भाजपा महिला विरोधी है, राम का तो नारा लगाते है पर सीता को भूल गए : ममता बनर्जी

कोलकाता: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले ‘धर्म के राजनीतिकरण’ की कोशिश करने को लेकर सोमवार की भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने भगवान राम के बारे में विमर्श से देवी सीता को हटा देने के लिए बीजेपी को ‘महिला विरोधी’ बताया। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन तृणमूल कांग्रेस द्वारा कोलकाता में आयोजित मार्च का नेतृत्व करते हुए ममता ने देश में धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता के सिद्धांतों को संरक्षित करने में बंगाल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। रैली में अपने संबोधन के दौरान ममता ने कहा, ‘मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती। मैं ऐसी परिपाटी के खिलाफ हूं। मुझे भगवान राम की पूजा करने वालों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लोगों की खान-पान की आदतों में हस्तक्षेप पर आपत्ति है।’ ममता ने विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं और पार्टी नेताओं के साथ हाजरा मोड़ से ‘सर्व-धर्म सद्भाव’ मार्च शुरू किया, जो यहां पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर समाप्त हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘वे (भाजपा) भगवान राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन देवी सीता का क्या? वह वनवास के दौरान हमेशा भगवान राम के साथ रहीं। वे उनके बारे में नहीं बोलते, क्योंकि वे महिला विरोधी हैं। हम देवी दुर्गा के उपासक हैं, इसलिए हमें धर्म के बारे में उपदेश देने की उन्हें कोशिश नहीं करनी चाहिए।’ ममता इस रास्ते पर पड़ने वाली मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों सहित विभिन्न धार्मिक स्थानों पर पहुंचीं। रैली हाजरा मोड़ से पार्क सर्कस मैदान तक गई। इससे पहले ममता कोलकाता के कालीघाट मंदिर पहुंचीं और काली माता की पूजा की थी। ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करके भाजपा वोट जुटाने की चाल चल रही है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे उत्सवों का समर्थन नहीं करती हूं जो दूसरे समुदाय को शामिल न करें।
साउथ 24 परगना में एक कार्यक्रम में ममता ने कहा कि मैं ऐसे त्योहार में भरोसा करती हूं जो सबको साथ लाए, सबकी बात करे। आपको जो करना है करो, आपको लोकसभा चुनाव के पहले ऐसी तिकड़म लगानी है, लगाओ, मुझे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों को दरकिनार करना सही नहीं है। जब तक मैं जिंदा हूं, हिंदू और मुस्लिमों के बीच भेदभाव नहीं होने दूंगी। रिपोर्ट अशोक झा

Back to top button