कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता दीदी भाजपा से डर गई
इंडिया गठबंधन: तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं तुम किसी और को चाहोगे तो मुश्किल होगी’!
सिलीगुड़ी: एक ट्वीट: ‘कूड़ा था कूड़ेदानी में चला गया’! यानी फिर वही कि ‘तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं तुम किसी और को चाहोगे तो मुश्किल होगी’! फिर होता रहा ‘पलटूराम’, ‘पलटराम’, ‘पलटदास’, ‘गिरगिटों के भी गिरगिट’..। यह विहार में परिवर्तन के बाद होता रहा। अब ममता बनर्जी के बाद इंडिया गठबंधन की दो अहम सहयोगी कांग्रेस और टीएमसी पश्चिम बंगाल में एक दूसरे पर हमलावर होती जा रही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि ममता दीदी भाजपा से डर गई हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा है कि ममता दीदी के बदलते बयान और बदलता रुख भाजपा के प्रति उनके डर का संकेत है। वह भाजपा से डर गई हैं इसलिए उन्हीं की भाषा बोल रही हैं। अधीर ने कहा कि ममता दीदी और भाजपा के सुर एक जैसे हैं। उन्होंने कहा कि हमने टीएमसी से पश्चिम बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर जो पेशकश की उसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद टीएमसी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। हम पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ेंगे और भाजपा को हराएंगे। अधीर रंजन चौधरी का यह बयान ममता बनर्जी के शुक्रवार को उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें संदेह है कि कांग्रेस देश भर में 40 सीटें भी जीत पाएगी। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के 6 जिलों से गुजरने वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की कड़ी आलोचना की थी। ममता ने शुक्रवार को सवाल उठाते हुए पूछा था कि मुझे नहीं पता कांग्रेस 300 सीटों में से 40 जीतेगी या नहीं, फिर ऐसा अहंकार क्यों है ममता ने कहा था कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बंगाल आई लेकिन इंडिया गठबंधन में रहने के बावजूद मुझे आपने बताया नहीं। मुझे अपनी पार्टी के नेताओं से पता चला। उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा था कि, हिम्मत है तो वाराणसी में बीजेपी को हराकर दिखाओ। आप उन जगहों पर भी हार गए जहां पहले जीतते थे। उन्होंने कहा कि आपके पास उत्तरप्रदेश में एक भी सांसद नहीं है। आप राजस्थान में नहीं जीते हैं। जाओ और पहले उन सीटों को जीतो। मैं देखूंगी कि आप कितने साहसी हो। उन्होंने कहा कि जाओ पहले इलाहाबाद और वाराणसी में जीतो। राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बंगाल आगमन का जिक्र करते हुए भी ममता बनर्जी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बीड़ी मजदूरों की बातचीत के उस वीडियो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब फोटो शूट का एक नया स्टाइल चल पड़ा है। जो लोग कभी एक चाय की दुकान पर नहीं गए हैं वह अब बीड़ी श्रमिकों के साथ बैठने का दिखावा कर रहे हैं। ममता ने कहा कि ये सभी प्रवासी पक्षी की तरह हैं। ध्यान रहे कि बीते दिनों कांग्रेस के एक्स हैंडल से राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें दिखाया गया राहुल गांधी तंबाकू विक्रेताओं के एक समूह के साथ बैठकर बातें कर रहे हैं, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनसे उनकी आमदनी और व्यापार को लेकर जानकारी ली थी। कांग्रेस और राहुल गांधी पर ममता बनर्जी के शुक्रवार को हमले और इसके जवाब में अधीर रंजन चौधरी का ममता बनर्जी पर शनिवार को दिया गया बयान बताता है कि कांग्रेस और टीएमसी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। एक दूसरे पर किए जा रहे इन हमले के बाद माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों में दोनों दल अलग-अलग लड़ेंगे। अगर ऐसा होता है तो यह इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा। इस गठबंधन की स्थापना ही भाजपा विरोधी मतों के बिखराव को रोकने के लिए हुई थी। अब भाजपा विरोधी मत लोकसभा चुनाव में अगर पश्चिम बंगाल में बंट जाएंगे तब भाजपा को हराना कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस दोनों के लिए मुश्किल हो सकता है। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन के इन दोनों बड़े दलों के बीच चल रहे इस वाकयुद्ध के कारण विपक्षी दलों को मनोवैज्ञानिक तौर पर भी नुकसान होगा। देश भर में इससे संदेश जा सकता है कि विपक्षी दलों के बीच एकता नहीं है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच बीते कुछ समय से जुबानी जंग चल रही थी। टीएमसी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को 2 सीटों से अधिक देना नहीं चाहती और कांग्रेस इससे अधिक सीट मांग रही है। टीएमसी पर अधीर रंजन चौधरी लगातार हमले करते रहे हैं। टीएमसी नेता कहते रहे हैं कि अधीर रंजन चौधरी के कारण ही कांग्रेस और टीएमसी के बीच के रिश्ते खराब हुए हैं। क्या क्या नहीं कहा गया, लेकिन ‘पलटराम’ ऐसे ‘पित्तमार’ कि एक जवाब नहीं। उनके प्रवक्ता कहिन कि वे जब भी आते हैं, सही जगह आते हैं। कई निंदक कहते दिखे कि यह ‘पलटी’ भी अंतिम नहीं। एक प्रवक्ता ने पहले ही कह दिया था कि वे नहीं, दूसरे ही उनकी ओर पलटते हैं। फिर ‘बिहार-हित’ में यह सब करना पड़ता है। एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने साफ किया कि हमने कांग्रेस को ‘लेजिटमेसी’ दिलाई, लेकिन उसके ‘गठजोड़’ ने हमारे साथ दगा किया। कुछ एंकर मस्त कि ‘इंडी’ की तो अब ‘पिंडी’ बन गई। जो सबको एक करने चला था वही चला गया… अब बचा क्या? एक भक्त प्रवक्ता ‘मंदिर’ के ‘मुहूर्त’ पर सवाल उठाने वालों पर कटाक्ष करते रहे कि ऐसे लोगों को पहले राहुल की ‘न्याय यात्रा’ के मुहूर्त के बारे पता कर लेना चाहिए कि वे किस ‘मुहूर्त’ में निकले कि जहां गए वहीं बंटाढार। बंगाल गए, ममता गई। बिहार गए, नीतीश गए। पंजाब से ‘आप’ गई। यूपी से ‘सपा’ गई। बचा क्या? इसे कहते हैं ‘बर्बादियों का शोक मनाना फिजूल था… बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया’। बहस में शाश्वत आक्रामक कांग्रेसी प्रवक्ता ने गाने को ‘सही’ किया कि ‘शोक’ नहीं ‘सोग’ है, तो जवाब आया कि ‘शोक’ ही से तो ‘सोग’ बना है… क्या गाने को इस तरह सही करके ‘कटाक्ष’ को ‘मंजूरी’ दी जा रही थी? जरा-सी ढीली गेंद और लगा ‘छक्का’! पूरे सप्ताह ‘ईडी’ खबरों में रही। इधर दो मुख्यमंत्रियों को समन पर समन, लेकिन वाह मुख्यमंत्री, कि समन ठेंगे से। एक को नौवां समन और वह इकतालीस घंटे गायब! इधर विपक्ष ने चिपकाया ‘गुमशुदा की तलाश’ वाला पोस्टर कि ‘खबर देने वाले को ग्यारह हजार का इनाम’ और उधर ‘नौ समन वाले’ मुख्यमंत्री के घर पर ‘ईडी’ के छापे। दो बीएमडब्लू और छत्तीस लाख नकद बरामद। इसके बाद मुख्यमंत्री अचानक पूछताछ के लिए हाजिर और गिरफ्तार। फिर एक दिन लालू जी और एक दिन बेटा तेजस्वी ‘ईडी’ के सामने हाजिर और वही दृश्य कि आगे-आगे नेताजी पीछे-पीछे पीछे समर्थक जी नारे लगाते कि अपना नेता कैसा हो! इसे देख एक भक्त प्रवक्ता बोले ‘एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी’! ईडी की कार्रवाइयों पर बहसें चलती रहीं और हर बहस में कोई न कोई विपक्षी प्रवक्ता कहता रहा कि ‘ईडी’ अक्सर विपक्षी नेताओं को ही क्यों निशाने पर लेती है और दबाव में आकर सत्ता पक्ष में जाते ही कई नेता दूध के धुले कैसे हो जाते हैं? विपक्ष इसे भाजपा की ‘वााशिंग मशीन’ कहता है और सत्ता के प्रवक्ताओं के पास इस आरोप का कोई तसल्लीबख्श जवाब अक्सर नहीं दिखता! इसी बीच विपक्ष एक बड़े नेता ने देश को चेताया कि वोट देने का यह आखिरी मौका है… इसके बाद चुनाव नहीं होगा… डर के कोई दोस्ती छोड़ रहा है, कोई पार्टी छोड़ रहा है। इतने डरपोक लोग हैं तो ये क्या मुल्क को बचाएंगे..! डरा विपक्ष कहता है कि सत्ता हमसे डरी हुई है, इसीलिए हमें डराती रहती है, लेकिन हम डरने वाले नहीं! ऐसे ‘डरे निडरे’ वीरों को हमारा सादर नमन। इसी बीच ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में शामिल होने वाले इमाम इलियासी को फतवा दे दिया गया तो कई चैनल बहसने लगे कि इस देश में फतवा चलेगा या कानून? इलियासी बोले कि मुझसे माफी मांगने को कहा गया है, लेकिन सुन लो मेरी बात कि मैं न झुका हूं, न झुकूंगा… ये बदलता भारत है।फिर दो-दो हिलाने वाली खबरें एक साथ आईं कि मंदिर तो हो गया अब समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लाना है। एक अंग्रेजी एंकर आकुल दिखा कि इधर भाजपा अपना एजंडा लेकर आगे बढ़ रही है, उधर विपक्ष एकदम ‘अचंभित और भ्रमित है। एक मंत्री कह दिए कि ‘यूसीसी’ पूरे देश में लागू करेंगे।फिर एक खबर आई कि अब तक अयोध्या में दर्शनार्थियों का तांता लगा है, पहले पांच दिन में इक्कीस लाख श्रद्धालु ‘रामलला’ के दर्शन कर चुके है। पांच करोड़ रुपयों का चढ़ावा आ चुका है। बहुत-सा चढ़ावा ‘आनलाइन’ आ रहा है। और फिर आया बजट सत्र! वित्तमंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें लोकप्रियतावाद का तत्त्व न देख, विपक्ष बोला कि ये कैसा बजट, न रोजगार की बात न किसान की फिर भी संसद शांति से चलती रही। और फिर आई प्रधानमंत्री की दो बार ‘राम राम’! पहली ‘राम राम’ अभी के लिए, दूसरी ‘राम राम’ चौबीस के लिए अग्रिम में! आश्चर्य कि विपक्ष इस ‘राम राम’ से कतरा के निकल गया! चलते चलते: झारखंड में हेमंत सोरेन की ‘पत्नी’ की जगह नए मुख्यमंत्री के रूप में ‘चंपई सोरेन’ की शपथ! संविधान जिदाबाद! रिपोर्ट अशोक झा