क्रिसमस डे का जश्न पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्र
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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्रिसमस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होने लोगों से अपील की कि क्रिसमस डे का जश्न पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक है तथा सनातन को मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए। हमें अपने बच्चों को पश्चिमी संस्कृति की ओर जाने से रोकना चाहिए।।क्रिसमस के मौके पर धीरेंद्र शास्त्री हिन्दुओं से अपनी संस्कृति को याद रखने की बात कहते नजर आए। उन्होंने कहा, “क्रिसमस हमारी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। यदि आप सनातन हैं तो अपने बच्चों को पश्चिमी संस्कृति की ओर न भेजें। बच्चों को सांता के पास नहीं बल्कि हनुमान जी के पास भेजें।”धीरेंद्र शास्त्री अक्सर इस तरह के बयान देते नजर आते हैं। लोगों की पर्ची निकालने को लेकर वो सुर्खियों में बने रहते हैं। उनका दावा है कि उनके ऊपर हनुमान जी कृपा है। इसकी वजह से ही वो लोगों के मन की बात, परेशानी इत्यादि बता देते हैं। धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि वो जो भी बताते हैं उसका आदेश उन्हें हनुमान जी देते हैं और उसकी अवहेलना करना या उसको गलत बताना किसी के बस की बात नहीं है। वो कई बार यह कहते नजर आए हैं कि उन्हें हिन्दू धर्म के प्रचार का आदेश मिला है। आज क्रिसमस के मौके पर उन्होंने हिन्दुओं से अपने धर्म को छोड़ कर दूसरे धर्म को मानने से मना किया है। धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि क्रिसमस हिन्दुओं का त्योहार नहीं है। आज कल युवाओं में सांता का क्रेज बढ़ता जा रहा है इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को अपने बच्चों को सांता के पास नहीं बल्कि हनुमान जी के पास भेजना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि गुरु कृपा से उन्हें आदेश मिला है कि वो सनातन धर्म का प्रचार करें। उन्होंने कहा, “यह सब हम जनकल्याण के लिए करते हैं, लेकिन लोग अपनी-अपनी दृष्टि से इसको देखते हैं। गुरु जी ने मुझे जो हनुमान जी की पूजा-पाठ बताया था वही करता हूं, मैं कोई बड़ा तप नहीं करता।” रिपोर्ट अशोक झा