कल्याण बनर्जी को लेकर ममता नाराज, भाजपा को मिला बड़ा मुद्दा

कोलकाता: राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के बर्ताव से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज बतायी जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन के बाहर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को फोन किया मामले में बात की। बता दें कि मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर मजाया उड़ाया था।हालांकि टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने उनके कार्य की सराहना करते हुए कहा कि उपराष्टपति का जो आचरण है वह मिठाई खिलाने वाला नही है। संसद सेक्यूरिटी ब्रीच मामले के बाद विपक्ष हमलावर है, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों की मांग थी कि इस विषय पर गृहमंत्री अमित शाह को बयान देने में आखिर परेशानी ही क्या है।तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बुधवार को इस बारे में जानकारी दी है।।उन्होंने बताया है कि संसद परिसर के बाहर जिस तरह कल्याण बनर्जी ने जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाया है उससे लोगों में नाराजगी है। कल्याण के वीडियो को बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है, जिसके बाद लोग कह रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लोग खुद अपनी हार के लिए रास्ता बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर शेयर इस वीडियो को लेकर तृणमूल कांग्रेस भी असहज स्थिति में है। संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति का इस तरह से मजाक उड़ाना नागवार गुजर रहा है। खुद तृणमूल कांग्रेस ने भी इस मामले में मीडिया में सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। ।बहरहाल, एक अन्य नेता ने कहा कि कल्याण बनर्जी पहले से ही अपने बर्ताव के जरिए पार्टी को मुश्किल में डालते रहे हैं। बंगाल में भी ममता बनर्जी बनाम अभिषेक बनर्जी की बहस उन्होंने शुरू की थी जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। अब जबकि लोकसभा चुनाव कुछ ही दिन रह गए हैं तब उनका इस तरह का बर्ताव निश्चित तौर पर पार्टी को नागवार गुजर रहा है। उल्लेखनीय है कि श्रीरामपुर लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को संसद परिसर में उपराष्ट्रपति की मिमिक्री की थी। विपक्ष के 141 सांसदों को सस्पेंड किए जाने को लेकर कांग्रेस और बाकी दलों के सदस्यों के साथ वह विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। जब वह उपराष्ट्रपति की मिमिक्री कर रहे थे तब राहुल गांधी उनका वीडियो बना रहे थे।। मंगलवार 19 दिसंबर को नए संसद के मकर द्वार पर जो कुछ हुआ उसे लेकर सियासत गरमा गई है। टीएमसी सांसद कल्यान बनर्जी ने विपक्षी सांसदों की मौजूदगी में राज्यसभा के सभापति की मिमिक्री की।।उनकी मिमिक्री पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा भी था कि कुछ मर्यादा तो बनी रहनी चाहिए। इन सबके बीच हम बताएंगे कि कल्याण बनर्जी कौन हैं। पहले वकील फिर बने नेता: 1957 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल में कल्यान बनर्जी का जन्म हुआ था. उनकी पढ़ाई लिखाई बांकुरा के समिलानी और रांची कॉलेज से हुई थी. कानून की शिक्षा हासिल करने के बाद 1981 से कोलकाता हाइकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. प्रैक्टिस के दौरान ही उनके विचार भाव में बदलाव आया और सक्रिय राजनीति में भागीदारी का फैसला किया. टीएमसी का हिस्सा बनने से पहले वो पश्चिम बंगाल यूथ कांग्रेस के लीगल विंग के हिस्सा थे और 1991-97 के दौरान पश्चिम बंगाल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने. लेकिन उसी दौर में जब कांग्रेस से अलग हो ममता बनर्जी खुद के लिए जमीन तैयार करने में जुटीं तो 1998 में एक बड़े फैसले में कांग्रेस को छोड़ दिया और टीएमसी के महासचिव बने। 1957 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल में जन्म: बांकुरा के समिलानी रांची लॉ कॉलेज से पढ़ाई: 1981 से कोलकाता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस: पश्चिम बंगाल कांग्रेस के लीगल सेल से जुड़े1991-97 तक पश्चिम बंगाल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष: 1998 में टीएमसी के महासचिव: 2001-06 तक टीएमसी विधायक: 2009 में पहली बार सांसद बने, 2014, 2019 में फिर सांसद बने। इस तरह ममता के बने चहेते: 2000 तक पश्चिम बंगाल में टीएमसी जगह बनाने में कामयाब हो चुकी थी और उसका फायदा कल्यान बनर्जी को भी मिला. 2001-2006 में वो विधायक रहे. सियासी सड़क पर उनका सफर सरपट दौड़ रहा था. 2007-09 के दौराम टीएमसी के उपाध्यक्ष बनाए गए और 2009 में पहली बार लोकसभा के सदस्य बने. 2009 का चुनाव उनके लिए इसलिए भी खास रहा क्योंकि सीपीएम के दिग्गज संतश्री चटर्जी को परास्त किया था. जीत का कारवां आगे बढ़ता रहा. 2014 में सीपीएम के ही कद्दावर नेता तीर्थंकर रे को हराया और 2019 में भी से रामपुर से जीत दर्ज की. कल्यान बनर्जी संसद की कई समितियों के सदस्य भी रहे हैं। रिपोर्ट अशोक झा

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