तीसरे चरण के चार लोकसभा सीटों पर भाजपा, टीएमसी और कांग्रेस में दिख रहा मुकाबला

उमर इलियासी का कहना है कि अभिषेक नए भारत के उदय का संकेत

सिलीगुड़ी: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बंगाल के चार लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होना है। तीसरे चरण में बंगाल के राज्य के मालदा उत्तर मालदा दक्षिण जंगीपुर और मुर्शिदाबाद सीट पर चुनाव होना है। यह चरण तृणमूल भाजपा और कांग्रेस के लिए अहम है। चार लोकसभा सीटें में नॉमिनेशन – 101, स्क्रूटनी – 59, शेष कैंडिडेट – 57 है। यह सभी लोकसभा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य है। यहां भाजपा के खिलाफ यह भ्रम फैलाया जा रहा है की अगर भाजपा जीती तो मुस्लिमों को मुल्क से बारह निकाल दिया जाएगा। आरएसएस के संबंध में कई प्रकार का दुष्प्रचार किया जा रहा है। ऐसे में जबकि भाजपा की ओर से अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ. उमैर अहमद इलियासी, जो एकमात्र मुस्लिम धार्मिक थे। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख डॉ. उमर अहमद इलियासी के दिए गए बयानों को लोगों तक पहुंचा रहा है। जिसमे उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को ‘राष्ट्रपिता’ बताया। भागवत और इलियासी के बीच मुलाकात हुई थी। ये मुलाकात दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित मस्जिद में हुई थी। इसके बाद भागवत उत्तरी दिल्ली के आजादपुर में स्थित मदरसे में भी पहुंचे। यहां भागवत जब बच्चों से बात कर रहे थे, तभी इलियासी ने उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ बताया। हालांकि, आरएसएस के अधिकारियों का कहना है कि इस पर भागवत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि राष्ट्रपिता एक ही हैं और हम सब भारत की संतान हैं। इस मुलाकात के बाद इलियासी ने पत्रकारों से कहा, ‘वो राष्ट्रपिता हैं। हमने देश को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की।’ उन्होंने कहा कि भागवत के दौरे से बड़ा संदेश जाएगा। हम सबके लिए, देश पहले है। हमारा DNA एक ही है, बस पूजा करने के तौर-तरीके अलग-अलग हैं। इतना ही नहीं 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि किसी भी जिम्मेदार मुस्लिम संगठन या नेता ने खिलाफ बात नहीं की, जो उनके प्रयासों के लिए उनके मौन समर्थन का संकेत देता है। डॉ. इलियासी, जो 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने वाले एकमात्र मुस्लिम धार्मिक नेता थे, ने कहा कि उनकी यात्रा ने कई मिथकों और गलतफहमियों को तोड़ दिया, जिससे समाज में शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ और नफरत के युग का अंत हुआ। डॉ. उमैर अहमद इलियासी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्रोल को “उन लोगों की राय” कहकर खारिज कर दिया, जिन्हें खुद को अभिव्यक्त करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि जब उन्हें राम जन्मभूमि शिलान्यास ट्रस्ट से मिला। उनका मन स्पष्ट था कि यह उनके लिए एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। “मैंने राष्ट्रहित में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में भाग लिया। मैं चाहता था कि इस अवसर पर नफरत का अंत हो और अयोध्या से एक सकारात्मक संदेश निकले। मेरा मानना ​​है कि मेरे प्रयास अच्छे रहे। मुझे सभी का प्यार मिला।” मेरे प्रति सम्मान दिखाया। मेरी उपस्थिति ने मुसलमानों की ओर से एक सकारात्मक संकेत और संदेश के रूप में कार्य किया।” भव्य समारोह के अपने अनुभव साझा करते हुए इलियासी ने कहा कि उन्होंने एक नए भारत का उदय देखा है।रिपोर्ट अशोक झा

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