरकरार है। रिपोर्ट अशोक झा